मानद पत्रकार देवर्षि नारद जयंती पत्रकार संवाद
वर्तमान पत्रकारों का भाषा पर नियंत्रण जरूरी – मूणत
थांदला से (विवेक व्यास, माधव एक्सप्रेस) झाबुआ। देवर्षि नारदमुनि के जयंती अवसर पर झाबुआ जिलें के पत्रकारों का संवाद विश्व संवाद केंद्र द्वारा एक निजी स्थान पर आयोजित किया गया। कार्यक्रम की शुरुआत मानद पत्रकार ऋषि नारद एवं भारतमाता के चित्र पर माल्यार्पण व द्वीप प्रज्वलन कर की गई। विकास जोशी ने अतिथि परिचय दिया। कार्यक्रम की अध्यक्षता कर रहे वरिष्ठ साहित्यकार गणेश उपाध्याय ने प्रथम उद्बोधन में नारद जी के संवाद ज्ञान और उनकी भाषा निपुणता के विषय में विस्तृत बात कही। उन्होनें कहा कि नारदजी न सिर्फ समस्या की चर्चा और संवाद करते थे अपितु समस्या का हल भी कर दिया करते थे। उनके संवाद तीनो लोक के सभी प्राणियों से थे। उपाध्याय ने पत्रकारों पर स्वरचित रचना पाठ करते हुए पत्रकारों को पत्रकारिता की चुनितियों को बताते हुए उनसे डट कर सामना करने की बात कही। मुख्य अतिथि वक्ता स्टेट प्रेस क्लब सचिव वरिष्ठ पत्रकार राजेश मूणत ने कहा कि ऋषि नार गूढ़ पत्रकरिता के जनक माने जाते है। उन्होनें अनेक भाषाओं में महारत हासिल थी वही उनके मजबूत व तटस्थ सूचना तंत्र थे तभी वे बिना साधन के भी आवश्यकता अनुसार तीनों लोक में पहुँच कर समस्याओं का निदान करवा दिया करते थे। उन्होनें कहा कि नारदजी की पत्रकारिता सत्य और सिद्धांत पर निर्भीकता से आगे बढ़ने की प्रेरणा देती है। उन्होनें वर्तमान पत्रकारिता पर चिंता व्यक्त करते हुए कहा कि पत्रकारों का भाषा पर नियंत्रण होना जरूरी है व कम शब्द में अपनी सार गर्भित बात रखने की कला भी आना जरूरी है तभी वह प्रभावी होकर समाचार पत्र में स्थान पाती है। संवाद कार्यक्रम का संचालन रिंकेश बैरागी ने किया वही वरिष्ठ पत्रकार मुकुल सक्सेना ने अतिथियों ओर पत्रकार साथियों का आभार व्यक्त कर सहभोज के लिए आमंत्रित किया। नारद विश्व संवाद कार्यक्रम में झाबुआ, मेघनगर, थांदला, पेटलावद, कल्याणपुरा आदि स्थानों के चयनित पत्रकार सम्मिलित हुए।