



(शंकर सिंह राजपूत)
राजपुर भाजपा मंडल अध्यक्ष डॉक्टर जगदीश यादव ने कहा की चर्चा इस पर हो रही है कि अयोध्या के बाद काशी, मथुरा, कुतुबमीनार और अब ताजमहल, आखिर देश में हो क्या रहा है। यह सब बोल रहे है पर इस हिंदुस्तान में यह बोलने वाला और इन देश के नासमझ गद्दारों को समझाने वाला कोई आगे आकर नहीं बोल रहा की हिंदुस्तान में हिंदुओं के मंदिर को तोड़कर ही मुगल शासकों ने मस्जिदे क्यों बनवाईं हमारे हिंदू राजाओं ने कभी मस्जिदें को तोड़कर मंदिर उनके ऊपर मंदिर क्यों नहीं बनवाए अरे हम तो अभी भी वही वापस मांग रहे हैं जो हमसे हमारे इष्ट देवों के मंदिरों को जबरन मस्जिदें बनाई गई थी उन मंदिरों को ही वापस मांग रहे हैं वो भी पूरे प्रमाण के साथ यह तो कुछ महत्वपूर्ण मंदिर मांगे जा रहा है अगर मुगल शासकों की जमाने की पुरानी हर मस्जिद की जांच की जाए तो उसमें निसंदेह ही नीचे मंदिर ही निकलेंगेजबकि चर्चा इस पर भी होनी चाहिए कि आखिर हर मस्जिद के अंदर से मंदिरों के प्रमाण कैसे निकल रहे है ? चर्चा इस पर भी होना चाहिए कि मंदिरों पर मस्जिद क्यों बनाई गई ?चर्चा का विषय ये भी होना चाहिए कि तथाकथित महान मुगलों ने मंदिर क्यों विध्वंस किये ? चर्चा में शामिल यह भी होना चाहिए कि तथाकथित सेक्युलर, प्रगतिशील मुगलों ने हिन्दू आस्थाओं को रौंदकर मंदिरों पर मस्जिद क्यों बनाई ? चर्चा इस पर भी खुलकर होनी चाहिए कि क्या हिंदू आर्किटेक्चर को तोड़ना ही मुगल आर्किटेक्चर था, जिसकी प्रशंसा इतिहासकार करते नही थकते थे। आखिर इन इतिहासकारों की मंशा क्या थी।चर्चा तो इतिहासकारों के झूठ की भी होनी चाहिए जिन्होंने इतिहास के ‘सच’ को सलेक्टिव इतिहास की ‘कब्र’ में दफन कर उसके ऊपर झूठे प्रोपेगैंडा का स्ट्रक्चर खड़ा कर देश को अंधेरे में रखा।पंचमक्कार सच दबाने के लिए चर्चा का विषय मोड़ेंगे लेकिन हमें हर हाल में सेक्युलरिज्म की इमारतों में दफन भारतीय इतिहास को फाड़कर बाहर लाना ही होगा।