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जीएसटी फर्जीवाडे के मास्टरमाईंड दीपक अग्रवाल(चिकना) ने कर्मचारी मनीष अग्रवाल और गोपाल अग्रवाल के नाम से खोली फर्जी फर्में, लंबे समस से करोडों की जीएसटी चोरी कर लगा रहा था सरकार को चूना, वाणिज्यिकर विभाग के शिकंजे में फंसा नीमच का सबसे बडा जीएसटी चोरी का माफियानीमच। एनडीपीएस एक्ट के मामले में डेढ वर्ष तक हरियाणा सोनिपत जेल में बंद रहकर आने के बाद वर्ष 2017 में अग्रवाल सोया के संचालक दीपक अग्रवाल चिकने ने करोडपति बनने के लिए शार्टकट तरीके अपनाना शुरू कर दिए है। आज की स्थिति में दो नंबर के जरिए दीपक अग्रवाल करोडों का आसामी बन गया है। कुख्यात तस्कर बाबू उर्फ जयकुमार सिंधी के साथ मिलकर मादक पदार्थों की तस्करी में लिप्त रहा है वहीं करोडों की जीएसटी चोरी के लिए फर्जी फर्मों का संचालन भी जारी रखा। इंदौर में वाणिज्यिकर विभाग की टीम ने 315 करोड करोड की जीएसटी फर्जीवाडे का मामला पकडा है। इसमें नीमच की दो फर्जी फर्मे अग्रवाल आर्गेनिक और अग्रवाल ओवरसीस है, जो कि दीपक अग्रवाल इनका पर्दे के पीछे संचालन कर रहा था। सूत्रों ने बताया कि ये दोनों फर्जी फर्में दीपक अग्रवाल ने कर्मचारी आनंद किराना से जुडे मनीष अग्रवाल और गोपाल अग्रवाल के नाम से खोली थी, जो कि दोनों दीपक अग्रवाल के यहां काम करते है। बैंक स्टेटमेंट, फर्जी पते सभी जानकारी वाणिज्यिकर विभाग ने हासिल कर ली है। दीपक अग्रवाल से 315 करोड ही नहीं बल्कि इससे ज्यादा की जीएसटी चोरी का खुलासा होने की उम्मीद है। सूत्र बताते है कि करोडों की वसूली से बचने के लिए दीपक अग्रवाल जोडतोड में लगा हुआ है। वहीं इस मामले की शिकायत वाणिज्यिकर आयुक्त तक पहुंच गई है।
नीमच का सबसे बडा जीएसटी कर चोरी का माफिया निकला दीपक सिंहल चिकना— दीपक अग्रवाल कुछ साल पहले दिवालिया घोषित हो चुका था। करोडपति बनने के लिए लिए दो नंबर के रास्ते अपनाए। बताया जा रहा है कि बाबू सिंधी ने करीब 6 करोड रूपए दीपक चिकने को दिए थे, यह पैसा उसने कर्ज में डूबी हुई अग्रवाल सोया पर लगाया और कुछ ही साल में करीब 100 करोड रूपए से ज्यादा का आसामी बन गया।