लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता अब अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय बनी
नई दिल्ली,। राजधानी दिल्ली और उत्तर भारत में लगातार बिगड़ती वायु गुणवत्ता अब देश ही नहीं, बल्कि अंतर्राष्ट्रीय चिंता का विषय बन गई है। सोमवार को ब्रिटेन, कनाडा और सिंगापुर ने अपने नागरिकों के लिए ट्रैवल एडवाइजरी जारी करते हुए दिल्ली-एनसीआर और उत्तर भारत की यात्रा को लेकर सतर्क रहने की चेतावनी दी है। इन देशों ने खराब हवा को गंभीर स्वास्थ्य जोखिम बताते हुए विशेष सावधानी बरतने की सलाह दी है। सेंट्रल पॉल्यूशन कंट्रोल बोर्ड (सीपीसीबी) के मुताबिक, दिल्ली के आनंद विहार इलाके में एयर क्वालिटी इंडेक्स (एक्यूआई) 493 दर्ज किया गया, जो ‘गंभीर’ श्रेणी में आता है। कई अन्य इलाकों में भी एक्यूआई 400 से ऊपर दर्ज किया गया, जिससे लोगों को सांस लेने में दिक्कत, आंखों में जलन और गले में खराश जैसी समस्याओं का सामना करना पड़ रहा है। इसे देखते हुए अब सिंगापुर हाई कमीशन ने अपने बयान में कहा है, कि दिल्ली-एनसीआर में ग्रेप (ग्रेडेड रिस्पॉन्स एक्शन प्लान) का स्टेज-4 लागू होने के मद्देनजर सिंगापुर के नागरिक विशेष सतर्कता बरतें। हाई कमीशन ने यात्रा से पहले एयर क्वालिटी की स्थिति की समीक्षा करने और आवश्यक होने पर यात्रा टालने की सलाह दी है। वहीं, ब्रिटेन के फॉरेन, कॉमनवेल्थ एंड डेवलपमेंट ऑफिस (एफसीडीओ) ने कहा कि उत्तर भारत में अक्टूबर से फरवरी के बीच वायु प्रदूषण एक गंभीर स्वास्थ्य खतरा बन जाता है। एडवाइजरी में गर्भवती महिलाओं, बच्चों, बुजुर्गों और दिल व सांस से जुड़ी बीमारियों से पीड़ित लोगों को भारत यात्रा से पहले डॉक्टर से परामर्श लेने की सलाह दी गई है। कनाडा सरकार ने भी अपने नागरिकों के लिए इसी तरह की चेतावनी जारी की है। कनाडा की एडवाइजरी में कहा गया है कि सर्दियों के मौसम में दिल्ली जैसे शहरी क्षेत्रों में स्मॉग की स्थिति सबसे खराब होती है, जबकि आसपास के ग्रामीण इलाकों में पराली जलाने से भी प्रदूषण बढ़ता है। सांस संबंधी बीमारियों से पीड़ित लोगों को अतिरिक्त सावधानी बरतने की सलाह दी गई है। दिल्ली में प्रदूषण का ताजा हाल राजधानी में घने स्मॉग के कारण दृश्यता काफी कम हो गई है। बीते दिन दिल्ली एयरपोर्ट से 200 से अधिक उड़ानों को रद्द करना पड़ा या उनके रूट बदले गए। खराब हवा के चलते दिल्ली, नोएडा और गाजियाबाद में कक्षा 5 तक के छात्रों के लिए स्कूलों को ऑनलाइन या हाइब्रिड मोड में चलाने के निर्देश दिए गए हैं। इसी के साथ ही प्रदूषण पर नियंत्रण के लिए सरकार ने ग्रेप-4 लागू कर दिया है। इसके तहत निर्माण और तोड़फोड़ से जुड़े कार्यों पर रोक लगा दी गई है और दफ्तरों को 50 प्रतिशत क्षमता के साथ काम करने के निर्देश दिए गए हैं। बावजूद इसके, दिल्ली की जहरीली हवा आम लोगों के लिए बड़ी चुनौती बनी हुई है।
