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एस.डी.न्युज लाईव झाबुआ से मनीष कुमट व दौलत गोलानी की रिपोर्ट
झाबुआ । कलेक्टर सोमेश मिश्रा एवं द्वितीय अपील अधिकारी जिला झाबुआ के निर्देशानुसार म.प्र. लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा (5) एवं (7) के अंतर्गत म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम-2010 के तहत श्रम विभाग की सेवा क्रमांक 2.2 विवाह सहायता योजना का लाभ प्रदान करना को अधिसूचित किया जाकर शहरी क्षेत्र हेतु मुख्य नगरपालिका अधिकारी को पदाभिहित अधिकारी अधिसूचित/नियुक्त किया गया है। सेवा प्रदाय की समय-सीमा 15 कार्यदिवस निर्धारित की गई है। जिला झाबुआ के नगर परिषद पेटलावद में श्री मनोज शर्मा पदस्थ है। अतः श्री मनोज शर्मा उक्त योजना के लिए पदाभिहित अधिकारी अधिसूचित है और यह उनका उत्तरदायित्व है कि समस्त प्रकरणों को निर्धारित समयावधि में निराकृत करें। म.प्र. लोक सेवा प्रदाय की गारंटी अधिनियम-2010 की दैनिक समीक्षा में यह पाया गया कि दिनंाक 1 जनवरी 2022 को उपरोक्त योजनान्तर्गत कुल 01 आवेदन क्रमांक आरएस/464/1602/208/2021 समय सीमा से बाहा्र लंबित रहा। कार्यालयीन पत्र क्रमांक/25/लोसेप्र/2021 झाबुआ दिनंाक 6 जनवरी 2022 द्वारा संबंधित पदाभिहीत अधिकारी को नोटीस जारी किया गया। पूर्व में भी समय सीमा से बाहा्र लंबित आवेदनों हेतु निर्देशित किया गया है। म.प्र. लोक सेवाव प्रदाय गारंटी अधिनियम की धारा 7 में सेवा के अन्तर्गत प्रथम अपील अधिकारी अनुविभागीय अधिकारी राजस्व एवं द्वितीय अपील अधिकारी कलेक्टर को अधिसूचित किया गया है। लोक सेवा गारंटी अधिनियम 2010 की धारा 6 उपधारा 3 के परन्तुक क अंतर्गत प्रकरण स्वप्रेरणा से द्वितीय अपील में पंजीबद्ध किया गया। प्रस्तुत किये गये अभिलेख का परीक्षण किया गया, विभाग के परिपत्र के नियमानुसार सेवाओ का निराकरण निर्धारित समय-सीमा में किये जाने का उल्लेख किया गया है साथ ही निर्धारित समय सीमा उक्त सेवाओं के निराकरण हेतु पर्याप्त है, परन्तु पदाभिहित अधिकारी द्वारा इस बाबद् कोई गंभीर प्रयास नहीं किये गये एवं निर्धारित समयावधि पश्चात भी नियमानुसार प्रकरणों का निराकरण करने में असफल रहे। इस प्रकार उपरोक्त योजनाओं के समय-सीमा से बाहा्र प्रकरणों का समय-सीमा में निराकरण करने में पदाभिहीत अधिकारी की लापरवाही प्रमाणित हुई है।
अतः उक्त स्थिति को दृष्टिगत रखते हुए कलेक्टर जिला झाबुआ एवं द्वितीय अपीलीय अधिकारी, लोकसेवा गारंटी अधिनियम-2010 की धारा 7 (1) के तहत प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए पदाभिहीत अधिकारी पर एक आवेदन के विलम्ब पर एक मुश्त रू. 500 अक्षरी रूपये पांच सौ मात्र का अर्थदण्ड अधिरोपित कर अर्थदण्डित राशि आवेदक को प्रतिकर के रूप में प्रदाय करने हेतु आदेश किया जाता है। पदाभिहीत अधिकारी से अधिरोपित शास्ति की वसूली आगामी वेतन से की जाकर शीर्ष 0070 (60) (800) में जमा कर चालान की प्रति तथा आवेदक के आधार कार्ड एवं बैंक पास बुक की छायाप्रति इस कार्यालय को उपलब्ध कराये। पालन प्रतिवेनद 3 दिवस में प्रस्तुत करे।
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