
निप्र,जावरा (लखन पंवार) मध्यप्रदेश भाजपा सरकार में रतलाम ज़िले कि भूतेड़ा पंचायत में गौशाला के संचालन और रखरखाव में लापरवाही का मामला सामने आया है रतलाम ज़िले कि भूतेड़ा पंचायत जहां से रतलाम ज़िला पंचायत अध्यक्ष लाला बाई शंभुलाल चंद्रवशी ज़िले कि कमान संभाले हैं उन्हीं की पंचायत में बने गौशाला के निर्माण के बाद से गौशाला बेरंग नज़र आ रही हैं ज़मीनी हकीकत में जब राधा कृष्ण गौशाला ओर पंचायत क्षेत्र का भ्रमण किया तो पाया कि पंचायत से थोड़ी दूरी पर बने गीला सुखा कचरा संग्रहण नाडेप क्षतिग्रस्त पड़ा है जिसमें वहीं पास में कचरे के नाडेप से गाय बंधी पाई गई वही थोड़ी दूरी पर गांव रास्ते पर पुलिया किनारे कचरा संग्रहण नाडेप क्षतिग्रस्त पाया गया, जिसके संबंध में ग्राम पंचायत सचिव घनश्याम दास बैरागी से गाय कचरे में बंधी होने की जानकारी ली तो बताया कि वर्तमान में जो देशी गाय हैं उनका ग्रामीण क्षेत्र में कोई भी व्यक्ति रखरखाव करना नहीं चाहता है ।मात्र लोगों कि सोच बन गई है उसका दोहन करना उसका उपयोग करना उसका दूध निकाल लेना और उसे खुले रूप से छोड़ देना इसी कारण से केवल भूतेड़ा की बात नहीं है आपको पूरे क्षेत्र में जिस प्रकार से गाय मेन रोड़ पर मिलेगी आप यहां से लगाकर उज्जैन तक या इंदौर तक भी जाएंगे तो आपको पूरी सड़क पर चाहें बड़ावदा हो नागदा हो या उज्जैन हो ये गाय इसी प्रकार से मिलेगी । वहीं इस बारे में ज़िला पंचायत अध्यक्ष लाला बाई से बात करना चाही तो प्रतिनिधि से बात करने कि बात कहीं गईं, जब प्रतिनिधि शंभू लाल चंद्रवंशी से फ़ोन पर संपर्क कर गाय के कचरे में बंधे होने ओर गौशाला में मात्र दस गाय बंधी पाए जाने व गाय के पास सीमेंट के टैंक में पानी तक न होने पर सवाल पूछा तो कहने लगें कि गाय के लिए कुआं खुदवा रखा है और पाइप लाइन बिछा रखी है , पुनः गाय हेतु पीने के पानी कि व्यवस्था नहीं होने के सवाल पर कहने लगें कि भगवान की दया से भूतेड़ा में खूब पानी है रोड़ किनारे कचरे में गाय बंधी होने की बात पर कहने लगें कि गांव के ही बांधते हैं क्या करे वहीं गाय के रखरखाव पर कहने लगें कि रोड़ किनारे बाध तो रहे हैं आप बताओ कहा बांधे गाय कचरे के पास बंधी होने की बात पर कहने लगे कि गाय जिसकी हैं वे बांधते हैं में क्या करूं पंचायत द्वारा गाय कचरे में न बांधने की समझाइश पर कहने लगें कि गाय पालक बांधते हैं मेरा कोई रोल नहीं , शासन द्वारा राशि पर गांव में गौशाला बनाए जाने की बात पर कहने लगें कि बन जाएगी समिति काम चल रहा हैं, ग्रामीण सूत्रों से जानकारी ली तो पाया कि गौशाला संचालन को लेकर पंचायत का कोई ध्यान नहीं है।