मठ वाला कुआ माता जी मंदिर पर गरबा महोत्सव का चौथा दिवस
थांदला से (विवेक व्यास, माधव एक्सप्रेस) थांदला नगर में मठ वाला कुआ माता नई मंदिर पर नवरात्रि महोत्सव का आज चौथा दिन भक्तो की अपार भीड़ शासन की गाईड लाइन अनुसार लड़को व लड़कियों और महिलाओं द्वारा सुंदर सुंदर वेशभूषा पहनकर माँ की भक्ति में लीन हुवे । आज नवरात्रि का चौथा दिन हैं और इस दिन देवी कूष्मांडा की पूजा की जाती है. देवी कूष्मांडा की पूजा का विशेष महत्व होता है क्योंकि ब्रह्मांड को उत्पन्न करने वाली कूष्मांडा देवी अनाहत च्रक को नियंत्रित करती हैं. इनकी आठ भुजाएं है और इसलिए इन्हें अष्टभुजा देवी भी कहा जाता है. हिंदू शास्त्रों के अनुसार जब सृष्टि का अस्तित्व भी था तब इन्हीं देवी अपनी मंद मुस्कान से ब्रह्मांड की उत्पत्ति की थी और इनका एक नाम आदिशक्ति भी है. महोत्सव इस चौथे दिन में मां दुर्गा के नौ रूपों का विशेष महत्व है। उनकी पूजा करने से जीवन में शक्ति का संचार होता है। इसके बाद जब आप शक्ति और ऊर्जा के साथ जीवन में आगे बढ़ते हैं और किसी भी कार्य को करते हैं तो सफलता निश्चित मिलती है। इसलिए जरूरी है कि भक्त तन और मन को पवित्र कर मां की पूजा अर्चना करें। हर दिन पूजा से पहले षोडशोपचार करें। दूध, दही, घी, चीनी और शहद (पंचामृत) से देवी-देवताओं को स्नान कराएं। इसके बाद वस्त्र और उपवस्त्र पहनाएं और अक्षत, चंदन, रोली से टीका लगाकर मां को अलंकारिक वस्त्र पहनाएं। इसके बाद सुगंधित द्रव्य, पुष्प, माला चढ़ाने के साथ ही अगरबत्ती, दीपक दिखाएं। इसके बाद दुर्गा सप्तशति में दिए गए मंत्र ‘ओम ऐं हीं क्ली चामुण्डायै विच्चै’ से पूजा कर सकते हैं। भक्त दुर्गा सप्तश्लोकी से भी पूजा कर सकते हैं। नवरात्रि के नौ दिनों में देवी के अलग-अलग रूपों की पूजा की जाती है। इसमें रात्रि शब्द अपने आप में सिद्ध का प्रतीक है। वही पुलिस प्रशासन व थाना प्रभारी कौशल्या चौहान द्वारा नगर में प्रमुख चौराहो पर भृमण किया। नवरात्रि की शुभकामनाए