1मेष राशि वार्षिक राशिफल 2025 *
यह एक समान्य राशिफल है व्यक्ति विशेष के लिए कुंडली / हस्तरेखा से परामर्श लेवें प्रथम नाम अक्षर -(आ, चू ,चे, चो, ला,ली, लू, ले, लो). ग्रह गोचर – दशम और एकादश भाव के स्वामी शनि 29 मार्च को द्वादश भाव मीन राशी में प्रवेश कर शनि की साढ़े साती शुरू करेंगे, नवम और द्वादश भाव के स्वामी देवगुरु बृहस्पति वर्ष की शुरुआत मे द्वितीय भाव वृषभ में स्थित रहेगें जो 14 मई से तृतीय मिथुन राशि के भाव में गोचर करेगें,गुरु 09 जून को अस्त होकर पुनः 09 जुलाई को उदय होंगे,18 अक्टुबर को चतुर्थ भाव कर्क राशि मे प्रवेश कर उच्चस्थ होकर 11 नवंबर को वक्री होंगे जो 4 दिसंबर को पुनः मार्गी होकर मिथुन राशी में प्रवेश करेंगें l राहु 18 मई को मीन राशि से एकादश लाभ भाव की कुंभ राशि मे एवं केतु कन्या राशि से पंचम विधा, बुद्धि संतान के भाव वाली सिंह राशि मे गोचर करेगें l इस प्रकार गुरु, शनि, राहु के कारण वर्ष मे अनेकों अवांछित आकस्मिक परिर्वतन होगें. 1.व्यवसाय कार्यक्षेत्र-नौकरी व्यवसाय मे श्रम के साथ आर्थिक उन्नति के साथ पदोन्नति के अवसर प्राप्त होंगे,29 मार्च के बाद सहकर्मी एवं उच्च अधिकारियों से संबंध मधुर रखें मतभेद संभव हैl धार्मिक एवं व्यवसायिक यात्राएं होंगी. विद्यार्थी को परीक्षा या प्रतियोगिता में अधिक मेहनत करना होगी. 2.आर्थिक पक्ष- वित्तीय प्रबंधन सावधानी के साथ समझदारी से करें क्योंकि इस वर्ष आय मध्यम होगी और व्यय अधिक रहेगा, साझेदारी से बचे, रुपयों के लेन देन मे सावधानी आवश्यक है, किसी बड़े निवेश से पूर्व विषेज्ञ से परामर्श लें, नवीन भूमि भवन वाहन के क्रय के साथ ही पुराने भवन, वाहन के संधारण एवं धार्मिक कार्यों पर अधिक व्यय होगा. 3.स्वास्थ्य शनि और देवगुरु बृहस्पति के कारण स्नायुतंत्र के दर्द, उदर रोग, तनाव,ब्लडप्रेशर,हार्मोन आदि के रोग व्याधि ,आकस्मिक चोट आदि की पूर्ण संभावना है, संतुलित आहार विहार योग प्राणायाम, मेडिटेशन के साथ चिकत्सकीय परामर्श का पालन करें l 4.परिवार पारिवारिक स्थिति मे सामंजस्य आवश्यक है, जीवन साथी एवं संतान से वैचारिक मतभेद अधिक रहेगें, अविवाहितों के विवाह योग हैं, ससुराल पक्ष से विरोध का सामना होगा l प्रेम संबंध मे मानसिक अशांति का सामना करना होगा सामाजिक पारिवारिक कार्यों में सहभागिता बढ़ेगी l 5.धार्मिक उपाय भगवान शिव और शनि की नियमित पूजा करें, गाय और कुत्तों को भोजन दें. शुभ रत्न मूंगा के साथ मोती. शुभ वार मंगलवार. शुभ रंग लाल. शुभ अंक 1,8,17. राशि स्वामी सूर्य देव को प्रसन्न करें l
* 2.वृषभ राशि प्रथम नामाक्षर –
(ई, उ ,ए, ओ, वा, वी, वू, वे) ग्रह गोचर शनि 29 मार्च को दशम भाव से एकादश भाव की मीन राशि में प्रवेश करेंगे जबकि देवगुरु बृहस्पति अष्टम और एकादश के स्वामी होकर लगन से 14 मई को द्वितीय धान भाव की मिथुन राशि में प्रवेश करेंगे जो की 9 जून को अस्त होकर 9 जुलाई को उदय होंगे,18 अक्टुबर को मिथुन से तृतीय भाव की कर्क राशि मे प्रवेश कर यहीं 11 नवंबर वक्री होंगे, और पुनः 4 दिसंबर को मिथुन राशि में प्रवेश करेगें l राहु 18 मई को एकादश भाव से दशम भाव की कुंभ राशि में गोचर करेंगे इसी दिन केतु पंचम भाव से सिंह राशि के चतुर्थ भाव में गोचर करेंगे l 1.जीवन व्यवसाय – व्यापार व्यवसाय में उन्नति, अल्प प्रयास से महत्वकांक्षा पूर्ण होगी, समकक्ष एवं उच्चस्थ अधिकारियों से सहयोग मिलेगा, नए लाभदायक व्यापारिक अनुबंध बनेंगे, नौकरी में पदोन्नति होगी, धार्मिक एवं व्यापारिक यात्राएं सफल होगी, पूर्व के गुप्त भेद प्रकट होने से समस्या आ सकती है, प्रतियोगी परीक्षा में मेहनत अनुसार सफ़लता मिलेगी. 2.आर्थिक पक्ष – एकादश भाव के शनि एवं धान भाव के बृहस्पति की शुभता से आय उत्तम होगी, मार्च के बाद अकस्मात धन लाभ होगा, पूर्व मे किये गये निवेश से भी लाभ होगा, भौतिक सुख सुविधा के साधन बढ़ेंगे l 3.स्वास्थ्य – नेत्र विकार मानसिक तनाव कमर दर्द आदि बढ़ सकते हैं, नियमित योग प्राणायाम मेडिटेशन, चिकित्सा परामर्श आवश्यक है l 4.परिवार- जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर बनेंगे, किसी नए रिश्ते का भी उदय हो सकता है, परिजन में किसी के स्वास्थ्य को लेकर उतार चढ़ाव होगा, संतान की उन्नति से सुख मिलेगा, परिवार में कोई नया सदस्य जुड़ेगा अर्थात अविवाहितों के विवाह एवं संतान की आकांक्षा वालों को संतान की प्राप्त होगी, भाईबाहिनो के आपसी मतभेद दूर होंगे. 5.धार्मिक उपाय भगवान लक्ष्मी नारायण की पूजा करें, चीटियों को आटे मे शक्कर नारियल मिलाकर खिलाएं, सौंदर्य सामाग्री को भेंट करें. शुभ रत्न हीरा, ओपल. शुभ रंग- सफेद, गुलाबी l शुभ वार * शुक्रवार, सोमवार *शुभ अंक – 2,6,9, 12,24.
3.मिथुन राशि (प्रथम नामाछर
(का, की, कू, के, को, घ, ड, छ, हा ) ग्रह गोचर – इस वर्ष 29 मार्च को शनि देव अष्टम नवम भाव के स्वामी कुंभ से दशम भाव की मीन राशि में गोचर कर 18 मई तक राहु के साथ युति बनायेंगे इस अवधि में संघर्ष के बाद अच्छी सफलता मिलेगी इस अवधि में पिता पक्ष को कष्ट रहेगा, अचानक से धन लाभ होगा, सप्तम एवं दशम भाव के स्वामी बृहस्पति द्वादश भाव से मिथुन राशि के लग्न भाव मैं 14 मई को गोचर करेंगे जो पूरे वर्ष धन, धर्म मे वृद्धि करेगें,9 जून को अस्त होकर 9 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को मिथुन से धन भाव की कर्क राशि में प्रवेश कर उच्चस्थ होंगे यहीं पर 11 नवंबर को वक्री होंगें, 4 दिसंबर को मार्गी होकर पुनः मिथुन राशि में गोचर करेंगे l 18 मई को राहु दशम से नवम भाव की कुंभ राशि में और इसी दिन केतु चतुर्थ भाव से तृतीय भाव की सिंह राशि में प्रवेश करेंगे,26 जुलाई को लग्न मे बृहस्पति के साथ शुक्र की युति होगी जिससे समसप्तक और कुबेर राजयोग बनेगा l 1.जीवन व्यवसाय- यह वर्ष बहुत रोमांचकारी और मिश्रित फलदायी रहेगा, पूर्व के अधूरे प्रोजेक्ट पूरे होंगे, उच्चस्थ अधिकारियों से पूर्ण सहयोग मिलेगा, व्यापार व्यवसाय में उन्नति के साथ विस्तार होगा, आतमविश्वास मे वृद्धि होगी मई, जून, सितंबर मे शुभता बढ़ी रहेगी. 15 अप्रैल से जुलाई एवं 15 सितंबर के बाद मनोवांछित स्थानांतरण या प्रमोशन हो सकते हैं, विद्यार्थियों को प्रतियोगी परीक्षा में श्रम के अनुसार साकारात्मक परिणाम मिलेंगे. 2.आर्थिक पक्ष- पूरे वर्ष अच्छी आय होगी, भूमि भवन एवं कीमती धातु का क्रय करेंगे 14 मई से पुराना निवेश किया या रुका हुआ धन प्राप्त होगा. 3.स्वास्थ्य – ब्लड प्रेशर, हार्मोन, उदर आदि के रोग विकार की पूर्ण संभावना है . योग, व्यायाम, प्राणायाम, मेडीटेशन के साथ चिकित्सकीय परामर्श जोखिम को कम कर देंगे l 4.परिवारिक स्तिथि -1 8 मई को राहु के राशी परिर्वतन से उनकी पांचवी, सातवीं, नवीं दृष्टि से संतान की अकस्मात उन्नति, जीवन साथी से मतभेद, माता पिता को शारीरिक कष्ट, भाई बहनों मे मधुर संबंध, अविवाहितों के विवाह, नये प्रेम संबंध,पारिवारिक या सामाजिक दायित्वों में वृद्धि के साथ प्रतिष्ठा में परिवर्तन होगा. 5.धार्मिक उपाय भगवान गणेश, माता लक्ष्मी की आराधना से शुभता मे वृद्धि होगी, गाय की सेवा करें , शुभ रत्न पन्ना, पुखराज । शुभ रंग हरा, पीला, नारंगी। शुभ वार बुधवार, गुरूवार, सोमवार शुभ अंक 5,7, 14.23
राशि स्वामी बुध को प्रसन्न करें l
4.कर्क राशि प्रथम नामाक्षर-
(ही,हू,हे,हो, डा,डी,डू, डे,डो,) ग्रह गोचर – वर्ष के आरंभ में शनि देव अष्टम स्थान पर रहकर शनि की लघु कल्याणकारी ढैय्या चल रही है जो 29 मार्च को राशि परिर्वतन कर नवम भाव में प्रवेश के साथ ही समाप्त हो जायेगी, पुराने रोग, कर्ज से मुक्ति, स्वास्थ्य में भी सुधार होगा, 14 मई में को सष्टेश एवं अष्टमेश के स्वामी बृहस्पति एकादशी भाव से द्वादश भाव की मिथुन राशि में गोचर करेंगे जो 9 जून को अस्त होकर 9 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को लगन भाव अर्थात कर्क राशि मे प्रवेश कर उच्चस्थ होकर सर्वश्रेष्ठता प्रदान करेगें इसी भाव मे 11 नवंबर को वक्री होंगे एवं 4 दिसंबर को मार्गी होकर पुनः द्वादश भाव की मिथुन राशि में गोचर करेंगे l राहु 18 मई को नवम भाव से अष्टम भाव में आएंगे जबकि केतु उसी दिन दूसरे धन भाव में आएंगे. 1.जीवन व्यवसाय -पूरे वर्ष मेहनत और यात्रा दोनों अधिक करना पड़ेगी, व्यापार, व्यवसाय में सतर्कता आवश्यक है, श्रम के अनुसार लाभ होगा, मार्च तक कार्यस्थल पर अनअपेक्षित स्थिति का सामना करना पड़ सकता है, संपूर्ण वर्ष कार्यस्थल पर सावधानी रखें, वरिष्ठ अधिकारीयों से वैचारिक मतभेद से नुकसान होगा, मई के बाद स्थांतरण संभव है, प्रतियोगी परीक्षा में सफलता अर्जित होगी, व्यवसायिक एवं धार्मिक यात्राएं सफल रहेगी. 2.आर्थिक स्थिति – इस वर्ष उत्तम आय के साथ व्यय भी अधिक होगा, वित्तीय संतुलन बनाना आवश्यक है, मई तक धन प्राप्ति में सुगमता रहेगी, उसके बाद रुक-रुक कर धन आयेगा, आकस्मिक अनायस खर्च भी बढेगा, रुपयों एवं कर्ज के लेन देन मे सावधानी रखें अन्यथा परेशानी हो सकती है, अप्रैल, मई, अगस्त, नवम्बर महीने मे बडा लाभ होगा. 3.स्वास्थ्य – मार्च तक कमर दर्द मे राहत मिलेगी अष्टम के राहु के कारण स्नायु तंत्र के दर्द,मानसिक तनाव, चिंता, उदर रोग, मोटापा, आकस्मिक चोट /दुर्घटना, संभव हैl योग, प्राणायाम, मेडिटेशन, संतुलित आहार से निरोगी रहेगें. 4.परिवार-जीवनसाथी के साथ संबंध मधुर रहेंगे, अक्टूबर से दिसंबर के मध्य जीवनसाथी के साथ यात्रा करेगें,अप्रैल और अक्टूबर में परिवार में धार्मिक आयोजन होंगे, प्रथम छमाही में संतान से सुख मिलेगा साथ ही उनकी विशेष उन्नति होगी, परिवार मे बच्चे का जन्म हो सकता है, अविवाहितों के विवाह योग है, प्रेम संबंध संभव हैं . 5.धार्मिक उपाय – भगवान शंकर एवं हनुमान जी की उपासना करें, बरगद एवं पीपल का पेड़ लगाए यथाशक्ति धार्मिक पुस्तकें पीले कपड़े मे लपेट कर दान करेंl शुभ रत्न -मोती,पुखराज l शुभ रंग- सफेद, हल्का नीला l शुभ वार -सोमवार, गुरुवार l शुभ अंक- 2, या इसका जोड़ जैसे 11,20,29,38,,47. एवं 7 या इसका जोड़ 16,25,34,52,61,70. राशि स्वामी चन्द्रमा को प्रसन्न करें.
5.सिंह राशि प्रथम नामाक्षर
(मा,मी,मू,मे,मो,टा,टी,टू,टे) ग्रह गोचर -29 मार्च को शनि देव राशि परिवर्तन कर कुंभ से मीन राशि के अष्टम भाव में गोचर करेंगे इससे शनि की अढ़ैया शुरू होगी जो शारीरिक कष्ट घटना दुर्घटना मे वृद्धि करेगी l 14 मई को पंचमेश और अष्टमेश के स्वामी बृहस्पति एकादश लाभ भाव में गोचर करेंगे जो 9 जून को अस्त होकर 9 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को उच्चस्थ होकर व्यय भाव की कर्क राशि मे प्रवेश करेगें, इसी भाव मे 11 नवंबरको वक्री होंगे फिर 4 दिसंबर को मार्गी अवस्था मे मिथुन राशि के एकादश भाव मे गोचर करेगेंl राहु 18 मई को सप्तम भाव में आएंगे जबकि केतु लग्न भाव की सिंह राशि में आएंगेl 1.जीवन व्यवसाय प्रथम छमाही मे सप्तम शनि और दशम गुरु के प्रभाव से व्यापार व्यवसाय की अच्छी उन्नति होगी, जबकि दूसरी छमाही में शनि के अष्टम रहने से संघर्ष मे वृद्धि होगी, एकादश भाव के बृहस्पति उत्तम सहायता करेगें. कार्यस्थल पर सहकर्मियों के साथ संबंध व्यवस्थित रखें अन्यथा परेशानी बढ़ेगी, कार्यक्षेत्र में नए अवसर मिलेंगे, व्यापारिक धार्मिक यात्राएं सफल होंगी, परीक्षा, प्रतियोगिता मे कठिन परिश्रम के बाद ही सफलता मिलेगी. 2.आर्थिक स्थित पूरे वर्ष धन आगमन अच्छा रहेगा, राहु के सप्तम भाव में होने से अचानक से धन लाभ एवं हानि भी हो सकती है, बड़े निवेश को सोच विचार कर ही करें, भूमि, भवन, वाहन का क्रय, विक्रय लाभ देगा, पुराना डूबा हुआ पैसा मिल सकता है l 3.स्वास्थ्य-ब्लड प्रेशर,स्नायु तंत्र एवं हड्डी जोड़ों के दर्द, मानसिक तनाव, चिंता, आदि रोग व्याधियां हो सकती है, दैनिक दिनचर्या को ठीक रखते हुए संतुलित आहार विहार के साथ योग, प्राणायाम स्वास्थ्य ठीक रखने में सहायक होंगे l 4.परिवार-मार्च तक शनि एवं गुरु की संयुक्त दृष्टि चतुर्थ भाव मे होने से परिवार में सुख शांति एवं सोहाद्र्य ठीक रहेगा रहेगा, मई महीने से जीवन साथी और पिता को रोग विकार होगें साथ ही दोनो से वैचारिक मतभेद बढ़ेंगे, संतान पक्ष की उन्नति होगी और उनसे सुख भी मिलेगा, नवम्बर से दिसंबर के मध्य जीवनसाथी के साथ यात्रा करेगें l 5.धार्मिक उपाय भगवान शिव एवं गणेश जी की पूजा करे, यथाशक्ति दान धर्म के कार्य करें, पीपल का रोपण कर उसकी देखभाल करें, कुत्तों, पक्षियों और चींटियों को भोजन दें l शुभ रत्न -माणिक्य. शुभ रंग- लाल, सुनहरा पीला. शुभ दिवस- रविवार, मंगलवार, बृहस्पतिवार . शुभ अंक – 1,5 और इनके जोड़ जैसे 10,14,23. राशि स्वामी सूर्य देव को प्रसन्न करें l
6 .कन्या राशि प्रथम नामाक्षर
(टो,पा,पी, पू,त्र,ण,ठा,पे,पो) ग्रह गोचर -29 मार्च को पंचमेश एवं सष्टेशके स्वामी शनि देव स्वराशि की कुंभ से मीन राशि वाले सप्तम भाव मे पूरे वर्ष गोचर करेगेंl 14 मई को चतुर्थ एवं सप्तम भाव के स्वामी बृहस्पति नवम भाव से मिथुन राशि के दसवें भाव में प्रवेश कर इसी भाव में 9 जून को अस्त होकर एक महीने बाद उदय होंगे, 18 अक्टुबर को एकादश भाव की कर्क राशि मे उच्चस्थ होकर 11 नवंबर को वक्री होकर पुनः 04 दिसम्बर को मिथुन राशी के दशम भाव मे मार्गी होंगेl राहु 18 मई को सप्तम से सष्ठ भाव में आयेंगे इसी दिन केतु लग्न से सिंह राशि वाले द्वादश भाव में गोचर करेंगे l 1.जीवन व्यवसाय- व्यापार व्यवसाय दोनों के लिए यह वर्ष उन्नति दायक है, भाग्य बल प्रबल रहेगा, वरिष्ठ जनों का पूर्ण समर्थन प्राप्त रहेगा, 14 मई को बृहस्पति के दशम भाव मे आने से ज्ञान,पद प्रतिष्ठा में वृद्धि होगी, राहु राहु के षष्ठ भाव में होने से रोग, ऋण, शत्रु, समाप्त होंगे, केतु के द्वादश में भाव में गोचर से नवीन स्थान/ व्यक्तियों के संपर्क से अच्छा लाभ होगा, यात्राएं सफल होगी, परीक्षा प्रतियोगिता में अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे, भौतिक सुख समृद्धि अनेक प्रकार के साधन उपलब्ध रहेंगे l 2.आर्थिक स्थिति – आय के उत्तम साधन उपलब्ध होंगे संचित कोष में वृद्धि होगी भौतिक सुख समृद्धि के साधन बढ़ेंगे, संचित कोष में वृद्धि होगी भूमि, भवन, वाहन, कीमती धातु का क्रय करेंगे बृहस्पति के सुप्रभाव से पैतृक या रुका हुआ धन भी मिलने की संभावना हैं l 3.स्वास्थ्य*सामान्यतः स्वास्थ्य ठीक रहेगा, मार्च से मई तक स्वास्थ्य का ध्यान रखना होगा,पुराने रोग विकारों से भी राहत मिलेगी, राहु के षष्ठ भाव में होने से उदर संबंधी रोग हो सकते हैं,आहार विहार संतुलित रखें, मादक पदार्थों से दूरी रखें. *4.परिवार -मार्च से शनि के सप्तम भाव मे रहने से किसी दूसरे के कारण जीवनसाथी से शंका / भ्रम वश तीव्र मतभेद रहेंगे, अविवाहितों के विवाह योग बन रहे हैं, परिजन के साथ धार्मिक यात्राएं होंगी, संतान की उन्नति होगी, भाई/ बहिन से मधुर संबंध रहेगें l 5.धार्मिक उपाय- माता काली, और भगवान गणेश की आराधना करें गौशाला में यथाशक्ति हरा चारा दान करें, वृद्धजन की सेवा करें . शुभ रत्न पन्ना, पेरीडॉट. शुभ रंग हरा . शुभ दिवस बुधवार, शुक्रवार . शुभ अंक 5 और इसका जोड़ जैसे 14,23,41,50,59,68. राशिस्वामी बुध को प्रसन्न करें l
7 .तुला राशि प्रथम नामाक्षर-
(रा,री, रु,रे,रो,ता, ती,तू,ते) ग्रह गोचर* शनि 29 मार्च को चतुर्थेश एवं पंचमेश के स्वामी शनि पंचम भाव से षष्ठ भाव की मीन राशि में प्रवेश कर यहीं पर पूरे वर्ष गोचर करेंगे, बृहस्पति 14 मई को तृतीय एवं पंचम के स्वामी गुरु अष्टम भाव से नवम भाव की मिथुन राशि में गोचर करेंगे जो 9 जून को अस्त होकर 9 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को दशम भाव की कर्क राशि मे उच्चस्थ अवस्था मे प्रवेश कर इसी भाव में 11 नवंबर को वक्री होंगे, 4 दिसंबर को पुनः मिथुन राशि के नवम भाव में गोचर कर मार्गी होंगे l राहु 18 मई को षष्ठ भाव से कुंभ राशि के पंचम भाव में प्रवेश करेंगे जबकि इसी दिन केतु भी द्वादश भाव से एकादश भाव की सिंह राशि में गोचर करेंगे l 1.जीवन व्यवसाय व्यापार व्यवसाय दोनों की उन्नति होगी वरिष्ठ एवं सहकर्मियों से सहयोग मिलेगा, किंतु मार्च के बाद कार्यस्थल पर सावधानी रखें आवश्यक या कीमती सामान गायब हो सकता है, जून से सितंबर के मध्य में पदोन्नति होगी, भूमि भवन वाहन क्रय करेंगे, यश वैभव प्राप्त होगा, यात्राएं भी होगी परीक्षा प्रतियोगिता में अनुकूल परिणाम प्राप्त होंगे, नौकरी व्यवसाय में परिवर्तन संभव है l 2 .आर्थिक पक्ष एक से अधिक माध्यम से उत्तम आय होगी, शनि के परिर्वतन से मार्च के बाद पूर्व में निवेशित धन का लाभ होगा, मई से दशम भाव के बृहस्पति धार्मिकता के साथ ही धन धान्य, समृद्धि में वृद्धि करेगें l 3.स्वास्थ षष्ठ भाव के शनि के कारण ब्लड प्रेशर, शुगर, स्नायुतंत्र, उदर रोग की संभावना हैl योग, प्राणायाम, मेडिटेशन, संतुलित आहर विहार से, रोग व्याधि कम होगीl 4.परिवार मार्च के बाद जीवनसाथी से मधुर संबंध रहेंगे,मई से पंचम भाव के राहु के कारण संतान को रोग विकार, असंतोष एवं मतभेद रहेंगे, संतान को समय देकर उनकी समस्या को समाधान करें, मित्र/सगे संबंधियों से मनमुटाव की पूर्ण संभावना है l 5 .धार्मिक उपाय दुर्गा माता, काल भैरव की पूजा करें, यथासंभव छोटी बालिकाओं को शिक्षण सामाग्री की सहायता करेंl शुभ रत्न हीरा, ओपल. शुभ रंग सफेद, गुलाबी. शुभ दिवस शुक्रवार. शुभ अंक 4,6,13, 15,24. राशि स्वामी शुक्र को प्रसन्न करेंl
8.वृश्चिक राशि प्रथम नामाक्षर
-(तो, ना, नी, नू, ने, नो, या,यी,यू) ग्रह गोचर 29 मार्च को शनि की ढैय्या समाप्त हो जायेगी, तृतीयेश और चतुर्थेश चतुर्थी के स्वामी शनि चतुर्थ भाव से पंचम भाव की मीन राशि में प्रवेश करेंगे, धनेश और पंचमेश के स्वामी बृहस्पति सप्तम,अष्टम,नवम तीनों भाव मे गोचर करेंगे 14 मई को सप्तम भाव से मिथुन राशि के अष्टम भाव में प्रवेश करेंगे, यहां 9 जून को अस्त होकर 9 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को नवम भाव की कर्क राशि मे प्रवेश कर उच्च अवस्था प्राप्त करेंगें इसी भाव मे 11 नवंबर को वक्री होकर 4 दिसंबर को मिथुन राशि के अष्टम भाव में गोचर कर मार्गी होंगें l 18 मई को राहु पंचम भाव से कुंभ राशि के चतुर्थ भाव मे आ जायेंगे एवं इसी दिन केतु एकादश भाव से दशम भाव मे गोचर करेगें l 1.जीवन व्यवसाय कार्यक्षेत्र व्यापार या नौकरी दोनों में परिश्रम के अनुसार उन्नति होगी,14 मई से पूर्व सप्तम गुरु के सुप्रभाव से अनेक प्रकार के सुखों में वृद्धि होगी, अष्टम भाव के बृहस्पति होने पर व्यापार व्यवसाय में प्रतिस्पर्धा से नुकसान बढ़ाएंगे, मई से पूरे वर्ष परीक्षा प्रतियोगिता में अधिक श्रम से ही साकारात्मक परिणाम मिलेंगे l राहु केतु के परिर्वतन से मनचाहा स्थानांतरण, आकस्मिक लाभ, भूमि भवन के संधारण पर भी व्यय होगा, यात्रायें सफ़ल रहेंगी l 2.आर्थिक स्थिति – उत्तम आय होगी, पुराने निवेश का भी लाभ होगा, 14 मई से अष्टम के गुरू की सप्तम दृष्टि स्वराशि के धन भाव पर होने से निरंतर धन प्राप्त होता रहे, नए साधनों से भी लाभ होगा, राहु केतु का परिवर्तन भी सुखद रहेगा, पुराने कर्ज से मुक्ति मिलेगी l 3.स्वास्थ्य सामान्यतः स्वास्थ्य ठीक रहेगा, पेट,हार्मोन संबंधी विकार संभावित है, मानसिक शांति बनाए रखें l 4.परिवार परिजन का आपस मे शांति सौहार्द आवश्यक है बृहस्पति के अष्टम भाव के कारण जीवनसाथी से संबंध मे तनाव आ सकते हैं, जबकी चतुर्थ भाव के राहु माता के स्वास्थ्य को कमजोर करते हैं, अविवाहितों के विवाह योग हैं, पिता, भाई, बहिन से पूर्ण स्नेह रहेगा,संतान की शिक्षा, आर्थिक उन्नति होगी किंतु रोग, व्याधि के साथ मतभेद अधिक रहेगें, प्रेम संबंध में तनाव, त्याग विछोह संभावित हैl 5.धार्मिक उपाय संपूर्ण शिव परिवार की फ़ोटो की प्रतिदिन पूजा, गाय की सेवा, सार्वजनिक स्थल पर वृक्षारोपण करें. शुभ रत्न मूंगा के साथ मोती. शुभ रंग लाल. शुभ दिवस मंगलवार . शुभ अंक 8, 11, 18, 22. राशि स्वामी मंगल को प्रसन्न करें l
9.धनु राशि प्रथम नामाक्षर
(ये,यो,भा,भी,भू,भे,धा,फा,ढा) ग्रह गोचर- 29 मार्च से शनि की लघु कल्याणकारी ढैय्या शुरु होगी,द्वितीय एवं तृतीय भाव के स्वामी शनि तृतीय भाव से चतुर्थ भाव में प्रवेश कर पूरे वर्ष मीन राशि में गोचर करेंगे l राशि एवं चर्तुथ भाव के स्वामी बृहस्पति षष्ठम,सप्तम और अष्टम भाव में गोचर करेंगे, 14 मई को षष्ठ भाव से सप्तम भाव मिथुन राशि में प्रवेश कर 09 जून को अस्त होकर 09 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को अष्टम भाव की कर्क राशि मे प्रवेश कर उच्च अवस्था के होंगे इसी भाव में 11 नवंबर को वक्री होंगें ,04 दिसंबर को पुनः मिथुन राशि के सप्तमभाव मे गोचर कर मार्गी होंगें l राहु 18 मई को तृतीय भाव मे प्रवेश करेंगे चर्तुथ से, जबकि इसी दिन केतु नवम भाव में गोचर करेंगे l 1.जीवन व्यवसाय इस वर्ष रोमांचकारी विस्मित करने वाले परिवर्तन होगें, 29 मार्च से 18 मई तक शनि ,राहु चर्तुथ भाव मे रहकर समस्याओं को बढ़ाएंगे इस अवधि में वाहन दुर्घटना,भवन मे नुकसान और माता को रोग व्याधि, गृहक्लेश की पूर्ण संभावना,18 मई से श्रम के अनुसार सुफल प्राप्त होंगे, अनचाहा स्थानांतरण, परीक्षा प्रतियोगिता में कठिन परिश्रम से ही सफलता मिलेगी, शासकीय कार्यों में पूर्ण ईमानदारी और सवाधानी रखें, आकस्मिक हानि होगी l 2. आर्थिक स्थिति कार्यस्थल पर उच्चस्थ,समकच्छ सहयोगियों से सदव्यवहार रखें तभी समर्थन और सहयोग मिलेगा, आर्थिक संतुलन आवश्यक है,आय और व्यय दोनों ही अधिक होगा, कर्ज लेना पड़ सकता है, रुपयों के लेन देन मे सावधानी जरूरी है, किसी भी बड़े निवेश या नौकरी व्यवसाय मे परिवर्तन से पूर्व अच्छे से चिंतन करें, पूरे वर्ष श्रम अधिक करना रहेगा l। 3.स्वास्थ्य ब्लडप्रेशर,शुगर,हड्डियों के दर्द,आकस्मिक वाहन दुर्घटना संभावित है,नियमित आहार विहार योग प्राणायाम मेडिटेशन करें l 4.परिवार स्वजनों से वाद विवाद, जीवनसाथी से वैचारिक मतभेद अधिक होंगें, माता पिता के स्वास्थ मे परेशानी,मई के महीने से पारिवारिक समस्या कम हो जाएगी,संतान की उन्नति,परिवार में मांगलिक उत्सव, अविवाहितों के विवाह, प्रेम संबंध अगस्त से अक्टूबर के मध्य परिवार सहित धार्मिक यात्रा होगी 5.धार्मिक उपाय भगवान शिव, हनुमान जी की पूजा करें,शनि संबंधित दान करें मछलियों को आटा खिलाएं. शुभ रत्न पुखराज के साथ मोती धारण करें. शुभ रंग पीला, सुनेहला.शुभ दिवस गुरुवार, सोमवार. शुभ अंक 3,4,8 राशि स्वामी देवगुरु बृहस्पति को प्रसन्न करें l
10.मकर राशि प्रथम नामाक्षर
(भो,ज,जी,खी, खू,खे,खो,गा,गी) ग्रह गोचर 29 मार्च को शनि की साढ़े साती समाप्त हो जाएगी इसी दिन लग्नेश और धनेश के स्वामी शनिदेव स्वयं की कुंभ राशि के द्वितीय भाव से मीन राशि के तृतीय भाव मे गोचर करेगें,14 मई को तृतीय और द्वादश भाव के स्वामी देव गुरू बृहस्पति पंचम भाव से मिथुन राशि के षष्ठ भाव मे प्रवेश कर इसी भाव मे 09 जून को अस्त होकर 09 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को सप्तम भाव कर्क राशि मे प्रवेश कर बृहस्पति उच्चस्थ होंगे इसी भाव मे 11 नवंबर को वक्री होंगे, 04 दिसंबर को पुनः षष्ठ भाव की मिथुन राशि में गोचर कर मार्गी होंगें l राहु 18 मई को द्वितीय भाव में और इसी दिन केतु सिंह राशि के अष्टम भाव में गोचर करेंगे l
2025। 1.जीवन व्यवसाय नौकरी व्यवसाय मे सकारात्मक उन्नति होगी, कार्यस्थल पर वरिष्ठ अधिकारियों का पूर्ण सहयोग और समर्थन मिलेगा, पदोन्नति होगी, परीक्षा प्रतियोगिता में वांछित परिणाम मिलेंगे, धार्मिक एवं व्यवसायिक यात्राएं सफल होगी, सकारात्मक चिंतन से उत्साह, उमंग के साथ कार्यक्षमता बढ़ी रहेगी, सामाजिक स्थिति मे सुधार होगा, शासन से पद या पुरस्कार मिलेगा, वाणी,क्रोध और अहंकार पर नियंत्रण आवश्यक है l 2.आर्थिक पक्ष आय के एक से अधिक साधन मिलेंगे,आमदनी बढ़ने से पुराने कर्ज में भी कमी आएगी, संचित कोष में वृद्धि होगी 14 मई से बृहस्पति छठे भाव में रहकर नवमी शुभ दृष्टि से धन भाव को देखेंगे इससे उत्तम धन मिलता है, राहु भी धन भाव में रहकर आय और व्यय दोनो बढ़ाकर रखेंगे, भूमि, भवन, वाहन,कीमती धातु का क्रय करेगें। 3.स्वास्थ्य पुराने रोग विकार से मुक्ति, वर्ष के उत्तरार्द्ध मे कमर दर्द, वाहन प्रयोग सावधानी से करें अष्टम के केतु से आकस्मिक चोट दुर्घटना संभावित है, योग, प्राणायाम मेडिटेशन से मानसिक शांति l 4.परिवार जीवनसाथी से लाभ एवं उत्तम दांपत्य सुख, संतान की उन्नति और उनसे प्रसन्नता मिलेगी, परिवार में किलकारी गूंजे, भाई बहनों से मतभेद संभव है, अविवाहितों के विवाह योग बन रहे हैं, परिजन के साथ धार्मिक यात्रा भी करेंगे l 5.धार्मिक उपाय भगवान शंकर, दुर्गा माता की उपासना करें, कुत्ता, चींटी और पक्षियों को भोजन दें, यथाशक्ति जरूरतमंद को दान करेंl शुभ रत्न नीलम शुभ रंग काला, गहरा नीला शुभ दिवस शनिवार शुभ अंक 4, 8, 13, 22. राशि स्वामी शनि देव को प्रसन्न करेंl
11.कुंभ राशि प्रथम नामाक्षर
(गू,गे,गो,सा,सी, सू,से,सो,दा) ग्रहगोचर राशि स्वामी शनि देव 29 मार्च को लगन से दूसरे धन भाव मे गोचर करेगें,देव गुरू बृहस्पति एकादश और धन भाव के स्वामी होकर 14 मई को चर्तुथ भाव से पंचम भाव मे प्रवेश कर इसी भाव में 09 जून को अस्त होकर 09 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को मिथुन से षष्ठ भाव की कर्क मे प्रवेश कर उच्चस्थ होंगें यहां पर 11 नवंबर को वक्री होंगे,04 दिसंबर को पंचम भाव मिथुन मे मार्गी होंगें l राहु 18 मई को लग्न भाव में और केतु सप्तम भाव मे गोचर करेगें l 1.जीवन व्यवसाय शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण रहेगा, कार्यक्षेत्र मे पदोन्नति होगी, व्यापार व्यापार, नौकरी दोनों में ही प्रगति के अच्छे अवसर मिलेंगे, राहु के लगन और बृहस्पति के पंचम भाव मे रहने से आत्मविश्वास बढेगा जिससे कार्य मे सृजनात्मक और रचनात्मक चिंतन से उत्कृष्ठता प्राप्त होगी, भूमि भवन वाहन का पूर्ण सुख मिलेगा, समकछ सहकर्मियों से विश्वासघात के प्रति सजग रहें,जीवन मे महत्वपूर्ण परिर्वतन संभावित हैं, धार्मिक, व्यवसायिक, परिवारिक यात्राऐं होंगी l 2.आर्थिक स्थिति नियमित आय के अच्छे अवसर मिलेंगे, मार्च से धन भाव के शनि और मई से पंचम बृहस्पति धन धान्य और सुख समृद्धि मे वृद्धि करेगें, पैतृक संपत्ति का भी लाभ होगा l
3.स्वास्थ्य सामान्यतः स्वस्थ रहेंगे, पुराने दर्द भी कम होंगे,नेत्र विकार संभावित, कार्य की अधिकता से मानसिक तनाव,और अनिद्रा बढ़ सकती है l योग,प्राणायाम, व्यायाम, संतुलित आहार विहार निरोगी रखेंगे l 4.परिवार जीवनसाथी से उत्तम दांपत्य सुख, उपहार मिलेंगे, राहु की दृष्टि सप्तम भाव मे होने से जीवनसाथी को किसी तीसरे का भ्रम या शारीरिक रोग हो सकते हैं,सामाज और कुटुंब से सुख सम्मान यश मिलेगा ,संतान की उन्नति होगी,अविवाहितों के विवाह योग,पिता को रोग व्याधि बढ़े l 5.धार्मिक उपाय भगवान विष्णु की पूजा,यथाशक्ति दान चीटियों,पशु,पक्षी को नियमित भोजन दें,नाव की कील की अंगूठी धारण करें। शुभ रत्न नीलम. शुभ रंग काला हल्का नीला. शुभ दिवस शनिवार. शुभ अंक 4, 7, 11, 22, 29. राशि स्वामी शनि देव को प्रसन्न करें l
11.कुंभ राशि प्रथम नामाक्षर
(गू,गे,गो,सा,सी, सू,से,सो,दा) ग्रहगोचर राशि स्वामी शनि देव 29 मार्च को लगन से दूसरे धन भाव मे गोचर करेगें,देव गुरू बृहस्पति एकादश और धन भाव के स्वामी होकर 14 मई को चर्तुथ भाव से पंचम भाव मे प्रवेश कर इसी भाव में 09 जून को अस्त होकर 09 जुलाई को उदय होंगे, 18 अक्टुबर को मिथुन से षष्ठ भाव की कर्क मे प्रवेश कर उच्चस्थ होंगें यहां पर 11 नवंबर को वक्री होंगे,04 दिसंबर को पंचम भाव मिथुन मे मार्गी होंगें l राहु 18 मई को लग्न भाव में और केतु सप्तम भाव मे गोचर करेगें l 1.जीवन व्यवसाय शनि की साढ़े साती का अंतिम चरण रहेगा, कार्यक्षेत्र मे पदोन्नति होगी, व्यापार व्यापार, नौकरी दोनों में ही प्रगति के अच्छे अवसर मिलेंगे, राहु के लगन और बृहस्पति के पंचम भाव मे रहने से आत्मविश्वास बढेगा जिससे कार्य मे सृजनात्मक और रचनात्मक चिंतन से उत्कृष्ठता प्राप्त होगी, भूमि भवन वाहन का पूर्ण सुख मिलेगा, समकछ सहकर्मियों से विश्वासघात के प्रति सजग रहें,जीवन मे महत्वपूर्ण परिर्वतन संभावित हैं, धार्मिक, व्यवसायिक, परिवारिक यात्राऐं होंगी l 2.आर्थिक स्थिति नियमित आय के अच्छे अवसर मिलेंगे, मार्च से धन भाव के शनि और मई से पंचम बृहस्पति धन धान्य और सुख समृद्धि मे वृद्धि करेगें, पैतृक संपत्ति का भी लाभ होगा l
3.स्वास्थ्य सामान्यतः स्वस्थ रहेंगे, पुराने दर्द भी कम होंगे,नेत्र विकार संभावित, कार्य की अधिकता से मानसिक तनाव,और अनिद्रा बढ़ सकती है l योग,प्राणायाम, व्यायाम, संतुलित आहार विहार निरोगी रखेंगे l 4.परिवार जीवनसाथी से उत्तम दांपत्य सुख, उपहार मिलेंगे, राहु की दृष्टि सप्तम भाव मे होने से जीवनसाथी को किसी तीसरे का भ्रम या शारीरिक रोग हो सकते हैं,सामाज और कुटुंब से सुख सम्मान यश मिलेगा ,संतान की उन्नति होगी,अविवाहितों के विवाह योग,पिता को रोग व्याधि बढ़े l 5.धार्मिक उपाय भगवान विष्णु की पूजा,यथाशक्ति दान चीटियों,पशु,पक्षी को नियमित भोजन दें,नाव की कील की अंगूठी धारण करें। शुभ रत्न नीलम. शुभ रंग काला हल्का नीला. शुभ दिवस शनिवार. शुभ अंक 4, 7, 11, 22, 29. राशि स्वामी शनि देव को प्रसन्न करें l