इनकी मांगें जायज, सीएम जल्द निर्णय लें: उमंग सिंघार
इंदौर, 22दिसम्बर। इंदौर में मध्य प्रदेश लोक सेवा आयोग (एमपी पीएससी) के अभ्यर्थियों का प्रदर्शन शनिवार को लगातार चौथे दिन भी जारी है। दो हजार से ज्यादा विद्यार्थी कड़ाके की ठंड के बीच एमपीपीएससी के दफ्तर के सामने धरने पर बैठे हैं और लगातार प्रदर्शन कर रहे हैं। शनिवार की रात मप्र विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार धरना स्थल पर पहुंचे। उन्होंने विद्यार्थियों की मांगों को जायज बताया और सरकार से इन्हें जल्द पूरा करने की मांग की।
नेता प्रतिपक्ष सिंघार ने मौके पर एडीएम रोशन राय से भी बात की। उन्होंने कहा कि विद्यार्थियों की मांगों को लेकर आपको सरकार से बात करनी चाहिए। सिंघार ने आमरण अनशन पर बैठे दो अभ्यर्थियों से भी मुलाकात की और उनकी बात सुनी।
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन (एनईवाययू) के नेतृत्व में विद्यार्थियों ने एमपीपीसीएस दफ्तर के सामने बुधवार को सुबह 10 बजे प्रदर्शन शुरू किया था। इसके बाद गुरुवार रात से दो विद्यार्थियों ने आमरण अनशन शुरू कर दिया। आमरण अनशन पर बैठे अरविंद सिंह भदौरिया की हालत शनिवार को बिगड़ गई और वे बेहोश हो गए। जिसके बाद उन्हें ड्रीप चढ़ाई गई। अरविंद के साथ विद्यार्थियों के लीडर राधे जाट भी आमरण अनशन पर हैं।
धरनास्थल पहुंचे नेता प्रतिपक्ष उमंग सिंघार ने कहा कि इनकी मांग वाजिब है। पिछले कुछ दिनों से धरने पर बैठे हैं, कुछ अनशन पर बैठे हैं। मध्य प्रदेश सरकार को, सीएम को इनसे बात करना चाहिए। क्या परेशानी है इन्हें कॉपी दिखाने में। क्यों नहीं दिखाना चाहते सरकार बताए। प्रश्न गलत क्यों देते हैं। पारदर्शिता होना चाहिए। जिस प्रकार से इंटरव्यू में गड़बड़िया हो रही हैं, इसे तत्काल बंद कराए, नहीं तो अलगे सत्र में सदन नहीं चलने देंगे।
सिंघार ने कहा कि मैंने यहां एडीएम रोशन जी को भी कहा है कि तत्काल यहां पर एंबुलेंस और डॉक्टर की व्यवस्था करें। कल से कुछ कैजुअल्टी होता है तो सरकार की जवाबदारी रहेगी। कलेक्टर और एडीएम से भी बात हुई है। मैं समझता हूं कि आज ही निराकरण होगा, नहीं तो धरना चालू रहेगा। इससे पहले शनिवार को ही रतलाम के सैलाना से भारतीय आदिवासी पार्टी के विधायक कमलेश्वर डोडियार और धार के मनावर से विधायक डॉ. हिरालाल अलावा भी छात्रों की मांगों के समर्थन में यहां पहुंचे थे।
विद्यार्थी बोले- हमसे बात करने कोई नहीं आया
नेशनल एजुकेटेड यूथ यूनियन के सदस्य रणजीत किसानवंशी ने बताया कि आज दिनभर न तो प्रशासन का कोई व्यक्ति और न ही आयोग का कोई प्रतिनिधि बातचीत करने को तैयार हुआ। हम चाहते थे कि कोई बातचीत करे। इससे पहले तीन दिन तक बातचीत हुई, लेकिन वह बेनतीजा रही। शुक्रवार शाम को भी दो घंटे बातचीत हुई। आयोग और प्रशासन के अधिकारी मानते हैं कि हमारी मांगे जायज हैं, लेकिन जब बात सचिव तक पहुंची, तो उन्होंने हमारी मांगें मानने से इंकार कर दिया।
आंदोलन को खत्म करने की हो रही कोशिश
रणजीत किसानवंशी ने सरकार पर आरोप लगाते हुए कहा कि सरकार बलपूर्वक इस आंदोलन को खत्म करना चाहती है। प्रशासन इसमें षड्यंत्र कर रहा है। अशांति फैलाने के लिए साजिश रची जा रही है। कुछ ऐसे लोग आ रहे हैं, जिन्हें हम नहीं जानते, और वे अशांति फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। लेकिन हमारा शांतिपूर्ण आंदोलन जारी है। आज दंडवत यात्रा निकलने वाली थी, जिसे कैंसिल कर दिया गया। अब इसे कल निकाला जाएगा।