धमतरी, 4 दिसंबर ।जिले के सभी 100 खरीदी केंद्रों में किसानों से अब तक साढ़े 14 लाख क्विंटल धान की खरीद समर्थन मूल्य पर की गई है, लेकिन उठाव सिर्फ एक लाख क्विंटल का हुआ है। उठाव धीमी गति से चल रहा है, जो समितियों के लिए मुसीबत बनी हुई है, लेकिन जल्द ही धान उठाव शुरू होने की संभावना है, क्योंकि उठाव के लिए राईसमिलरों का पंजीयन शुरू हो चुका है। इधर बारदाना की किल्लत से जूझ रहे केन्द्रों में आठ हजार गठान बारदाना पहुंचने के बाद फिलहाल राहत है। समय पर बारदाना पहुंचा, तो किसी अब प्रभावित नहीं होंगे।
जिले के सात खरीद केन्द्र समेत कई अन्य केन्द्रों में बारदाना की किल्लत शुरू हो गई थी, जो बड़ी समस्या बनी हुई थी। समय रहते यदि इन केन्द्रों में बारदाना उपलब्ध नहीं होता, तो धान खरीद बंद हो सकता था। जानकारी के अनुसार जिले के खरेंगा, शंकरदाह, डोंगरडुला, डोंगरडुला दुगली, नगरी और सेमरा खरीदी केन्द्रों में बारदाना की किल्लत शुरू हो गई थी, लेकिन डीएमओ कार्यालय से आठ हजार बारदाना पहुंचाया गया, तो बारदाना की किल्लत दूर हो गई है।
डीएमओ सुनील सिंह राजपूत ने बताया कि जिले के खरीद केन्द्रों में 38 लाख 88000 हजार बारदाना उपलब्ध कराए है। 9800 गठान नया बारदाना समेत कुल 18000 हजार बारदाना फिलहाल उपलब्ध करा चुके हैं। इन दिनों जिले के किसी भीखरीद केन्द्रों में बारदाना की किल्लत नहीं है और खरीदी सामान्य तरीके से चल रहा है। जिन केन्द्रों में बारदाना की किल्लत शुरू हो गई थी, वहां बारदाना पहुंचा दिया गया है। कम्प्यूटर में एंट्री नहीं होने के कारण साफ्टवेयर में कुछ केन्द्रों में बारदाना की कमी जरूर दिखा रहा था, लेकिन एंट्री के बाद वह बंद हो चुका है।खरीद केन्द्रों में किसानों से खरीदे गए समर्थन मूल्य के धान का उठाव जारी है। फिलहाल एक लाख क्विंटल धान का उठाव कर संग्रहण केन्द्रों में रखा गया है। अब राईसमिलरों का पंजीयन धान उठाने के लिए किया जा रहा है। डीएमओ ने बताया कि तीन दिसंबर तक जिले के 42 राईसमिलरों का पंजीयन मिलिंग के लिए हो चुका है। जल्द ही उठाव में तेजी आएगी और समितियों को राहत मिलेगी। उठाव के लिए तैयारियां की जा रही है।
उल्लेखनीय है कि पिछले तीन दिनों से चक्रवात फेंगल के चलते जिले के सभी क्षेत्रों में बादल वाला मौसम और बूंदाबांदी हुई है, इससे केन्द्रों में रखे धान पर खतरा मंडराने लगा है, लेकिन समिति सदस्यों ने धान को बेमौसम बारिश से बचाने के लिए तिरपाल व पालीथिन से ढककर सुरक्षित रखा है। बारिश भी होती है, तो धान को ज्यादा नुकसान नहीं होगा।