शिमला, 04 दिसंबर । पूर्व मुख्यमंत्री और पूर्व केन्द्रीय मंत्री शान्ता कुमार ने बांग्लादेश में हो रहे हिन्दू उत्पीड़न पर गहरी चिंता व्यक्त की। उन्होंने कहा कि जिस बांग्लादेश को स्वतंत्रता दिलाने के लिए भारतीय सेना के चार हजार जवानों ने जान दी थी और जिसके सामने पाकिस्तान सेना के 93 हजार सैनिकों ने आत्मसमर्पण किया था, उसी बांग्लादेश में आज हिन्दू समुदाय के लोग हिंसा का शिकार हो रहे हैं। उनके घर जलाए जा रहे हैं, महिलाओं के साथ बलात्कार और अन्य अत्याचार हो रहे हैं। उन्होंने इसे मानवता के खिलाफ एक “महापाप” और “21वीं सदी की सभ्यता” के लिए एक कलंक बताया।
शान्ता कुमार ने बुधवार काे एक बयान में कहा कि पूरा भारत इस घटनाक्रम से सदमे में है और दुनिया के कई देशों ने इसका विरोध किया है, लेकिन बांग्लादेश सरकार इस पर ध्यान नहीं दे रही है। यह मानवाधिकारों का गंभीर उल्लंघन है, जिसे अनदेखा नहीं किया जा सकता।
उन्होंने भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी से अपील की कि वे इस मुद्दे को संयुक्त राष्ट्र संघ में उठाएं और दुनिया के नेताओं से बांग्लादेश पर दबाव बनाने की मांग करें। उनका कहना था कि मोदी जी केवल भारत के प्रधानमंत्री ही नहीं, बल्कि वैश्विक स्तर पर एक प्रतिष्ठित नेता बन चुके हैं और भारत को इस मुद्दे पर नेतृत्व करना चाहिए।
शान्ता कुमार ने प्रधानमंत्री से आग्रह किया कि वे अन्य देशों के नेताओं, जैसे कि अमेरिका के पूर्व राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप से बातचीत करें और उन्हें इस मुद्दे पर आवाज उठाने के लिए प्रेरित करें। उन्होंने प्रधानमंत्री से यह भी अनुरोध किया कि भारत बांग्लादेश के खिलाफ वैश्विक स्तर पर कड़ी कार्रवाई करने की अपील करे, जिसमें बांग्लादेश से राजदूत वापस बुलाना, व्यापारिक प्रतिबंध लगाना और बांग्लादेश को अंतरराष्ट्रीय मंचों से अलग-थलग करना शामिल हो।
उन्होंने यह भी विश्वास जताया कि प्रधानमंत्री मोदी के नेतृत्व में कई देशों से इस मुद्दे पर सहयोग मिलेगा और इससे वैश्विक स्तर पर मानवता के खिलाफ इस गंभीर अपराध के खिलाफ एक मजबूत संदेश जाएगा।
शान्ता कुमार ने कहा कि यह समय है जब भारत अपनी नेतृत्व क्षमता का उपयोग कर बांग्लादेश के खिलाफ कड़े कदम उठाए और विश्व में एक नया इतिहास रचे।