बिलासपुर, 26 नवंबर । पुलिस आरक्षक संवर्ग के तहत प्रदेशभर में प्रस्तावित भर्तियों पर हाईकोर्ट ने रोक लगा दी है। यह निर्णय जस्टिस राकेश मोहन पांडेय की सिंगल बेंच ने सुनवाई के बाद लिया।
प्रकरण यह है कि प्रदेश के विभिन्न जिलों में आरक्षक के पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू की गई थी। याचिकाकर्ता के पुत्र ने राजनांदगांव जिले में कांस्टेबल (जनरल ड्यूटी) के कई पदों में आवेदन किया था। इसी दौरान, डीजी पुलिस द्वारा भर्ती प्रक्रिया में कार्यरत और भूतपूर्व सैनिक कर्मचारियों के बच्चों को छूट देने का प्रस्ताव सचिव को भेजा गया।
प्रस्ताव में भर्ती नियम 2007 की कंडिका 9(5) के तहत शारीरिक परीक्षण जैसे सीने की चौड़ाई और ऊंचाई सहित कुल 9 बिंदुओं पर शिथिलता की सिफारिश की गई थी। अवर सचिव ने इस सिफारिश को स्वीकृति दे दी।
याचिकाकर्ता बेद राम टंडन ने इस कदम को अन्य अभ्यर्थियों के साथ भेदभावपूर्ण बताया और हाईकोर्ट में याचिका दायर की। उन्होंने तर्क दिया कि केवल विभागीय कर्मचारियों को छूट देना सामान्य आवेदकों के अधिकारों का उल्लंघन है।
सुनवाई के बाद हाईकोर्ट ने भर्ती प्रक्रिया को अस्थायी रूप से रोकते हुए दिनांक 20.10.2023 के विज्ञापन के अनुसार चयन प्रक्रिया सुनवाई की अगली तारीख तक स्थगित कर दिया है। इस मामले में अगली सुनवाई अगले सप्ताह में रखी गई है।