धमतरी, 22 नवंबर । बीते 21 सितंबर की आधी रात को मेघा महानदी पुल का पिलर टूटने से पुल स्लैब में दरार पड़ गई, जिससे मेघा महानदी पुल से आवागमन पूर्णतः बंद है। दूसरे दिन से जनता अव्यवस्था से अब तक जूझती आ रही है। मेघा महानदी पुल से आवागमन बंद हुए पूरे दो माह हो गए हैं। प्रशासन द्वारा आज तक वैकल्पिक मार्ग नहीं बनाया गया है। आम जनता महानदी पार करने के एनीकेट मार्ग से जान जोखिम में डालकर गुजरने मजबूर हैं। लोगों ने जल्द से जल्द वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग की है।
एनीकेट मार्ग आवागमन के लिए जनहित में उपयुक्त मार्ग नहीं है। जल संसाधन विभाग द्वारा महानदी का पानी संग्रहण के लिए एनीकेट बनाया गया है। एक किलोमीटर लंबे लगभग 5 फीट चौड़ी, सुरक्षाविहीन एनीकेट में सायकल, मोटर सायकल, पैदल यात्रियों की रेलमपेल लगी रहती है। इस तरह लोग जान हथेली पर आवाजाही कर रहे हैं। शाम के समय मोटर साइकिल की चकाचौंध हेड लाईट के प्रकाश से वाहन टकराने व गिरने का भय बना रहता है। आम जनता को हो रही परेशानी पर जनहित में अतिशीघ्र वैकल्पिक मार्ग बनाने की मांग क्षेत्र के सैकडों लोग कर रहे हैं। क्षेत्रीय जनता शासन प्रशासन से इस दिशा में गंभीरता से कार्य करने की बात कह रही है। क्योंकि लगातार इस मामले को उठाया जा रहा है ।
उक्त स्थल से एनीकेट पहुंच मार्ग अत्यधिक खराब है। उबड़, खाबड़, रास्ते में बोल्डर, पत्थर पड़ा हुआ है। आने जाने वाले राहगीर प्रतिदिन गिरकर चोटिल हो रहे हैं। मेघा महानदी पुल से आवागमन बंद होने से मगरलोड क्षेत्रवासियों का जन जीवन अस्त-व्यस्त हो गया है। लोगों का व्यापार व्यवसाय चौपट हो गया है। स्कूली बच्चों का भविष्य अंधकार मय हो गया है। स्वास्थ्य विभाग की आपातकालीन सेवा ठप है। अन्नदाता किसान को धान बिक्री करने कुरूद मंडी जाने मार्ग कठिन हो गया है। मगरलोड क्षेत्र में कार्यरत अधिकारी, कर्मचारी की समय पर कार्य स्थल पहुंचना असंभव हो गया है। तमाम परेशानी के बाद भी प्रशासन कब जागेगी ।
राजस्व एवं प्रभारी मंत्री ने की थी घोषणा
छत्तीसगढ़ राज्य के राजस्व बाढ़ आपदा एवं जिले के प्रभारी मंत्री टंक राम वर्मा का 17 अक्टूबर को ब्लाक मुख्यालय सहित ग्राम करेली छोटी के दौरा कार्यक्रम पहुंचे थे। मेघा महानदी पुल टूटने से आवागमन बंद होने से क्षेत्रवासी परेशान है कि जानकारी प्रभारी मंत्री को अवगत कराया गया। जन समस्या को संज्ञान में लेकर प्रभारी मंत्री ने जिला कलेक्टर नम्रता गांधी से चर्चा कर बाढ़ आपदा राहत मद की राशि से वैकल्पिक मार्ग बनाने एक करोड़ रुपये की घोषणा की थी। मंत्री की घोषणा को एक माह से ज्यादा हो चुका है। अब तक वैकल्पिक मार्ग का निर्माण कार्य शुरू नहीं हुआ है। क्षेत्रवासी आवागमन की समस्या से जूझ रहे हैं। किंतु आज तक किसी नेता ने वैकल्पिक मार्ग निर्माण के लिए शासन प्रशासन से चर्चा नहीं की है।
नए पुल बनने के पहले वैकल्पिक मार्ग पहली जरूरत
मेघा महानदी नए पुल बनाने शासन द्वारा 46 करोड़ रुपये राशि स्वीकृति प्राप्त हो चुकी है। पुल निर्माण को पूर्ण होने में लगभग चार-पांच वर्ष का समय लग सकता है। खुशी की बात है कि मेघा महानदी में आवागमन की उपयोगिता को ध्यान में रखकर नए पुल की स्वीकृति प्राप्त हुई है। विडंबना यह है कि वर्तमान समय में मेघा महानदी की पुल खराब होने से आवागमन बंद हो चुका है। क्षेत्रवासी परेशान हैं। आने-जाने के लिए वैकल्पिक मार्ग का निर्माण अति आवश्यक है। प्रशासन जनहित में वैकल्पिक मार्ग निर्माण प्रक्रिया को अतिशीघ्र शुरू कर जनभावना का सम्मान करे।