निप्र, जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले में डेंगू से अब तक आठ मौत लेकिन सरकारी आंकड़ों में जीरो बताना शासन प्रशासन का जनता को गुमराह करने का सवाल खड़ा कर रहा है ,लगातार बढ़ रहे डेंगू मरीजों की संख्या पर स्वास्थ्य सेवाएं बेअसर दिखाई दे रही हैं, डॉक्टरों की कमी एव प्राइवेट अस्पतालों में बढ़ती भीड़ ओर इलाज के अभाव में कोरोना जैसी महामारी में आर्थिक रूप से टूट चुके लोगों की जेब पर बढ़ता इलाज का बोझ उन्हें मानसिक क्षति पहुचा रहा है लेकिन डॉक्टरों की कमी और कमजोर स्वास्थ्य व्यवस्थाओं पर न प्रदेश के मुख्यमंत्री का ध्यान है और न राज्य के स्वास्थ्य मंत्री का सत्ता में बैठकर भी जनता के लिए स्वास्थ्य एवं शिक्षा जैसी कमियों को प्रदेश सरकार दूर नही कर पा रही है वही मध्यप्रदेश सरकार पर बढ़ता कर्ज़ राज्य को पिछड़ते हुए काल मे ले जा रहा है ,कमजोर विपक्षी दल डॉक्टरों की मांग को लेकर सिर्फ ज्ञापन तक ही सीमित रह गए है जिसका खामियाजा जनता को भुगतना पड़ रहा है, रतलाम जिले के 5 ब्लाक व 9 नगर परिषदों के हालात स्वास्थ्य सेवाओं को लेकर लचर है,बीमारियों से ग्रस्त मरीज सरकारी अस्पताल तो चला जाता है लेकिन उपचार न मिलने से प्राइवेट अस्पताल जाने के लिए मजबूर कर दिया जाता है।