अब तक दोनों महिला अधिकारियों ने गोवा से 4900 नॉटिकल मील की दूरी तय की
नई दिल्ली, 10 नवंबर । समुद्र में 39 दिन की चुनौतीपूर्ण यात्रा के बाद भारतीय नौसेना की नौकायन पोत तारिणी ‘नाविका सागर परिक्रमा’ के दूसरे चरण में ऑस्ट्रेलिया के फ्रेमेंटल में बंदरगाह पर पहुंच गई है। नौसेना प्रमुख एडमिरल दिनेश के. त्रिपाठी ने 2 अक्टूबर को गोवा से इस ऐतिहासिक अभियान को हरी झंडी दिखाई थी। इस अभियान में दो महिला नौसेना अधिकारी लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के. और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए भारतीय नौसेना के पोत तारिणी से ऐतिहासिक जल यात्रा पर निकलीं हैं।
यह ऐतिहासिक घटना नौसेना के समुद्री नौकायन इतिहास में एक महत्वपूर्ण मील का पत्थर है, क्योंकि यह भारतीय महिलाओं की नौकायन पोत से दुनिया की पहली परिक्रमा है। यह अभियान भारत के समुद्री प्रयासों का प्रतीक है, जो वैश्विक समुद्री गतिविधियों में देश की प्रमुखता और उत्कृष्टता और महिला सशक्तिकरण के प्रति भारतीय नौसेना की प्रतिबद्धता को दर्शाता है। अब तक दोनों महिला अधिकारियों ने गोवा से 4900 नॉटिकल मील की दूरी तय की है। इन्होंने 16 अक्टूबर को भूमध्य रेखा और 27 अक्टूबर को मकर रेखा को पार किया है। नौसेना के अनुसार इस 38 दिन की नॉनस्टॉप यात्रा के दौरान लेफ्टिनेंट कमांडर दिलना के और लेफ्टिनेंट कमांडर रूपा ए की जोड़ी ने शांत से लेकर गंभीर मौसम की स्थिति का सामना किया। वैश्विक परिक्रमा अभियान चला रहीं दोनों महिला अधिकारी 9 नवंबर को भारतीय समयानुसार लगभग 14.30 बजे ऑस्ट्रेलिया के फ्रेमेंटल में बंदरगाह पर पहुंचीं। अभियान की प्रगति पर नौसेना प्रमुख एडमिरल त्रिपाठी खुद बारीकी से नजर रखकर प्रतिदिन अपडेट ले रहे हैं। दिवाली की पूर्व संध्या पर उन्होंने चालक दल के सदस्यों से बातचीत की और पाया कि वे अपने मिशन के लिए पूरी तरह से प्रेरित और समर्पित हैं।
फ्रेमंटल बंदरगाह पहुंचने पर आईएनएसवी तारिणी का पर्थ में भारत के महावाणिज्य दूत, कैनबरा के रक्षा सलाहकार, भारतीय नौसेना नौकायन संघ (आईएनएसए) के सचिव, रॉयल ऑस्ट्रेलियाई नौसेना के प्रतिनिधियों, मीडिया के सदस्यों और ऑस्ट्रेलिया में रहने वाले भारतीय नौसेना के दिग्गजों सहित गणमान्य व्यक्तियों ने गर्मजोशी से स्वागत किया। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के तमिल संघ ने पराई ड्रम और कोम्बू थराई ड्रम का उपयोग करके स्वागत समारोह को शास्त्रीय संगीत की ध्वनि से और समृद्ध किया। नाविका सागर परिक्रमा अभियान अंतरराष्ट्रीय समुद्री समुदायों के साथ संबंधों को मजबूत करने के लिए भारत की समृद्ध समुद्री विरासत को आगे बढ़ा रहा है।————-