काठमांडू, 21 सितंबर । कनाडा में जारी विश्व भर के महिला विदेश मंत्रियो की बैठक में पश्चिमी देशों के प्रतिनिधियों ने जब यह कहा कि महिलाओं के अधिकार और सम्मान को लेकर एशियाई देशों को हमसे सीखना चाहिए तो मंच पर बैठी नेपाल की विदेश मंत्री ने पश्चिमी देशों की विदेश मंत्रियों को आड़े हाथों लिया।
कनाडा की विदेश मंत्री ने टोरंटो में शुक्रवार और शनिवार को एक सम्मेलन का आयोजन किया है, जिसमें दुनिया भर में जिन देशों में विदेश मंत्रालय का काम महिला के पास है ऐसे सभी विदेश मंत्रियों का दो दिवसीय सम्मेलन का आयोजन किया था। इस सम्मेलन का मुख्य उद्देश्य विश्व राजनीति में महिला की भागीदारी को बढ़ाना और उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाने को लेकर चर्चा करना था।
पश्चिमी देशों से आई महिला विदेश मंत्रियों ने कहा कि महिलाओं की राजनीति में भागीदारी का विषय हो या राजनीति में उन्हें सम्मानजनक स्थान दिलाने की बात हो यूरोप अमेरिका कनाडा ऑस्ट्रेलिया में बाकी एशियाई देशों की तुलना में स्थिति काफी बेहतर है। एशियाई देशों को उससे सीखना चाहिए। पश्चिमी देशों के द्वारा दिए गए इस तरह के बयान का नेपाल की विदेश मंत्री डॉ आरजू राणा ने न सिर्फ खंडन किया बल्कि नसीहत देने वाली यूरोपीय सहित अन्य पश्चिमी देशों के विदेश मंत्रियों को सर्ववजनिक मंच से जवाब दिया।
शनिवार को इस सम्मेलन के समापन सत्र को संबोधित करते हुए डॉ राणा ने कहा कि वो एक छोटे से हिमालयी देश का प्रतिनिधित्व करती है और उन्हें गर्व है कि उनकी संस्कृति मे महिला को ईश्वर का दर्जा दिया गया है। उन्होंने संस्कृत का श्लोक यत्र नारयस्तु पूज्यन्ते रमंते तत्र देवता सुना कर कहा कि पश्चिम वाले की सोच आज तक वहां नहीं गई है जहां हमारे पूर्वज युगों पहले सोचा था।
सम्मेलन में नेपाल की विदेश मंत्री डॉ आरजू राणा ने भारत, बांग्लादेश, श्रीलंका, म्यांमार, पाकिस्तान जैसे देशों का उद्वाहरण देते हुए कहा कि इन सभी देशों में महिलाओं ने सत्ता का बागडोर सफलतापूर्वक संभाला है। साथ ही उन्होंने कहा कि पूरी दुनियां को महिला को अधिकार की बात का सबक सिखाने वाले बड़े बड़े देशों में आज आज तक कोई भी महिला सत्ता के शीर्ष स्थान तक नहीं पहुंच पाई। उन्होंने अमेरिका, चीन, रूस,कनाडा आदि देशों का नाम लेकर ही कहा कि इन देशों को पहले अपने गिरेबान में झांक कर देखना चाहिए।
नेपाल की विदेश मंत्री ने कहा कि यह बात सच है कि नेपाल में भी प्रमुख कार्यकारी स्थान पर आज तक महिला नहीं पहुंची है लेकिन राष्ट्रपति, स्पीकर और चीफ जस्टिस जैसे महत्वपूर्ण पद पर पहुंची है। डा राणा ने कहा कि यह बात भी सच है कि महिलाओं को राजनीति में आने में काफी चुनौतियों का सामना करना पड़ता है लेकिन यह समस्या सिर्फ एशियाई देशों में नहीं है बल्कि अमेरिका, चीन, रूस, कनाडा में भी है।
नेपाल की विदेश मंत्री ने कहा कि पश्चिमी देशों की महिलाएं या तो परिवार संभालती है, या राजनीति करती है या अपना दूसरा कैरियर संभालती है। एक संभालने पर वो बाकी नहीं संभाल पाती है। लेकिन एशियाई महिलाएं खास कर हिमालय और हिंद महासागर के बीच की जो महिलाएं हैं वो अपनी शादीशुदा जिंदगी भी संभालती है, परिवार और बच्चों को भी संभलती है, नौकरी पेशा जिंदगी भी बखूबी संभालती है, अपना कैरियर भी संवारती है और मौका मिलने पर इन सभी को संभालते हुए बहुत अच्छे से देश का राजपाट भी संभलती है।