इंदौर – ‘मिशन ब्रेन अटैक’ एक देशव्यापी अभियान है, जिसका उद्देश्य स्ट्रोक से जुड़ी पूरी देखभाल पर ध्यान देना है। इस अभियान को हाल ही में इंडियन स्ट्रोक एसोसिएशन (आईएसए) ने वाराणसी में लॉन्च किया था, और इंदौर में इसे बेहतरीन प्रतिक्रिया मिली है। यह अभियान रोकथाम के उपायों से शुरू होता है और फिर स्ट्रोक के सटीक प्रबंधन और पुनर्वास पर केंद्रित होता है। आंकड़े बताते हैं कि हर चार में से एक व्यक्ति को स्ट्रोक का खतरा होता है।
प्रेस वार्ता के दौरान, आईएसए के प्रेसिडेंट डॉ. निर्मल सूर्या ने कहा, “स्ट्रोक के तीन मुख्य कारण होते हैं- ब्लड प्रेशर, शुगर और कोलेस्ट्रॉल। अगर आपके परिवार में किसी बुजुर्ग को स्ट्रोक हुआ है और आपको भी ब्लड प्रेशर, शुगर या कोलेस्ट्रॉल है, तो आपको सतर्क रहना चाहिए। ऐसे मामलों में वजन कम रखना, कोलेस्ट्रॉल को नियंत्रित करना और शराब व तंबाकू छोड़ने की सलाह दी जाती है।”
उन्होंने आगे कहा, ‘’मौजूदा आंकड़े बताते हैं कि औसतन हर मिनट तीन लोगों को लकवा (पैरालिसिस) हो रहा है। लकवा भी मौत का तीसरा सबसे बड़ा कारण है।’’
आईएसए के सचिव डॉ. अरविंद शर्मा ने कहा, “मिशन ब्रेन अटैक अपने तरह का पहला अभियान है, जो पूरे भारत में स्ट्रोक की रोकथाम, जागरूकता, प्रबंधन, देखभाल और पुनर्वास को कवर करता है। इंदौर ने सही समय पर इस अभियान को बड़े उत्साह और दिलचस्पी के साथ अपनाया है, जिससे इस मुहिम को बढ़ावा मिला है।”
मिशन ब्रेन अटैक का उद्देश्य ब्रेन स्ट्रोक के बारे में जागरूकता फैलाना और तीन मुख्य पहलुओं पर पूरी देखभाल प्रदान करना है: स्ट्रोक के जोखिम को कम करने के लिए शुरुआती रोकथाम, गोल्डन आवर में सही इलाज, जैसे थ्रॉम्बोलाइसिस और मेकैनिकल थ्रॉम्बेक्टॉमी, स्ट्रोक से होने वाली विकलांगता के लिए लंबे समय तक पुनर्वास की सुविधा।
महत्वपूर्ण जानकारियाँ इस प्रकार हैं –
गोल्डन आवर
4 घंटे 30 मिनट का समय गोल्डन आवर होता है, जिसके भीतर मरीज को अस्पताल पहुँचाकर स्ट्रोक को पलटा जा सकता है
अनुवांशिकी
किसी व्यक्ति को स्ट्रोक होने का सीधा सम्बंध अनुवांशिकी से नहीं होता है, लेकिन चिकित्सकीय स्थितियों का परिवारिक इतिहास इसमें भूमिका निभाएगा
संकेत
स्ट्रोक के सभी संकेतों को समझना, पीडि़त व्यक्ति को तुरंत अस्पताल पहुँचाना और इस सम्बंध में सार्वजनिक जागरूकता बहुत मायने रखती है
कुछ संकेत इस प्रकार हैं:
बी- संतुलन खोना
ई- दिखाई न पड़ना
एफ – चेहरा बिगड़ना
ए- हाथ और पैर में कमजोरी
एस – बोलने में मुश्किल आना
टी – ऐसे संकेत दिखने पर 108 या एम्बुलेंस को कॉल करें और स्ट्रोक रेडी हॉस्पिटल पहुँचें (जहाँ सीटी स्कैन की उपलब्धता हो)