निप्र, जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम ज़िले के जावरा विधानसभा क्षैत्र के शासकीय अस्पताल को सोनोग्राफी मशीन के रुप में एक सफ़ल सौगात मिली लेकिन वर्तमान में सोनोग्राफी के लिए कोई डॉक्टर नहीं होने से महिलाओं को प्रेगनेंसी के दौरान होने वाली समस्याओं को डॉक्टर द्वारा सोनोग्राफी की जांच लिखने पर शासकीय सोनोग्राफी न होने पर रेड क्रॉस सोसायटी के अंतर्गत ४०० रु. राशि व्यय करना पड़ रही हैं जो की बाहरी प्रायवेट क्षेत्र के सोनोग्राफी सेंटर से कम है, बावजूद इसके की मजबूरी में आम लोगों को सोनोग्राफी में रेड क्रॉस सोसायटी पर भीड़ होने पर समस्या के चलते हजारों रु.व्यय कर बाहर प्रायवेट सेंटरो पर सोनोग्राफी करवाना पड़ रही हैं ,जहां रेड क्रॉस सोसायटी जावरा से जानकारी लेने पर बताया की हमारे यहां लगभग ४० सोनोग्राफी प्रतिदिन होती हैं, और एक सोनोग्राफी के ४०० रु लिए जाते हैं, रेवेन्यू तंत्र की माने तो ४० सोनोग्राफी के ४०० रु. प्रतिव्यक्ति के हिसाब से ४ लाख ८० हज़ार की प्रतिमाह की सोनोग्राफी से रेड क्रॉस को आर्थिक लाभ अगर मिलता हैं तो बाहरी सोनोग्राफी सेंटर १००० प्रतिव्यक्ति वसूलते हैं जिसकी दर माने तो ४० सोनोग्राफी के १२ लाख प्रतिमाह प्रायवेट सोनोग्राफी सेंटर को एक बड़ा लाभ सोनोग्राफी के माध्यम से प्राप्त हो रहा हैं, जिसमें प्रायवेट सेंटर ४० से अधिक ही सोनोग्राफी करते हैं। जो की गरीबों के जेब पर सीधा प्रहार है,सोनोग्राफी के संबंध में शासकीय अस्पताल व महिला अस्पताल प्रभारी डॉक्टर दीपक पालड़ीया से जानकारी ली तो उन्होंने बताया की स्टॉफ की कमी है सोनोग्राफी सिर्फ़ मेरे द्वारा ही की जा सकती हैं बीच में सोनोग्राफी की भी थीं,लेकिन दो प्रभार और अन्य व्यवस्थाओं के साथ ओपीडी देखने के कारण समय नहीं मिल पा रहा। फिर भी व्यवस्था अनुरूप सोनोग्राफी शुरु की जाएंगी ।