सरकार ने बदला नियम
मध्य प्रदेश कैबिनेट ने मंगलवार को फैसला किया कि राज्य के मंत्रियों को अपना आयकर यानी इनकम टैक्स खुद भरना होगा, न कि राज्य सरकार को
कई महत्वपूर्ण प्रस्तावों को मिली मंजूरी
कैबिनेट का बड़ा फैसला,सरकार नहीं भरेगी मंत्रियों का इनकम टैक्स
Chief Minister Mohan Yadav : मध्य प्रदेश कैबिनेट ने . (25 जून) फैसला किया कि राज्य के मंत्रियों को अपना आयकर देना होगा, बजाय इसके कि राज्य सरकार इस तरह का बोझ उठाए. मुख्यमंत्री मोहन यादव ने एक बयान में कहा कि कैबिनेट ने 1972 के उस नियम को खत्म करने का निर्णय लिया है, जिसके तहत राज्य सरकार मंत्रियों के वेतन और भत्तों पर आयकर का भुगतान कर रही थी. मोहन यादव ने कहा, ‘कैबिनेट ने फैसला किया कि सभी मंत्री अपने वेतन और भत्तों पर आयकर का भुगतान करेंगे.’ मध्य प्रदेश की मोहन यादव सरकार के इस फैसले की सोशल मीडिया पर भी काफी तारीफ हो रही है, कई यूजर्स ने इस पर अपनी प्रतिक्रिया भी दी है. फैसले के मुताबिक राज्य सरकार के सभी मंत्री अपना इनकम टैक्स भरेंगे. अब तक यह वित्तीय भार राज्य सरकार वहन कर रही थी.
नगरीय विकास मंत्री कैलाश विजयवर्गीय ने बताया, सीएम ने बैठक में कहा कि मंत्रियों को मिलने वाले भत्ते पर लगने वाला इनकम टैक्स राज्य सरकार देती है। इसमें सुधार किया जाना चाहिए।
इसके बाद सभी ने सीएम के प्रस्ताव पर सहमति दी और इससे संबंधित अधिनियम समाप्त कर मंत्रियों के भत्ते पर लगने वाला इनकम टैक्स सरकार से जमा कराने की व्यवस्था खत्म करने को कहा है। इसके बाद अब मंत्री खुद इनकम टैक्स भरेंगे। मंत्री विजयवर्गीय ने कहा कि जेल सुधार में कैसे सुविधाएं बढ़ाई जाएं और कैदियों को रोजगार से जोड़ा जाए। इस दिशा में सरकार जल्द ही विधानसभा में विधेयक लाएगी।
कैबिनेट बैठक में यह भी फैसला किया गया कि केंद्रीय और राज्य की पैरामिलिट्री और फोर्स की सेवा में शहीद होने वाले अफसरों, कर्मचारियों की सरकार की ओर आर्थिक सहायता शहीद की पत्नी को दी जाती थी। सरकार ने तय किया है कि अब सहायता की 50 प्रतिशत राशि शहीद के माता पिता को भी दी जाएगी।
सायल टेस्टिंग होगी हर विकासखंड में
मंत्री विजयवर्गीय ने बताया कि कैबिनेट ने कृषि से संबंधित संस्थाओं और एग्रीकल्चर पास आउट युवाओं को सायल टेस्टिंग के अधिकार दिए हैं। सरकार ने तय किया है कि हर ब्लॉक में 45-45 टेस्ट कराकर उसका पेमेंट करेंगे। इससे टेस्ट करने वालों को आर्थिक लाभ भी मिलेगा। साथ ही किसानों को सायल टेस्ट की सही रिपोर्ट मिलेगी। सभी 313 विकासखंड में यह व्यवस्था लागू होगी।
अब एक या दो हेक्टेयर में भी सीएसआर से होगा पौधरोपण
विजयवर्गीय ने कहा कि पौधरोपण के लिए 10 हेक्टेयर जमीन पर ही सीएसआर के माध्यम से पौधरोपण करने की व्यवस्था थी। इससे कई छोटे दानदाता वंचित रह जाते थे. अब इसकी लिमिट को खत्म कर दिया गया है। अब एक या दो हेक्टेयर जमीन पर भी सीएसआर के माध्यम से पौधरोपण किया जा सकेगा।
इन प्रस्तावों पर लगी मुहर
मप्र सुधारात्मक सेवाएं एवं बंदी गृह विधेयक-2024 के प्रस्ताव को मंजूरी ।
कृषि विभाग के द्वारा प्रदेश के सभी विकास खंडों में सॉयल टेस्टिंग लैब की शुरुआत को लेकर प्रस्ताव पर मंजूरी
सभी विकासखंडों में स्थापित मृदा परीक्षण प्रयोगशालाओं का संचालन कृषि स्नातक और कृषि क्षेत्र में काम करने वाली सहकारी समितियां करेंगी।प्रत्येक विकासखंड में 45-45 नमूनों की जांच के लिए राशि राज्य सरकार देगी। इसके बाद संचालनकर्ता स्वयं मृदा परीक्षण करेंगे और राशि प्राप्त करेंगे।
कॉरपोरेट सोशल रिस्पांसिबिलिटी के अंतर्गत पौधारोपण के लिए निर्धारित 10 हेक्टेयर क्षेत्र की सीमा नहीं रखी जाएगी यानी कोई संस्था दो हेक्टेयर में भी पौधारोपण करना चाहती है तो उसे भी अनुमति दी जाएगी।
मध्य प्रदेश वे विद्यार्थी जो अन्य राज्यों के सैनिक स्कूल में पढ़ते हैं, उन्हें भी छात्रवृत्ति दी जाएगी।
रेलवे से जुड़ी परियोजनाओं के लिए प्रदेश में अब परिवहन के स्थान पर लोक निर्माण विभाग नोडल विभाग होगा और समन्वय का काम दिखेगा।
सैनिक के बलिदान होने पर उसकी पत्नी को दी जाने वाली सम्मान निधि का आधा हिस्सा माता-पिता को भी दिया जाएगा।
1972 में बना था नियम..
मंत्रियों का इनकम टैक्स भर रही थी सरकार..
52 साल बाद मोहन सरकार ने बदला फैसला..
मुख्यमंत्री डॉ मोहन यादव जी की सरकार में लगातार लिए जा रहे बड़े फैसले..