ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में “श्री आदि शंकराचार्य” का दर्शन प्रस्तुत करने वाली पहली भारतीय बनीं अनुराधा पौडवाल
मुंबई: 1st जून: संपूर्ण विश्व इन दिनों सनातन धर्म की शिक्षाओं से ज्ञान का प्रकाश ले रहा है। इसी दिशा में हाल ही में ब्रिटिश संसद के हाउस ऑफ कॉमन्स में बहुसांस्कृतिक संध्या का आयोजन किया गया। इसमें लोकप्रिय भारतीय गायिका पद्मश्री अनुराधा पौडवाल ने सनातन धर्म के महान प्रकाश स्तंभ श्री आदि शंकराचार्य की शिक्षाओं पर आधारित संगीत की प्रस्तुति दी। इस कार्यक्रम के दौरान भारत एवं बांग्लादेश के बीच एक क्रॉस-बॉर्डर म्यूजिक कोलैबोरेशन (सीमा पार संगीत सहयोग) का भी एलान किया गया। भारतीय प्लेबैक गायिका अनुराधा पौडवाल और बांग्लादेशी संगीतकार आसिफ अली ने प्रशंसकों के बीच अपना एल्बम लॉन्च किया।
अनुराधा पौडवाल सनातन धर्म से विश्व का परिचय करने के मिशन पर काम कर रही हैं। सनातन धर्म सभी धर्मों एवं संस्कृतियों का मूल है, जो मनुष्यता के साथ जीने की सीख देता है। यह विविधता से परिपूर्ण संसार को एक सूत्र में पिरोने का ज्ञान देता है। इस सांस्कृतिक संध्या के दौरान विभिन्न पृष्ठभूमि एवं मान्यता के लोग एकत्र हुए, जिन्हें प्रेम एवं सम्मान की भावना ने ही साथ किया था। यही सनातन धर्म की सीख है।
इस कार्यक्रम के दौरान ब्रिटिश सांसद एवं मेजबान सीमा मल्होत्रा, मिडल ईस्ट, नॉर्थ अफ्रीका, साउथ एशिया, यूनाइटेड नेशंस एवं कॉमनवेल्थ के मिनिस्टर ऑफ स्टेट लॉर्ड तारिक अहमद, हिंदुजा ग्रुप के प्रमुख श्री गोपी हिंदुजा व कई गणमान्य जन उपस्थित रहे।
पद्मश्री अनुराधा पौडवाल ने अपनी म्यूजिक सीरीज ‘वर्क्स ऑफ आदि शंकराचार्य’ का अनावरण किया। आदि शंकराचार्य ने भ्रमित समाज को वैदिक ज्ञान से सिंचित किया और उन्हें भौतिक एवं आध्यात्मिक उन्नति पाने में सक्षम बनाया। वह एक परंपरावादी थे, जिन्होंने व्यवस्था को न तो कमजोर किया और न ही उसकी भ्रमपूर्ण व्याख्या की, बल्कि उन्होंने देवता उपासक के रूप में अपने प्रारब्ध पर गर्व किया।
इस मौके पर अनुराधा पौडवाल ने कहा, ‘सनातन धर्म की कई बार गलत तरह से व्याख्या की जाती है। वास्तव में यह समय से परे और सार्वभौमिक दर्शन है, जिसमें प्रत्येक व्यक्ति की शक्ति, सौहार्द और समावेशी व्यवस्था को बढ़ावा दिया जाता है। इसकी शिक्षा आंतरिक शांति, आध्यात्मिक विकास और सभी जीवों के बीच सामंजस्य पर जोर देती है। इन मूल्यों को बढ़ावा देते हुए हम ऐसा विश्व बनाना चाहते हैं, जहां विविध संस्कृतियां एक-दूसरे के प्रति सम्मान की भावना के साथ रह सकें। मैं शांति एवं एकता के इस संदेश को संपूर्ण विश्व के लोगों तक पहुंचाने के लिए प्रतिबद्ध हूं।’