25 घंटे से जाम में फंसे लोग, 11 की मौत
उत्तरकाशी । अगर आप अभी उत्तराखंड में चार धाम यात्रा करने का प्लान बना रहे हैं तो फिलहाल इसे टाल दें, क्योंकि गंगोत्री-यमुनोत्री धामों पर रिकॉर्ड तोड़ भीड़ के चलते सरकारी व्यवस्थाएं ध्वस्त हो चुकी हैं। दोनों धामों के लिए जब आप हरिद्वार से आगे बढ़ते हैं तो 170 किमी दूर बरकोट तक 45 किमी लंबा जाम नजर आ जाएगा। जाम में फंसे 11 लोगों की मौत हो गई है। बरकोट से आगे यमुनोत्री और गंगोत्री के रास्ते हैं। सब जाम हैं। यहां से उत्तरकाशी का 30 किमी का रूट वन-वे है, इसलिए मंदिर से लौट रही गाडिय़ां पहले निकाली जा रही हैं। मंदिर जाने वाली गाडिय़ों का नंबर 20-25 घंटे बाद आ रहा है। इसी इंतजार में बीते 4 दिन में यमुनोत्री-गंगोत्री जा रहे 11 लोग रास्ते में ही दम तोड़ चुके हैं। इनमें 5 की जान मंगलवार को गई। तीन ऐसे हैं, जिन्होंने गाड़ी में दम तोड़ दिया। जिन 11 श्रद्धालुओं की मौत हुई, उन सभी की उम्र 50 वर्ष से अधिक थी। इनमें से 6 को डायबिटीज के साथ-साथ ब्लड प्रेशर की भी शिकायत थी। न रुकने का ठिकाना, न खाने-पीने की व्यवस्था गंगोत्री जाते वक्त उत्तरकाशी से 20 किमी आगे बढ़ते ही सडक़ किनारे बच्चे, महिलाएं, बुजुर्ग आराम करते दिखने लगेंगे। यहां न खाने का ठिकाना है और न रुकने का।
आसपास के गांवों के लोग पानी की बोतल के 30 से 50 रु. तो शौचालय उपयोग का 100 रु. तक ले रहे हैं। गंगोत्री रूट पर छह दिन से जाम में फंसे महाराष्ट्र, मप्र, गुजरात, राजस्थान, ओडिशा और दिल्ली के 7 हजार यात्रियों ने आगे की यात्रा स्थगित कर लौटना ही मुनासिब समझा। हांलाकि, केदारनाथ और बद्रीनाथ के रास्तों पर जाम कम है।