सम्राट विक्रमादित्य का अवदान और युग – परिवेश विषयक स्तरीय आलेख आमन्त्रण: अंतिम तिथि 26 मार्च 2024
UJJAIN/विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन की विभिन्न अध्ययनशालाओं और संस्थानों में महाराजा विक्रमादित्य शोधपीठ स्वराज संस्थान संचालनालय, मध्यप्रदेश शासन, संस्कृति विभाग द्वारा आयोजित विक्रमोत्सव 2024 के अंतर्गत दिनांक 1 मार्च से 12 मार्च 2024 तक सम्राट विक्रमादित्य के योगदान और उनके युग – परिवेश से संबंधित विभिन्न विषयों पर केंद्रित विशिष्ट व्याख्यान, संगोष्ठी एवं परिचर्चा का आयोजन किया गया। इन व्याख्यानमालाओं एवं संगोष्ठियों में सम्राट विक्रमादित्य की न्याय व्यवस्था, विक्रमादित्ययुगीन अर्थव्यवस्था, इतिहास, संस्कृति, पुरातत्व, लोकाख्यान, विज्ञान और तकनीकी, ज्योतिर्विज्ञान, कृषि, पर्यावरण, राजत्व, प्रबन्धन, साहित्य आदि से जुड़े विभिन्न पहलुओं पर विशेषज्ञ विद्वान और शोधकर्ताओं द्वारा विचार व्यक्त किए गए। इस महत्वपूर्ण संगोष्ठी एवं व्याख्यानमाला से जुड़े गुणवत्तापूर्ण आलेखों का प्रकाशन किया जाना है। इस हेतु स्तरीय एवं शोधपरक आलेख (शब्द सीमा – 2500 से 4000 शब्दों में) हिंदी में (यूनिकोड मंगल अथवा कृति देव 010 फॉन्ट में) या अंग्रेजी में (Times New Roman फॉन्ट में) दिनांक 26 मार्च 2024 तक ईमेल के माध्यम से वर्ड फाइल में प्रेषित करने का कष्ट करें:
vikramseminar@gmail.com
आलेख हेतु प्रमुख विचारणीय विषय :
विक्रमादित्य से सम्बद्ध इतिहास, संस्कृति एवं पुरातात्विक सन्दर्भ
लोकाख्यानों के आलोक में सम्राट विक्रमादित्य
विक्रमादित्ययुगीन विज्ञान एवं तकनीकी
विक्रमादित्य की प्रबन्धन दृष्टि
विक्रमादित्य काल में ज्योतिष परंपरा का विकास,
विक्रमादित्यकालीन आर्थिक स्थिति
विक्रमादित्ययुगीन कृषि व्यवस्था
विक्रमादित्य की न्याय व्यवस्था
विक्रमादित्य काल में संस्कृत एवं अन्य भाषाओं के साहित्य का विकास
विक्रमादित्य काल में राजत्व सिद्धांत
विक्रमादित्यकालीन पर्यावरण चिंतन
इसी प्रकार इनसे सम्बद्ध स्वतन्त्र या अन्तरानुशासनिक विषय भी हो सकते हैं।
उक्त जानकारी .प्रो शैलेंद्रकुमार शर्मा
विभागाध्यक्ष एवं कुलानुशासक
विक्रम विश्वविद्यालय
उज्जैन (मध्यप्रदेश) 456010
संपर्क –
व्हाट्सएप 98260 47765
ईमेल – vikramseminar@gmail.com