निप्र, जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले की पिपलोदा तहसील के सुखेड़ा पंचायत में लोकायुक्त पुलिस उज्जैन की टीम द्वारा पंचायत के सचिव आरोपि जगदीश पांचाल को एक किसान से दो हजार रुपये की रिश्वत लेते रंगे हाथों गिरफ्तार किया गया। उक्त जानकारी के अनुसार किसान शंकरलाल मालवीय निवासी ग्राम धामेडी दो बीघा जमीन में नींबू और जामफल का बगीचा लगाना चाहता था। उसने करीब एक साल पहले शासन की फलोद्यान योजना का लाभ लेने के लिए ग्राम पंचायत सुखेड़ा में आवेदन किया था। पंचायत को आवेदन मंजूर कर उसकी फाइल कम्प्लीट कर जनपद पंचायत में भेजना थी लेकिन पंचायत सचिव द्वारा फाइल कम्प्लीट नहीं की जा रही थी।बारबार चक्कर लगाने के बाद 15 दिन पहले सचिव ने उससे कहा कि पांच हजार रुपये देना पड़ेंगे, तभी वह उसकी फाइल कंप्लीट कर आगे भेजेगा। जिसके कारण 23 जुलाई को सचिव जगदीश को तीन हजार रुपये दिए गए। शेष दो हजार रुपये सोमवार को देने की बात हुई थी। इसके बाद शंकरलाल ने उज्जैन लोकायुक्त कार्यालय जाकर लोकायुक्त एसपी को शिकायत की थी। शिकायत पर लोकायुक्त ने जगदीश को रिश्वत लेते रंगे हाथ पकड़ने की योजना बनाई तथा लोकायुक्त का दल निरीक्षक रविंद्र कुमार पाराशर व बलवीर यादव के नेतृत्व में सोमवार दोपहर पिपलौदा पहुंचा। पंचायत सचिव जगदीश ने शंकरलाल को पिपलौदा स्थित अपने निजी कार्यालय पर रुपए लेकर बुलाया था जहाँ रिश्वत लेते कार्यालय पर सचिव रंगे हाथों पकड़ा गया उक्त कार्यवाही के दौरान आरक्षक अनिल अटोलिया , हितेश ललावत , विशाल रेशमिया रमेश डावर उपस्थित रहे । पूर्व में उज्जैन लोकायुक्त पुलिस ने रतलाम जिले में कार्रवाई करते हुए जावरा नगर पालिका सीएमओ नीता जैन और राजस्वनिरीक्षक विजय शक्तावत को भी दफ्तर में रिश्वत लेते गिरफ्तार किया था, लेकिन जावरा नगर पालिका सीएमओ नीता जैन और राजस्व निरीक्षक विजय शक्तावत के पास से रिश्वत के 18,500 रुपए मिलने के बाद भी तबादले के अलावा कोई बड़ी क़ानूनी कार्यवाही नही की गई , उक्त सूचना के अनुसार ठेकेदार पवन भावसार से एफडी को निकालने की एवज में सीएमओ द्वारा रिश्वत की मांग की गई थी लेकिन लोकायुक्त बसल श्रीवास्तव की टीम द्वारा कार्यवाही तो की गई ,बाद में कुछ दिनों बाद मामले को हल्के में ले लिया गया ,आखिर कौन है भ्रष्टाचार की नीतियों को बढ़ावा देने वाला शासन या शासन में बैठे बड़े प्रशासनिक अधिकारी, किसानों और गरीबों को पद की ताकत से लूटते पर है ,कानूनी कार्यवाही कब?