शिवगंगा और जूनियर डॉक्टर एसोसिएशन द्वारा जनजाति स्वास्थ्य सेवाओं व आरोग्य को लेकर 25 फरवरी को आयोजित की गयी संगोष्ठी
इन्दौर l – इन्दौर से मात्र 150 किलोमीटर दूर बसा, जनजाति बहुल क्षेत्र झाबुआ विकास के अनेक मापदंडों पर आज भी बहुत पीछे है। इसमें सबसे गंभीर है स्वास्थ्य सुविधाओं का अभाव।
गाँवों के विकास से ही भारत का विकास संभव है। किंतु पोषण और चिकित्सा उपलब्धता की कमी और उससे हो रहा कर्ज सर्वांगीण ग्राम समृद्धि में सबसे बड़ी बाधा है। 17000 लोगों पर एक चिकित्सक, आसान पहुँच नहीं होने का कारण सामान्य बीमारी भी गंभीर रूप ले लेती है। इलाज के लिए भटकते हुए गलत स्थानों पर पहुँचने की वजह से प्रत्येक परिवार पर अत्यधिक कर्ज़ का बोझ। इस कर्ज को चुकाने के लिए लाखों परिवार मजबूर होकर मजदूरी के लिए जा रहे हैं।
शिवगंगा ने गत 20 वर्षों से जनजाति बहुल झाबुआ क्षेत्र में सर्वांगीण ग्रामविकास के लिये जतन किया है। झाबुआ के गाँव-गाँव से सैकड़ों युवक-युवतियाँ परमार्थ की प्रेरणा लेकर सर्वांगीण ग्रामविकास के विभिन्न आयामों पर काम कर रहे हैं।
झाबुआ में स्वास्थ्य सेवाओं एवं आरोग्य की चुनौतियों को समझने के लिए एम जी एम मेडिकल कॉलेज के ऑडिटोरियम में 25 फरवरी को संगोष्ठी का आयोजन किया गया।
गाँव के विकास से देश के विकास के इस सपने को शिवगंगा की युवा टोली ने एक हृदयस्पर्शी लोकनाट्य के रूप में प्रस्तुत किया। इस लोकनाट्य के चित्र दर्शन हुआ व उसके पश्चात आरोग्य विषय पर संवाद हुआ। झाबुआ जैसे जनजाति बहुल क्षेत्र में उपयुक्त व सुगम स्वास्थ्य उपलब्ध कराने में इंदौर की चिकित्सक समुदाय की क्या भूमिका हो सकती है, इस पर भी चर्चा हुई।
झाबुआ में आरोग्य को लेकर कार्य कर रहे शिवगंगा कार्यकर्ता, देश भर के प्रतिष्ठित संस्थानों आई.आई.टी, मेडिकल कॉलज़, नेशनल लॉ विश्वविद्यालय के विद्यार्थी जो झाबुआ में रहकर सर्वांगीण विकास को लेकर कार्य कर रहे हैं, वे सभी इस संगोष्ठी में शामिल रहे।
एम जी एम मेडिकल कॉलेज के डीन डॉक्टर संजय दीक्षित, सुपर स्पेशलिटी हेड डॉक्टर सुमित शुक्ला, सेंट्रल लैब के संस्थापक डॉक्टर विनीता कोठारी, शिवगंगा प्रमुख एवं पद्मश्री सम्मानित महेश शर्मा, शिवगंगा संस्थापक व जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष हर्ष चौहान, झाबुआ के सामाजिक कार्यकर्ता राजाराम कटारा, जूनियर डॉक्टर्स एसोसिएशन के अध्यक्ष डॉक्टर नयन जैन व अन्य सदस्य, इंदौर के वरिष्ठ डॉक्टर, चिकित्सा सेवाएँ देने वाली संस्थाएं, इंडेक्स, अमलतास व एम जी एम मेडिकल कॉलेज के छात्र भी इस संगोष्ठी में शामिल रहे।