(कांग्रेस अध्यक्ष मल्लिकार्जुन खरगे ने राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए बीजेपी पर व्यंग कसा और 400 पार के नारे का जिक्र कर दिया. इसके बाद सदन में ठहाके लगने लगे. यहां तक कि पीएम मोदी खुद भी हंसते हुए नजर आए. बीजेपी ने इसका वीडियो भी शेयर किया है.)
नई दिल्ली(माधव एक्सप्रेस/मनमीत सिंह)
संसद के बजट सत्र के दौरान राज्यसभा में कांग्रेस के नेता मल्लिकार्जुन खरगे की एक टिप्पणी पर जमकर ठहाके लगे. यहां तक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी हसते हुए नजर आए. राष्ट्रपति के अभिभाषण पर राज्यसभा में धन्यवाद प्रस्ताव पर भाग लेते हुए कहा कि खरगे ने कहा कि पीएम मोदी कई बार यह कह चुके हैं कि पिछली सरकारों ने कोई काम नहीं किया है
इस बीच एक समय ऐसा आया जब खरगे ने आगामी लोकसभा चुनाव पर टिप्पणी करते हुए कहा कि बहुमत आपका है. पहले ही एनडीए के 330 सांसद हैं और अब तो 400 पार का नारा लग रहा है. कांग्रेस अध्यक्ष ने जैसे ही यह बात कही सत्ता पक्ष के सांसद ठहाके लगाकर हंसने लगे. सांसदों को हंसते देख पीएम मोदी भी अपनी हंसी नहीं रोक पाए.
कांग्रेस अध्यक्ष बोले- शिक्षा ही देश को ऊपर ला सकती है
खरगे ने आगे कहा कि राष्ट्र के निर्माताओं को कभी भुलाया नहीं जाना चाहिए. शिक्षा ही देश को ऊपर लाने का काम करती है और जब तक लोग शिक्षित नहीं होंगे और संविधान की रक्षा नहीं करेंगे तो कमजोर वर्ग के लोगों और गरीबों के विकास को विकास का लाभ नहीं मिलेगा. उन्होंने कहा कि पूर्व प्रधानमंत्री जवाहरलाल नेहरू ने शिक्षा को सबसे अधिक प्राथमिकता दी और कई बड़े और संस्थानों की स्थापना की.
राज्यसभा में मल्लिकार्जुन खरगे की ओर से 400 पार की टिप्पणी पर कांग्रेस सांसद शक्ति सिंह गोहिल ने कहा कि कांग्रेस अध्यक्ष ने व्यंग्यात्मक तरीके से यह बात कही है. उन्होंने कहा कि आप 400 के पार कहते रहते हैं, लेकिन इसका फैसला लोगों को करना है और 100 सीटें भी हासिल नहीं कर पाएंगे. गोहिल ने कहा कि बीजेपी के नेता कांग्रेस अध्यक्ष के व्यंग्य को समझने में विफल रहे.
बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया
राज्यसभा में अपनी बात रखते हुए खरगे ने बेरोजगारी का मुद्दा भी उठाया. उन्होंने कहा कि लोग पढ़े लिखे हैं लेकिन उन्हें रोजगार नहीं मिल रहा है. उन्होंने कहा कि अभिभाषण में बेरोजगारी के मुद्दे पर कुछ नहीं कहा गया. आज भी देश के पिछड़े इलाकों में बहुत कुछ किया जाना बाकी है. पब्लिक सेक्टर लगातार बंद हो रहे हैं, लेकिन इस ओर किसी का ध्यान नहीं है. निजी क्षेत्र पर ध्यान देने के बजाय पब्लिक सेक्टर पर ध्यान दिया जाना चाहिए