निप्र,जावरा मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के पिपलौदा और जावरा जनपद क्षेत्र की पंचायतों में बनी कई पेयजल यूनिट उपयोग में नहीं आ रही करोड़ों की लागत से योजना का क्रियान्वयन हुआ और शासकीय स्कूलों में पेयजल यूनिट को बनाकर तैयार किया गया जिससे स्कूल के बच्चे पानी पी सके लेकिन कई स्कूलों के हाल बेहाल हैं उल्टा पेयजल की बात करे तो पानी के लिए पचेवा, तालिदाना, जावरा, बड़ायला माताजी, भीमाखेड़ी, भैसाना पंचायत जैसी कई पंचायतों में हेडपंप और पानी की प्राईवेट कैन का इस्तेमाल किया जा रहा हैं, और पी.एच.ई विभाग सिर्फ कागजों और अधिकारिक तौर पर यूनिटों को बनाकर स्कूल को पेयजल यूनिटों की जिम्मेदारी सौप खुद से कार्य दूर कर चुका है ऐसे में यूनिटों पर स्कूल में चर्चा करने पर शिक्षकों का कहना है की पेयजल यूनिट बनाई लेकिन कार्य अनुरूप पानी की व्यवस्था पुर्ण रूप से ठीक नहीं की गई, पंचेवा पंचायत की जानकारी देते हुए ग्रामवासियों द्वारा बताया गया की जल जीवन मिशन की लगभग 99 लाख 75 हज़ार की लागत से बनाई पानी की टंकी पांच माह में लीकेज हो गई पाइप लाइन भी जगह जगह से फूटी पाई गईं, कहने को घर घर जल मिलने की बात शासन स्तर से तो सफल हुईं लेकिन अधिकारिक स्तर से विफल हो गई शासकीय स्कूल के क़रीब पानी की टंकी जर्जर हो रही हैं लेकिन ज़िम्मेदार अधिकारी शिकायत और समस्या पत्रों का इंतेजार करते हैं, वही पिपलौदा जनपद के पंचायत शेरपुर में पाईप लाईन आने के बाद भी हर घर नल योजना नही पहुंची पाई , वही पिपलौदा के आंबा में भी यहीं हाल है जहां ट्यूबवेल के सहारे घरों घरों तक निजी पाईप लाईन से जल उपयोग में लिया जा रहा हैं,पीने के पानी की पेयजल योजना का यहां लाभ नहीं मिल पा रहा ऐसे में पी.एच.ई विभाग जावरा के अधिकारियों से बात करने पर सिर्फ़ एक ही जवाब आता है हम जिम्मेदार नहीं। ऐसे में सवाल उठता है की जिम्मेदार कौन हैं ?