
निप्र मध्यप्रदेश के रतलाम जिले के जावरा विधानसभा क्षेत्र की राजनीति में चुनावी हलचल के बीच गर्माहट का असर कुछ इस कदर है की क्षेत्र की राजनीति में कोई न कोई बदलाव होते देखना अब चुनावी समीकरण से जुड़ता जा रहा हैं भाजपा पार्टी का नगर निगम से बाहर होना भी कांग्रेस समर्थन नीति से देखा जा रहा था, लेकिन अब विधानसभा चुनाव की दौड़ में भी भाजपा दिन प्रतिदिन कमज़ोर होती जा रही हैं जहा पार्टी के ही विधायक राजेंद्र पांडेय पर हाल ही में प्रीमियम आइल मिल की जगह से अतिक्रमण हटवाने के साथ भाजपा नेताओं में जिले तक आक्रोष था, जिसमे प्रशासनिक कार्यवाही पर विधायक की भूमिका होना साफ़ व्यक्त कर रहा था, सूत्रों की माने तो आगामी विधानसभा चुनाव में भाजपा द्वारा कई दिग्गज नेताओं का टिकिट कटना तय बताया जा रहा हैं,जिसका असर शायद जावरा में भी दिखाई दे सकता हैं, इसी कारण कार्य को आगे बढ़ाते क्षेत्र के प्रशासनिक अधिकारी एस.डी. एम अतिक्रमण से लेकर समाजिक कार्यों में आगे दिखाई दे रहे हैं, वर्तमान में चुनावी दृष्टिकोण से जावरा में श्री जागनाथ महादेव मंदिर की जर्जर होती मंदिर के नीचे की छत चुनावी समय में जागरूक अधिकारियों को नज़र आ गई, जिसके पीछे लगभग कई वर्षों से पीडब्ल्यूडी और नगर पालिका की जिम्मेदारी सांझा न हो सकी आखिर एस.डी.एम हिमांशू प्रजापति का समाजसेवी बन आगे आने का राजनीतिक मामला किसी के समझ न आया ऐसे में स्वय क्षेत्र विधायक मुद्दे से दूर है और विपक्ष नगरपालिका में काबिज़ होने से आवाज नहीं उठा रहा और जीर्णोद्वार के लिए योजना की फाइल भी अधिकारियों की कार्यवाही में स्थिर हो गई अब विचारिक चिंतन है की जागरूक कौन हैं , वही जावरा विधानसभा में भाजपा शासन में आधिकारियों को समाजसेवी करना कोई षड्यंत्र तो नहीं , हिंदुत्व की नीति पर मंदिर की कार्य प्रणाली में भाजपा के जनप्रतिनिधी सांसद, विधायक व भाजपा संगठनों की जनसहयोगी भूमिका को पीछे कर सत्ता में कमज़ोर घोषित कर कहीं कांग्रेस को सियासत चमकाने का मौका तो नहीं दिया जा रहा ।