इंदौर, 31मई, 2023: विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस हम सभी के लिए अपनी आंतों को स्वस्थ रखने के लिए एक रिमाइंडर/चेतावनी/अनुस्मारक के रूप में आता है। हालांकि, बढ़ती सामान्य पाचन समस्याओं को रोकने और बच्चों की आंतों को स्वस्थ रखने के लिए, बाल रोग विशेषज्ञ माता-पिता से आग्रह करते हैं कि वे सामान्य पाचन समस्याओं को रोकने के लिए बच्चों के पेट के स्वास्थ्य को प्राथमिकता दें। बच्चों में आंतों से संबंधित सामान्यतः देखी जाने वाली समस्याओं में कब्ज, अति अम्लता (एसिड का स्त्रावण सामान्य से अधिक मात्रा में होना) और दस्त प्रमुख हैं। कब्ज 30 प्रतिशत बच्चों को प्रभावित करता है। यह बच्चों में पेट दर्द का सबसे सामान्य कारण है, लेकिन अक्सर इसे अनदेखा कर दिया जाता है। अति अम्लता, भारत में 22-25 प्रतिशत शिशुओं को प्रभावित करती है। अनुमान है कि डायरिया से भारत में हर साल पांच साल से कम उम्र के तीन लाख बच्चों की मौत हो जाती है।
बच्चों में पाचन स्वास्थ्य के महत्व पर प्रकाश डालते हुए इंदौर के बाल रोग विशेषज्ञ डॉ. राजीव सांघवी, सीनियर कंसलटेंट, पेडियाट्रिक्स, संघवी चाइल्ड केयर सेंटर, इंदौर ने कहा, “इस विश्व पाचन स्वास्थ्य दिवस पर, मैं समग्र स्वास्थ्य के लिए अपने पाचन तंत्र की देखभाल के महत्व पर जोर देना चाहता हूं। हमारा पाचन तंत्र हमारे द्वारा खाए जाने वाले भोजन को तोड़ने और हमारे शरीर के पोषण के लिए आवश्यक पोषक तत्वों को अवशोषित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। विभिन्न जठरांत्र संबंधी विकारों को रोकने और इष्टतम कामकाज सुनिश्चित करने के लिए एक स्वस्थ पाचन तंत्र को बनाए रखना महत्वपूर्ण है”।
हमारी आंत के अंदर खरबों बैक्टीरिया रहते हैं। उन लोगों के लिए जो सोचते हैं कि बैक्टीरिया केवल खराब किस्म के होते हैं, उन्हें दोबारा सोचेने की जरूरत है! हमारे आंतों में बैक्टीरिया का एक पारिस्थितिकी तंत्र पनपता है जो हमारे स्वास्थ्य के लिए बहुत महत्वपूर्ण है, खासकर हमारे विकसित होते बच्चों के लिए।
जब हमारी आंते ठीक से काम नहीं करती हैं, तब आमतौर पर भोजन का पाचन ठीक तरह से न होना, पेट में दर्द, पोषक तत्वों का ठीक से अवशोषित न हो पाना, कमजोर प्रतिरक्षा, अनिद्रा की समस्या, मूड में उतार-चढ़ाव, थकान और उर्जा की महसूस होना जैसे लक्षण दिखाई दे सकते हैं। ये सभी किसी भी व्यक्ति, विशेषकर बच्चों के संपूर्ण स्वास्थ्य पर बड़ा हानिकारक प्रभाव डाल सकते हैं।
डॉ. संघवी आगे बताते हैं, “बच्चों में पेट के स्वास्थ्य को बढ़ावा देने के कई तरीके हैं। सबसे पहले और सबसे महत्वपूर्ण, एक संतुलित और पौष्टिक आहार पाचन स्वास्थ्य के लिए अत्यंत महत्वपूर्ण है। अपने भोजन में भरपूर मात्रा में फाइबर युक्त खाद्य पदार्थ जैसे फल, सब्जियां, साबुत अनाज और फलियां शामिल करें। फाइबर नियमित समय पर मल त्याग को बढ़ावा देता है, कब्ज को रोकता है, और आंतों में रहने वाले स्वस्थ्य सूक्ष्मजीवियों का समर्थन करता है। इसके अतिरिक्त, प्रोसेस्ड खाद्य पदार्थों, चीनी युक्त स्नैक्स और वसायुक्त खाद्य पदार्थों का सेवन कम करें, क्योंकि वे पाचन संबंधी गड़बड़ी और वजन बढ़ाने का कारण बन सकते हैं।”
बच्चों को कम मात्रा में बार-बार भोजन देना, पर्याप्त मात्रा में पानी का सेवन सुनिश्चित करना और उन्हें बाहर जाने और खेलने के लिए प्रोत्साहित करना, सुरक्षित बाहरी संपर्क प्रदान करना, उनके पाचन तंत्र के स्वास्थ्य के लिए बहुत उपयोगी हैं। एंटीबायोटिक दवाओं के अनावश्यक इस्तेमाल से बचना बहुत महत्वपूर्ण है क्योंकि ये उनके पेट में गंभीर समस्या पैदा करते हैं।
समग्र स्वास्थ्य सुनिश्चित करने में हमारे पेट के स्वास्थ्य की महत्वपूर्ण भूमिका सर्वविदित है। हमारी 70-80 प्रतिरक्षा कोशिकाएं आंतों में मौजूद होती हैं, इसलिए यह सभी के लिए, विशेष रूप से माता-पिता के बहुत महत्वपूर्ण है कि वे अपने बच्चे के पेट के स्वास्थ्य को गंभीरता से लेने की प्रतिज्ञा करें ताकि उनके समग्र स्वास्थ्य में सुधार हो सके और जीवन के आने वाले समय में उन्हें अच्छे स्वास्थ्य के लिए तैयार किया जा सके।