आजकल स्कूल में भी बच्चों के साथ होने वाले हादसे और घटनाएं मन में कई सवाल पैदा करती हैं। इससे स्कूल की सुरक्षा व्यवस्था पर भी कई सवाल उठते हैं। इन घटनाओं को देखकर अभिभावकों और बच्चों के मन में डर पैदा होने लगा है। बच्चे अब स्कूलों में भी सुरक्षित नहीं हैं।
स्कूल में बच्चों की सुरक्षा की जिम्मेदारी जितनी स्कूल पर है, उतनी ही माता-पिता पर भी है। सुरक्षा के लिए जरुरी है कि स्कूल बस में बैठने से लेकर स्कूल पहुंचने तक और फिर स्कूल के दौरान भी बच्चों को ट्रैक करना ना छोड़ें।
अभिभावक ये जरूर करें
ड्राइवर और कंडक्टर का नंबर रखें
स्कूल बस के ड्राइवर और कंडक्टर का नंबर रखें। स्कूल पहुंचने से पहले तक ड्राइवर और कंडक्टर से बात करते रहें। आजकल वीडियो कॉल फ्री ऑफ कॉस्ट होता है, अगर कंडक्टर या ड्राइवर के पास स्मार्टफोन है तो उससे वीडियो कॉल में बच्चे से बात कराने को कहें। स्कूल पहुंचते ही बच्चे की अटेंडेंट या क्लास टीचर से तय करें कि बच्चा स्कूल में सुरक्षित पहुंच गया है। आजकल कई तरह के एप्लीकेशन आ गए हैं, जिससे आप अपने बच्चों को ट्रैक कर सकते हैं।
बच्चों को डर कर नहीं जीना चाहिए, लेकिन उन्हें ये जरूर समझाएं कि स्कूल में कहीं भी अकेले ना जाए। हमेशा किसी के साथ रहें और जहां कहीं भी जाए अपने दोस्तों और क्लास टीचर को जरूर बताएं।
माता-पिता ऐसे स्कूल में ही एडमिशन कराएं, जिसकी घर से दूरी 20 से 25 मिनट की हो। एडमिशन के समय ही यह भी तय कर लें कि स्कूल के सभी क्लास, हॉल, लॉबी, यहां तक कि गार्डन एरिया में भी कैमरे लगे हों और सभी कैमरे काम करते हों और आप उससे कनेक्टेड हों।
स्कूल का बाथरूम ट्वायलेट कितना सुरक्षित है इस पर नजर रखें. वहां कोई अटेंडेंट बैठती है या नहीं यह भी ध्यान दें और अपने बच्चे से भी बराबर पूछते रहे। बच्चों का ट्वॉयलेट कहीं बड़े तो इस्तेमाल नहीं करते, इस बारे में भी पता करें।
स्टाफ के बारे में जानकारी रखें
स्कूल में कितने गार्ड हैं और उन सभी का पुलिस वेरिफिकेशन हुआ है या नहीं यह भी पता करें। स्कूल में मौजूद सभी टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ का भी पुलिस वेरिफिकेशन हो और स्टाफ की मानसिक हालत की भी जांच हो।
बच्चा अगर स्कूल के बारे में कुछ कह रहा है तो उसे नजरअंदाज ना करें। बात छोटी हो या बड़ी, तसल्ली के लिए संबंधित व्यक्ति से जरूर बात करें।
गुड टच बैड टच का अंतर बतायें
बच्चों को गुड टच बैड टच में अंतर जरूर बताएं। किसी बुरे बर्ताव पर या खराब टच पर कैसे बचाव करना है वह भी सिखाएं।
बच्चे को पसंद नहीं है तो उसे कोई किस ना करे और ना ही गले लगाए। बच्चे को इस तरह तैयार करें कि वो इन चीजों के लिए ना कह सके।
अगर इनमें से कोई भी घटना उनके साथ होती है तो वो अपने माता-पिता को जरूर बताए।
बच्चों को यह बताएं कि वो अपने माता-पिता और दादा-दादी और नाना-नानी के अलावा किसी भी दूसरे व्यक्ति पर भरोसा ना करें। अगर घर में ऐसा कुछ होता है तो बच्चा अपनी क्लास टीचर और माता-पिता को जरूर बताए।
माता-पिता के साथ कोई भी बात राज ना रखता हो। अगर बच्चा आपसे कोई बात छुपा रहा है तो उससे बात करें और जानने का प्रयास करें कि वह ऐसा क्यों कर रहा है।
22 अप्रैल ईएमएस फीचर
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June 25, 2023