मप्र भाजपा में मचेगी भगदड़
भोपाल (सहदेव घोसी ठाकुर)। विधानसभा चुनाव की रणनीति को लेकर मंगलवार को भाजपा कार्यालय में कोर ग्रुप की बैठक हुई। इस बैठक में संघ के फीडबैक, 14 वरिष्ठ नेताओं की मैदानी रिपोर्ट पर चर्चा की गई। लेकिन बैठक में कर्नाटक भाजपा में जिस तरह की बगावत देखने को मिल रही है, उससे मप्र भाजपा के नेताओं में भी चिंता दिखी। वहीं इंटेलीजेंस की एक रिपोर्ट भी चर्चा में रही, जिसके अनुसार आने वाले दिनों में मप्र भाजपा में बड़े स्तर पर भगदड़ मचने की संभावना जताई गई है। इस रिपोर्ट के बाद संघ ने सत्ता और संगठन को चेताया है कि वह अभी से सतर्कता शुरू कर दे, नहीं तो स्थिति विकट हो सकती है। बैठक में भाजपा के राष्ट्रीय सह संगठन महामंत्री शिवप्रकाश, प्रदेश प्रभारी मुरलीधर राव, केन्द्रीय मंत्री नरेन्द्र सिंह तोमर, फग्गन सिंह कुलस्ते, मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान, भाजपा प्रदेश अध्यक्ष वीडी शर्मा, प्रदेश संगठन महामंत्री हितानंद शर्मा, कैलाश विजयवर्गीय, लाल सिंह आर्य, कविता पाटीदार, नरोत्तम मिश्रा, भूपेन्द्र सिंह, जयभान सिंह पवैया, हरिशंकर खटीक, राजेन्द्र शुक्ला, रणवीर रावत, शरतेन्दु तिवारी मौजूद रहे।
इंटेलीजेंस की रिपोर्ट के अनुसार मप्र भाजपा के कई पूर्व मंत्री, कई पूर्व विधायक और कुछ वर्तमान विधायक कांग्रेस और आम आदमी पार्टी के संपर्क में हैं। दरअसल, पिछले कुछ सालों के दौरान जिन भाजपा नेताओं को सत्ता और संगठन ने हाशिए पर धकेल दिया है, वे अपने लिए या अपने परिजनों के लिए नई संभावना तलाश रहे हैं। इनमें से कुछ नेता कांग्रेस में जाने की पूरी तैयारी कर चुके हैं। वहीं कई नेता आम आदमी पार्टी से मेलजोल बढ़ा रहे हैं। प्रदेश भाजपा में बदली हुई परिस्थितियां नवंबर-दिसंबर के विधानसभा चुनाव में अपनों से ही मुसीबत के संकेत दे रही है। जो चेहरे पार्टी में कभी कद्दावर माने जाते थे, कैबिनेट का हिस्सा थे, अब वही जीत के रास्ते पर कांटे बिछा सकते हैं। इन परिस्थितियों की जड़ में ज्योतिरादित्य सिंधिया का अपने समर्थकों सहित भाजपा में शामिल होना है। 2020 में सिंधिया और उनके समर्थकों के आने के बाद जिन सीटों पर उपचुनाव हुए, वहां भाजपा के पुराने चेहरों को मौका न मिलना मुश्किलें खड़ी कर सकता है।
-कई सीटों पर एक अनार 100 बीमार के हालात
वरिष्ठ नेताओं और इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में इस बात पर चिंता जताई गई हैं कि प्रदेश की कई विधानसभा सीटों पर एक अनार सौ बीमार के हालात हैं। विधायकों के साथ दूसरे दावेदार भी खुलकर सक्रिय है। लोगों के बीच पहुंचकर अपनी दावेदारी ठोक रहे हैं। सिंधिया समर्थक विधायकों वाली सीट पर तनातनी की स्थिति है। वहीं कोर कमेटी में रखे गए रिपोर्ट में चौंकाने वाले तथ्य आए हैं। पीढ़ी में बदलाव के बाद अलग-थलग पड़े नेता निष्क्रिय हो गए हैं। ऐसे नेताओं से पार्टी ने भी संपर्क नहीं किया। नाराजगी के चलते कई कार्यकर्ता भी नहीं काम कर रहे हैं। मंत्री, विधायकों से भी कार्यकर्ता नाराज हैं। निष्क्रिय नेता और कार्यकर्ताओं से चुनाव में भारी नुकसान होगा। इस बैठक के अंदर से जानकारी है कि दूसरे नेताओं को मप्र भाजपा में शामिल करने से कार्यकर्ता नाराज हैं। दूसरे दलों के पदाधिकारियों को शामिल करने से नाराजगी देखने को मिल रही है। इसका असर विधानसभा चुनाव में देखने को मिल सकता है।
-पूर्व मंत्रियों पर डोरे डाल रही कांग्रेस
इंटेलीजेंस की रिपोर्ट में कहा गया है कि भाजपा के कई पूर्व मंत्री और पूर्व विधायकों पर कांग्रेस डोरे डाल रही है। ये दिग्गज नेता भाजपा की राह में मुसीबत खड़ी कर सकते हैं। कद्दावर मंत्री रहे जयंत मलैया, डॉ. गौरीशंकर शेजवार, दीपक जोशी, रामकृष्ण कुसमरिया जैसे पूर्व मंत्री आने वाले विधानसभा चुनाव में भाजपा के लिए परेशानी खड़ी कर सकते हैं। कांग्रेस के बड़े नेता इन भाजपा नेताओं के निरंतर संपर्क में हैं। इन नेताओं में से बहुत से ऐसे हैं, जिनकी परंपरागत सीट पर ज्योतिरादित्य सिंधिया के साथ भाजपा में आए नेता चुनाव जीत गए हैं। वहीं, गौरीशंकर बिसेन अपनी बेटी को टिकट देने के लिए पार्टी पर दबाव बना रहे हैं। पार्टी ने इनकार किया तो वे बालाघाट, सिवनी और छिंदवाड़ा की कई सीटों को प्रभावित कर सकते हैं। सूत्र बताते हैं कि कांग्रेस के कुछ नेताओं को इस लाइन पर काम करने की जिम्मेदारी भी सौंपी गई है। अनुसूचित जाति वर्ग के बड़े नेता डा. गौरीशंकर शेजवार की सांची विधानसभा क्षेत्र पर भी स्वास्थ्य मंत्री प्रभुराम चौधरी का कब्जा है। ऐसी स्थिति में शेजवार के बेटे मुदित शेजवार के राजनीतिक भविष्य पर प्रश्नचिन्ह लग गया है। कांग्रेस के नेता शेजवार के संपर्क में हैं। उन्हें प्रस्ताव दिया गया है कि वे स्वयं चौधरी के खिलाफ चुनाव लडऩे को तैयार हों तो कांग्रेस उन्हें टिकट दे सकती है। दीपक जोशी की सीट हाटपिपल्या विधानसभा क्षेत्र भी अब कांग्रेस से आए मनोज चौधरी के पास है। ऐसे में पूर्व मुख्यमंत्री कैलाश जोशी के बेटे दीपक का राजनीतिक भविष्य भी संकट में हैं। वहीं पूर्व मंत्री जयभान सिंह पवैया और माया सिंह की सीट भी कांग्रेस से आए नेताओं के पास चली गई है। ये भी पार्टी से नाराज चल रहे हैं। नरोत्तम और भूपेंद्र बोले कोई नाराज नहीं: उधर, बैठक के पहले गृहमंत्री डॉ नरोत्तम मिश्रा ने कहा कोर कमेटी की बैठक ही महत्वपूर्ण होती है। चुनाव जीतने की चर्चा है। कार्यकर्ताओं की नाराजगी पर गृहमंत्री ने कहा- भाजपा में कोई नाराज नहीं हैं। सब सामंजस्य से एक साथ चल रहे हैं। हमारा परिवार है। परिवार को समेटकर आगे बढऩा है। यदि परिवार को कोई थोड़ी बहुत ऊपर नीचे होगा तो क्या दिक्कत है। वहीं नगरीय प्रशासन मंत्री भूपेंद्र सिंह का कहना है कि भाजपा में वैकेंसी फुल हैं। जिनको आना है, उनके बारे में सोचा जाएगा। किसी के जाने का तो सवाल ही नहीं है।