
रात भर जागकर
लगातार भौंकता
रहा, वह
कुत्ता।
एक खिड़की खुली
दुरिया दिया गया
उसे,
कुछ देर
चुप रहने के बाद
फिर भौंकने लगा
कुत्ता।
सरकारी जमीन पर
बने मंदिर वाले घर से
पुजारी की
लड़की ने
कुत्ते को डाल दी
दो रोटियां,
सहलाई उसकी
गर्दन और
पिछले, भूखे दिनों
के लिए
जताया अफसोस
सुबह होने पर
म्युनिस्पालिटी ने
फेंकी, जहरीली रोटियां
और अधमरे से
कुत्ते को घसीटकर
फेंक दिया
कचरा पेटी में
रात भर भौंककर
लगातार जागकर
सुबह होने तक भी
आदमी को
समझ नहीं पाया
था,
वह कुत्ता!
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परितोष दीक्षित
संपादक आकाशवाणी, शिलॉंग
paritoshdixit1969@gmail.com