मुंबई । महाराष्ट्र में 17 लाख सरकारी कर्मचारी इन दिनों पुरानी पेंशन स्कीम की मांग को लेकर आंदोलन कर रहे हैं। मंगलवार से ही इन कर्मचारियों की हड़ताल जारी है। इस बीच प्रदेश सरकार ने एक बड़ा फैसला लिया है, जिसे इन आंदोलनकारी कर्मचारियों की काट के तौर पर देखा जा रहा है। सरकार ने 9 प्राइवेट एजेंसियों को नियुक्त करने का आदेश जारी किया है, जिन्हें सरकार और अर्ध-सरकारी संस्थानों में ठेके पर कर्मचारी रखने की जिम्मेदारी दी गई है। स्टेट इंडस्ट्रीज ऐंड लेबर मिनिस्ट्री की ओर से लिए गए फैसले के तहत सभी विभागों में कुशल और अकुशल श्रमिकों की नियुक्ति कॉन्ट्रैक्ट पर की जाएगी। एकनाथ शिंदे सरकार के इस फैसले के खिलाफ विपक्ष ने हमला बोला है। महाराष्ट्र विधान परिषद में विपक्षी दलों ने इस पर हंगामा किया और विशेष चर्चा की मांग की। सरकार के फैसले में कहा गया है कि ऐसी ही निजी एजेंसियों को नियुक्ति के लिए 2014 में जिम्मेदारी दी गई थी। जिन कर्मचारियों को तब भर्ती किया गया था, उनका कार्यकाल जनवरी में समाप्त हो रहा है। ऐसे में नई भर्ती के लिए एक बार फिर से कंपनियों को हायर किया गया है। एकनाथ शिंदे कैबिनेट की ओर से इन निजी एजेंसियों को भर्ती का जिम्मा दिए जाने के फैसले पर 8 मार्च को ही मुहर लगाई गई है।
सरकार ने जिन 9 प्राइवेट एजेंसियों को जिम्मा दिया है, वे अगले 5 सालों में 74 अलग-अलग पदों पर कर्मचारियों को ठेके पर भर्ती करेंगी। सरकार ने जिन पदों पर ठेके में भर्ती का फैसला लिया है, उनमें प्रोजेक्ट ऑफिसर, प्रोजेक्ट कंसल्टेंट, सीनियर और जूनियर इंजीनियर, ऑडिटर, जिला समन्वयक, टीचर और लॉ ऑफिसर आदि शामिल हैं। यहां तक कि स्थानीय प्रशासन में भी बड़ी संख्या में कर्मचारियों को ठेके पर ही भर्ती किए जाने की तैयारी है। सरकारी सूत्रों के मुताबिक इन कर्मचारियों को सैलरी उन प्राइवेट एजेंसियों के माध्यम से ही मिलेगी, जो इन्हें हायर करेंगी। इन कर्मचारियों की सैलरी हर साल रिवाइज की जाएगी और उनके प्रदर्शन के आधार पर बढ़ोतरी होगी।