देहरादून। उत्तराखंड में चारधाम यात्रा के लिए इस बार पंजीकरण अनिवार्य किया गया है। इस यात्रा के लिए मंगलवार सुबह सात बजे से आनलाइन व आन काल माध्यमों से पंजीकरण प्रारंभ कर दिए गए हैं। पहले चरण में केदारनाथ और बदरीनाथ धामों के लिए पंजीकरण किए जा रहे हैं। गंगोत्री व यमुनोत्री धामों के कपाट खुलने की अधिकृत सूचना मिलने के बाद वहां के लिए पंजीकरण शुरू किए जाएंगे। उधर, चारों धामों में दर्शन के मद्देनजर वहन क्षमता का निर्धारण कर दिया गया है।
मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी मंगलवार को सचिवालय में चारधाम यात्रा की तैयारियों की समीक्षा करेंगे। गंगोत्री व यमुनोत्री के कपाट 22 अप्रैल, केदारनाथ के 25 व बदरीनाथ धाम के कपाट 27 अप्रैल को खोले जाएंगे। चारधाम यात्रा के लिए प्रथम चरण में केदारनाथ व बदरीनाथ के लिए प्रतिदिन क्रमश: नौ हजार व 10000 पंजीकरण किए जाएंगे। इन धामों में यात्रा के दौरान वहन क्षमता केदारनाथ में 15000 व बदरीनाथ में 18000 यात्री निर्धारित की गई है। यानी दोनों धामों के लिए प्रतिदिन 55 से 60 प्रतिशत पंजीकरण होंगे। शेष पंजीकरण इसलिए रोके जाएंगे, ताकि चारों धामों में दर्शन के इच्छुक यात्रियों के लिए स्लाट रखे जा सकें। एक मोबाइल नंबर से कितने यात्रियों का पंजीकरण होगा, इसे लेकर अभी कोई संख्या निर्धारित नहीं की गई है। केवल टूर के लिए 50 की संख्या तय की गई है।
चारधाम यात्रा 22 अप्रैल से शुरू होनी है। इसे देखते हुए चारों धामों में पंजीकरण सत्यापन एवं यात्रा नियंत्रण केंद्र खोले जाएंगे। यमुनोत्री धाम के लिए दोबाटा, गंगोत्री के लिए हीना, केदारनाथ के लिए सोनप्रयाग और बदरीनाथ के लिए पांडुकेश्वर में ये केंद्र खुलेंगे। इनसे यात्रियों का रीयल टाइम डेटा मिल सकेगा। ये सभी देहरादून स्थित केंद्रीय कंट्रोल रूम से जुड़े रहेंगे। यात्रियों के धामों में पहुंचते ही उनके पंजीकरण प्रपत्र में बने बारकोड के आधार पर कियोस्क मशीन से उन्हें दर्शन के लिए टोकन दिए जाएंगे। इसमें समय का उल्लेख होगा। ऐसे में यात्रियों को कतार में घंटों खड़ा नहीं होना पड़ेगा।