नई दिल्ली । 2024 के चुनाव के मददेनजर भाजपा सरकार से लेकर संगठन तक बड़े बदलाव की तैयारी कर रही है। भाजपा को साल 2023 में ही 9 राज्यों में विधानसभा चुनाव का सामना करना है। बताया जा रहा है कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की मंत्रियों की टीम में फेरबदल हो सकते हैं। कहा जा रहा है कि पीएम मोदी तीन वजहों से कैबिनेट में फेरबदल कर सकते हैं।
इनमें संगठन और मंत्री परिषद में जातीय समीकरण संभालने प्रदर्शन नहीं करने वालों को बाहर का रास्ता दिखाना और महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के गुट के नेताओं को जोड़ना शामिल हैं। कहा जा रहा है कि प्रधानमंत्री मोदी सरकार के मोर्चे पर चुनाव की तैयारी कर रहे हैं। उन्होंने अपने सभी मंत्रियों के प्रदर्शन की समीक्षा की। इंडियन एक्सप्रेस के अनुसार एक नेता ने कहा केंद्र की तरफ से की गई पहल को लागू करने और लोगों के जीवन पर उनके प्रभाव के मामले में मंत्रालय या विभाग के प्रदर्शन के आधार पर आकलन किया गया है।
उन्होंने बताया कि सरकार और संगठन स्तर पर बदलाव में जातीय समीकरण भी एक बड़ा फैक्टर होगा। इसके अलावा गुजरात और हिमाचल प्रदेश में हुए विधानसभा चुनाव में भाजपा के प्रदर्शन को भी ध्यान में रखा जाएगा। संगठन स्तर पर भाजपा ने पहले ही विस्तारकों की फौज तैयार कर ली है जो 160 ऐसे संसदीय क्षेत्रों में जाएगी जहां उसे हार का सामना करना पड़ा था और उसे वापसी की उम्मीद है। साथ ही इनमें उन 9 राज्यों की संसदीय सीटें भी होंगी जो 2024 से पहले चुनाव के दौर से गुजरेंगे। खास बात है कि भाजपा ने पहले 140 मुश्किल सीटों की सूची बनाई थी लेकिन हाल ही में 20 और नाम उसमें शामिल किए हैं।
इधर केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह भी त्रिपुरा मणिपुर नगालैंड छत्तीसगढ़ झारखंड आंध्र प्रदेश उत्तर प्रदेश पश्चिम बंगाल कर्नाटक हरियाणा पंजाब समेत 9 राज्यों का जनवरी में दौरा करेंगे। कहा जा रहा है कि पार्टी में बड़े पदों पर धीरे-धीरे कम होते दायरे से नाखुश ब्राह्मण समुदाय को संभालने की भी भाजपा कोशिश करेंगी। इसके अलावा पार्टी बिहार में नेशनल डेमोक्रेटिक एलायंस से जनता दल यूनाइटेड के बाहर जाने कर्नाटक में लिंगायत-वोकलिगा और महाराष्ट्र के राजनीतिक घटनाक्रमों को भी याद रखेगी।