कोलकाता । पश्चिम बंगाल में त्रिस्तरीय पंचायत चुनाव तिथि की घोषणा अभी बाकी है। अगले साल अप्रैल से पहले चुनाव होने की कोई संभावना नहीं है। चुनाव के लिए अभी कम से कम चार माह अभी बाकी हैं पश्चिम बंगाल के ग्रामीण क्षेत्रों में लोग पहले से ही उस महायुद्ध की गर्मी महसूस कर सकते हैं। विस्फोट गोलीबारी और हथियारों की बरामदगी ने साफ कर दिया है कि तैयारी किस स्तर पर की जा रही है। आशंका यह है कि इस बार मतदान के आसपास काफी खून-खराबा करने की तैयारी है।
2 दिसंबर की तड़के पूर्वी मिदनापुर जिले के कांथी में एक स्थानीय तृणमूल कांग्रेस नेता के आवास पर एक शक्तिशाली विस्फोट हुआ जो विपक्ष के नेता शुभेंदु अधिकारी के पैतृक आवास के करीब है इस विस्फोट ने न केवल उस घर को उड़ा दिया बल्कि घर में मौजूद 3 लोगों की जान भी ले ली। इससे पहले कि लोग सदमे से उबर पाते 6 दिसंबर को दक्षिण 24 परगना जिले के बरुईपुर में देर रात हुई गोलीबारी में दो लोग मारे गए। साथ ही पिछले पखवाड़े के दौरान एक भी दिन ऐसा नहीं बीता जब विस्फोट या बिना लाइसेंस वाले हथियारों विभिन्न ग्रामीण क्षेत्रों से कच्चे बम या विस्फोटक की बरामदगी की खबर नहीं आई।
हिंसा को लेकर हमेशा की तरह राजनीतिक घमासान शुरू हो गया है। एक ओर शुभेंदु अधिकारी ने केंद्रीय गृहमंत्री अमित शाह को पत्र लिखकर स्थिति नियंत्रित करने के लिए उनके हस्तक्षेप की मांग की है। दूसरी ओर तृणमूल कांग्रेस के राज्य महासचिव और पश्चिम बंगाल में पार्टी के प्रवक्ता कुणाल घोष ने भाजपा पर पहले इस तरह के विस्फोटों और गोलीबारी की साजिश रचने और फिर राष्ट्रीय जांच एजेंसी जैसी केंद्रीय एजेंसियों को हस्तक्षेप करने की सुविधा देने के लिए हल्ला मचाने का आरोप लगाया है। माकपा नेता और पार्टी की केंद्रीय समिति के सदस्य सुजान चक्रवर्ती के लिए तृणमूल कांग्रेस और भाजपा दोनों राज्य में आतंक पैदा करने के लिए ग्रामीण निकाय चुनावों से पहले शांति भंग करने की कोशिश कर रहे हैं।