
महाराष्ट्र की राजनीति में भारतीय जनता पार्टी ने शिवसेना में तोड़फोड़ करके भाजपा ने अपने आप को गहरे संकट में डालने का काम किया है। शिवसेना और भाजपा मिलकर मराठी और हिंदू मतों का लाभ उठाती थी। लेकिन अब शिवसेना में दो फाड़ करा देने के बादशिवसेना और भाजपा में सीधे-सीधे लड़ाई शुरू हो गई है। महाराष्ट्र की राजनीति में यह लड़ाई मराठा और भाजपा के तथाकथित हिंदूवाद के बीच बन गई है। शिवसेना ने भी अपने नरम रुख के कारण मुस्लिमों और उत्तर भारत के मतदाताओं के बीच अपनी छवि सुधारी है। राज्यपाल द्वारा शिवाजी महाराज की तुलना भाजपा नेताओं से करने की बड़ी तीव्र प्रतिक्रिया हुई है। राम मंदिर के लिए शिव सैनिकों ने बाबरी मस्जिद तोड़ने और कार सेवा की जिम्मेदारी ली थी। भाजपा नेताओं ने न्यायालय में पल्ला झाड़ लिया है।महाराष्ट्र की राजनीति में अब भारतीय जनता पार्टी अलग-थलग पड़ रही है। महाराष्ट्र के उद्योग गुजरात में ट्रांसफर करने के बाद महाराष्ट्र में भाजपा को बड़ा नुकसान होने जा रहा है।