नई दिल्ली। दिल्ली उच्च न्यायालय ने पिछले कुछ सालों से बिजली की सुविधा के बिना शहर की एक झुग्गी बस्ती में रह रहे पाकिस्तान से आए हिंदू प्रवासियों को राहत देते हुए टाटा पावर दिल्ली ड्रिस्ट्रीब्यूशन लिमिटिड(डीडीएल) को गुरुवार को आदेश दिया कि वह इन प्रवासियों को 30 दिन में बिजली के कनेक्शन मुहैया कराए। अदालत को यह सूचित किया गया कि रक्षा मंत्रालय ने दिल्ली के मजलिस पार्क मेट्रो स्टेशन के पास आदर्श नगर इलाके में रह रहे प्रवाासियों को बिजली कनेक्शन मुहैया कराने की अनुमति दे दी है। इसके बाद अदालत ने यह आदेश दिया है। मुख्य न्यायाधीश सतीश चंद्र शर्मा और न्यायमूर्ति सुब्रमण्यम प्रसाद की पीठ ने कहा,टाटा पावर को इलाके में रह रहे उन लोगों को 30 दिन में बिजली कनेक्शन मुहैया कराने का निर्देश दिया जाता है, जो इसके लिए आवेदन करते हैं। इसी के साथ मौजूदा जनहित याचिका का निपटारा किया जाता है। इससे पहले, अदालत ने इस प्रकार के करीब 800 प्रवासियों के लिए बिजली की आपूर्ति संबंधी जनहित याचिका की सुनवाई करते हुए केंद्र से पूछा था कि बिजली वितरण के लिए उन्हें पिछले पांच-छह साल से अनापत्ति प्रमाण पत्र (एनओसी) जारी क्यों नहीं किए गए। याचिकाकर्ताओं का प्रतिनिधित्व कर रहे वरिष्ठ वकील संजय पोद्दार और वकीलों आकाश वाजपेयी और समीक्षा मित्तल ने अदालत को सूचित किया कि कॉलोनी के सभी लाभार्थी प्रीपेड बिजली मीटर लगाने के लिए तैयार हैं, ताकि बिजली बकाया भुगतान संबंधी चूक के मामले में कंपनी को कोई नुकसान न हो। वहीं याचिकाकर्ताओं के वकील ने अदालत को आश्वासन दिया है कि प्रवासी संबंधित भूमि पर स्वामित्व का कोई दावा नहीं करेंगे। इससे पहले अदालत ने इस बात की उम्मीद जताई थी कि केंद्र सरकार शहर में झुग्गियों में बिजली के बिना रह रहे पाकिस्तान के गरीब हिंदू प्रवासियों की दुर्दशा पर सहानुभूतिपूर्वक विचार करेगी।