
चुनाव रणनीतिकार के रूप में कुछ साल पहले चर्चाओं में आए, प्रशांत किशोर उर्फ पीके में, कुछ ना कुछ तो अवश्य है। 2 अक्टूबर को पश्चिम चंपारण जिले के भितिहरवा गांधी आश्रम से उन्होंने अपनी पदयात्रा शुरू की है। उनकी यह यात्रा 3500 किलोमीटर की होगी। नीतीश कुमार और उनकी सहयोगी राष्ट्रीय जनता दल के कामकाज पर उन्होंने निशाना साधा। पीके ने भाजपा के संबंध में कुछ ना बोलकर, नीतीश और लालू पर हमलावर हुए। लगता है पीके ने सियासत में जाने का मन बना लिया है। अभी उनमें राजनेताओं जैसा आत्मविश्वास नहीं है। पदयात्रा से वह हवा का रुख भांपेंगे। जिस तरीके से वह भाजपा के खिलाफ बोलने से बचकर चल रहे हैं।वह उनकी परिपक्वता को दर्शा रहा है। पीके पर यह भी आरोप लगने लगा है, कि वह भाजपा के इशारे पर बिहार में पदयात्रा कर रहे हैं।