नई दिल्ली । सर्वपितृ मोक्ष अमावस्या का दिन पूर्वजों के निमित्त अनुष्ठान पूजा और भगवान यम का आशीर्वाद पाने के लिए होती है। पूर्वजों की आत्माओं को मुक्ति का मार्ग प्रशस्त करती है। पूर्वज प्रसन्न होकर अपने परिवार को सुख शांति समृद्धि का आशीर्वाद देते हैं।
हिंदू धार्मिक मान्यताओं के अनुसार सर्वप्रित अमावस्या पूर्वजों के तर्पण का आखिरी दिन होता है। जो इस साल 25 सितंबर रविवार को पड़ रहा है। प्रित पक्ष पूर्णिमा से शुरू होकर अमावस्या पर समाप्त होता है।
इस दिन की अनुष्ठान पूजा, भगवान यम का आशीर्वाद दिलाती है। पूर्वजों के लिए किए गए अनुष्ठान से उनका परिवार अपने जीवन में सभी प्रकार के पापों और बाधाओं से मुक्त हो जाता है। मान्यता है कि तर्पण पूर्वजों की आत्माओं की मुक्ति में मदद करता है। यह पूजा मोक्ष दायक भी है। पूर्वज अपने बच्चों को श्रम द्धी और लंबे जीवन का आशीर्वाद देते हैं। सर्वप्रित अमावस्या के बाद पित्र पक्ष के समाप्त होने पर मां नवरात्रि प्रारंभ हो जाती है। देशभर में पूर्वजों के लिए इस तिथि का बहुत बड़ा महत्व है.