
आजकल खान पान आहार विहार स्वास्थ्य सम्बन्धी नित्य नए सुझाव /जानकारियां मिलती रहती हैं ये सब जागरूकता का काम करती हैं और ये सब हमारे हित के लिए होती हैं ,पालन करना या न करना यह व्यक्ति विशेष पर निर्भर करता हैं ,इस समय साग सब्जियों फल ,अन्न ,दूध ,पानी आदि में रसायनों का खुलकर उपयोग हो रहा हैं इससे हम अनचाहे बीमार होकर परेशान होते हैं। कारण ये सब्जियां नुक्सान दायक नहीं होती हैं उनमे प्रयुक्त रसायननुकसानदायक होते हैं। इसके अलावा खेत खलिहानों में सब्जियां पैदा होने से कई प्रकार से संक्रमित होती हैं ,इसके लिए सुरक्षा और स्वच्छता बहुत जरुरी हैं।
कच्ची सब्जियों के सेवन से सेहत को कई फायदे होते हैं लेकिन किसी भी चीज के अधिक सेवन से शरीर को गंभीर नुकसान हो सकते हैं। कच्चे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से पेट में कुछ संक्रमण या अपच का खतरा हो सकता है।
कच्ची सब्जियों के सेवन के अनगिनत फायदे गिनाए जाते हैं। बताया जाता है कि कच्ची सब्जियों को सलाद के रूप में खाने या उनका जूस पीने से शरीर दुरुस्त रहता है और कई बीमारियों से बचने में मदद मिलती है। ऐसा माना जाता है कि कि कच्ची सब्जियों में कई आवश्यक विटामिन और खनिज होते हैं जो खाना पकाने की प्रक्रिया के दौरान खत्म हो जाते हैं। कच्ची सब्जियों में मौजूद मिनरल्स और विटामिन्स
एक्सपर्ट्स यह भी मानते हैं कि बेशक कच्ची सब्जियों के सेवन से सेहत को कई फायदे होते हैं लेकिन किसी भी चीज के अधिक सेवन से शरीर को गंभीर नुकसान हो सकते हैं और कच्ची सब्जियां भी उनमें शामिल हैं। आयुर्वेद में बताया गया है कि कच्ची सब्जियों का अधिक सेवन कई तरह से सेहत को नुकसान दे सकता है।
कच्चे खाद्य पदार्थों का अधिक सेवन करने से पेट में कुछ संक्रमण या अपच का खतरा हो सकता है।
कच्ची सब्जियां हानिकारक क्यों?
पके हुए भोजन की तुलना में कच्चे खाद्य पदार्थ शरीर के लिए पचाने में कठिन होते हैं। कच्ची चीजें अवशोषण को धीमा करती हैं और अग्नि को कम कर सकती हैं जिससे पाचन धीमा हो सकता है। कुछ कच्चे खाद्य पदार्थों में एंटी-पोषक तत्व भी होते हैं, जो वास्तव में खाद्य पदार्थों के पोषण अवशोषण को पूरी तरह से रोकते हैं। यह वजह है कि उन्हें पकाने की सलाह दी जाती है।
गंभीर लक्षण
यदि आप मतली, थकान, चक्कर आना, सूजन, दस्त या आईबीएस जैसे लक्षणों को महसूस कर रहे हैं, तो जाहिर है आपके शरीर में सब कुछ ठीक नहीं है। आपको ज्यादा मात्रा में कच्ची सब्जियों का सेवन नहीं करना चाहिए क्योंकि वे परजीवियों के घर हैं, जो सिर्फ धोने से नष्ट नहीं होते हैं।
हरी सब्जियां खाने का सही तरीका
हरी सब्जियों को हल्की भाप दे सकते हैं, उबला सकते हैं या कुछ मसालों के साथ पका सकते हैं। कुछ लोगों का मानना है कि पकाने से उनके पोषक तत्व खत्म हो सकते हैं, लेकिन अगर आप इसे पचा नहीं सकते तो वे आपके सिस्टम के लिए किसी काम के नहीं हैं। आप पत्तेदार सब्जियों को अपनी दाल, सूप, अनाज या अन्य सब्जियों के साथ भी पका सकते हैं। सब्जियों को एल्युमिनियम या तांबे के बर्तन में नहीं पकाना चाहिए।
इन कच्ची सब्जियों से बचना चाहिए
कच्चे पालक, फूलगोभी में ऑक्सालेट होते हैं जो गुर्दे की पथरी को खराब कर सकते हैं या बना सकते हैं और बड़ी मात्रा में खाने पर आयरन, कैल्शियम के अवशोषण को भी रोक सकते हैं। कच्चे केले में गोइट्रोजेन्स होते हैं जो बड़ी मात्रा में थायराइड फंक्शन को प्रभावित कर सकते हैं।
इनसे भी बनाए दूरी
पत्ता गोभी, ब्रोकली जैसी कच्ची कुरकुरी सब्जियां बड़ी मात्रा में थायराइड ग्रंथि को बाधित कर सकती हैं। कच्चे केले या बोक चोय का कच्चा सेवन करने से कुछ लोगों को सूजन हो सकती है।
किन सब्जियों का जूस बनाया जा सकता है
गाजर, चुकंदर, खीरा, अजवाइन, व्हीटग्रास, अदरक, अजमोद और सीताफल। सूजन और डकार को रोकने के लिए एक चुटकी नमक डालना न भूलें। ध्यान रहे कि एक बार में बहुत ज्यादा जूस पीने से बचें।
पाक चोई सब्जी एक साधारण और आसान व्यंजन है जो कटी हुई पाक चोई को मसालों के साथ मिलाकर पकाया जाता है। यह सब्जी विटामिन ऐ का समृद्ध तथा विटामिन सी और विटामिन के, जैसे पोषक तत्वों का अच्छा स्त्रोत है और कलौरी में कम है। इसे साइड डिश या स्नैक के रूप में लिया जा सकता है।
आजकल शुद्ध पानी पीने के बहुत से उपकरण उपयोग में आते हैं ,जैसे एक्वा गॉर्ड आदि। ये हमारी सुरक्षा के लिए हितकारी हैं पर इनके उपयोग के बाद यदि हम धोखे से सादा पानी पीने से हम बहुत जल्दी संक्रमित हो जाते हैं ,दूसरी सब्जी में घुले रसायन दूर करने का सुगम उपाय रसायन मुक्त पैदावार हो।