निप्र रतलाम (लखन पवांर)मध्यप्रदेश की शिक्षा व्यवस्था चाहे कितनी भी दूरस्थ हो लेकिन जमीनी हकीकत में आजादी के 75 वर्ष बीत जाने के बाद भी व्यवस्था को लेकर कोई सुधार नही हुआ है ,चाहे कितने भी अमृत महोत्सव मना लो लेकिन आदिवासियों के हितों के लिए शिक्षा जैसी बहुमुल्य ज्ञान की दूरदर्शिता से आने वाले कल को मजबुत करने वाले बच्चों के लिए विद्यालय तक व्यवस्थित नहीं है ,रतलाम जिले के पिपलोदा जनपद पंचयात के उम्मेद्पुरा पंचयात के छोटीनाल स्थित शासकीय माध्यमिक विद्यालय की जर्जर होती दीवारें ओर छत इस बात का सबूत हैं की शासन व शासन के मुख्य जिला शिक्षा अधिकारीयों द्वारा बच्चों के भविष्य को लेकर कोई विषेश ध्यान नही दिया जाता ओर ना ही क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि सांसद,विधायक,जिला जनपद अध्यक्ष ओर जनपद सदस्यों व पंचायत सरपंच द्वारा जिसके चलते विद्यालय में पढ़ाने वाले शिक्षक द्वारा बच्चों को विद्यालय से बाहर बिठाकर पढ़ाया जाता है, शिक्षक जर्जर होते स्कूल भवन के घिर जाने के डर से स्कुल में नही बिठाते ग्रामवासीयो द्वारा बताया गया की छोटीनाल में बच्चे पड़ने आते है लेकिन स्कूल भवन की छत बहोत जर्जर हे कभी भी हादसा हो सकता हें स्कूल में बारिश के दिनों में कक्षा मे पानी भर जाता है ,मध्यान भोजन बनाने वाले कक्ष में भी पानी भरा रहता ह्वै लेकिन ग्रामीण क्षेत्र के विद्यालयों पर कोई ध्यान नही देता जनपद सदस्य चुनाव के समय वोट मांगने आए थे लेकिन 12 नंबर वार्ड से डी .पी धाकड़ जीतने के बाद अब तक नही आए वही बड़ीनाल में मिडिल स्कूल हे लेकिन वहा शिक्षक द्वारा सही से पड़ाया नही जाता जिससे बच्चों का भविष्य खराब हो रहा हैं। उक्त विद्यालय के संबंध में जनपद सदस्य डी.पी धाकड़ से जवाब मांगने पर गांव जाकर समस्या देखने की बात कही गई।