डॉ बी एल प्रजापति उज्जैन
मध्य प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान नित नए कार्यों के लिए घोषणा करते रहते हैं कुछ क्षेत्रों में उनके कार्य निश्चित रूप से प्रशंसनीय है परंतु उज्जैन को एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने कि उनकी घोषणा की आज तक पूरी नहीं हो पाई है
उज्जैन भगवान श्री कृष्ण के विद्या अध्ययन की स्थली होकर शिक्षा के क्षेत्र में सांस्कृतिक एवं पौराणिक महत्व की नगरी है इसलिए इसको उज्जैन को एजुकेशन हब के रूप में विकसित किया जाना अति आवश्यक है श्री कृष्ण के अनन्य भक्त उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन जी यादव के कार्यकाल में इस प्रकार की सौगात मिलना संभव नहीं हो पाया तो निश्चित ही उज्जैन को कभी भी एजुकेशन हब के रूप में विकसित करने का अवसर नहीं मिल पाएगा।
लेकिन मध्य प्रदेश सरकार और उच्च शिक्षा मंत्री की शिक्षा नीति गरीबों के लिए सुलभ शिक्षा उपलब्ध कराने के प्रति अपनी असंवेदनशीलता की ओर अग्रसर नहीं हो रही है ,क्या शिक्षा क्षेत्र में असमानता का उन्हें एहसास तक नहीं हो रहा है, क्या? मध्यप्रदेश में गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का अधिकार नहीं है ,क्या गरीबों के बच्चे डॉक्टर वकील इंजीनियर बन पाए इसके लिए सरकार की और से अच्छे प्रयास नहीं किए जाना चाहिए , सरकार मेधावी छात्र छात्राओं के अलावा उन छात्र छात्राओं के बारे में भी सोचे जो मेघावी योजना के लिए निर्धारित अंकों तक पहुंच पाने में असफल रहे हैं लेकिन वह भी पढ़ना चाहते हैं
विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन में डिपार्टमेंट में पढ़ाई के नाम पर छात्रों से निजी महाविद्यालय से अधिक फीस लिया जाना इस बात की ओर संकेत करता है की मध्य प्रदेश सरकार गरीब बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने से या तो रोकना चाहती है या फिर शिक्षा के निजीकरण को बढ़ावा देने के लिए निजी महाविद्यालयों के समकक्ष फीस तय करके शिक्षा के निजीकरण को बल देना चाहती है
वर्तमान में विक्रम विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट से शुरू हो रहे बी ए एल एल बी पाठ्यक्रम से गरीब परिवार के बच्चों को कुछ उम्मीद थी कि 12 वीं के बाद हम सीधे गवर्नमेंट कॉलेज से बी ए एल एल बी की शिक्षा ग्रहण कर पाएंगे ,परंतु डिपार्टमेंट से शुरू होने वाले इस नवीन पाठ्यक्रम की सौगात शायद गरीब परिवार के बच्चों की पहुंच से दूर ही रहेगी ऐसा प्रतीत होता है, क्योंकि जिस प्रकार से इस पाठ्यक्रम में प्रवेश के लिए आवेदन शुल्क लिया जा रहा है इससे अनुमान लिया जाए लगाया जा सकता है यह सुविधा गरिबों के लिए नहीं वरन अमीर घराने के बच्चों तक ही सीमित रहने वाली है क्योंकि आवेदन शुल्क से अनुमान लगाया जा सकता है कि पाठ्यक्रम की वार्षिक फीस लगभग पचास से पचपन हजार रहने वाली है
जबकि सर्व सुविधा युक्त नवसंवत निजी महाविद्यालय में इस पाठ्यक्रम की वार्षिक फीस मात्र पच्चीस हजार रुपए है
यदि मध्य प्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री डॉ मोहन जी यादव एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह जी चौहान शिक्षा के प्रति अपनी संवेदनशीलता दिखाएं तो निश्चित ही शासन द्वारा विक्रम विश्वविद्यालय के डिपार्टमेंट में शुरू होने वाले बी ए एल एल बी के इस नवीन पाठ्यक्रम को गरीब बच्चों की पहुंच तक पहुंचाने के लिए सोलह , सत्रह हजार रुपए वार्षिक फीस तय करके उज्जैन जिले को सौगात देकर गरीबो के होनहार बच्चों को उच्च शिक्षा प्राप्त करने का सुनहरा अवसर दे सकते है
यदि मध्य प्रदेश के उच्च शिक्षा मंत्री एवं प्रदेश के मुखिया श्री शिवराज सिंह जी चौहान शिक्षा के क्षेत्र में हो रहे निजी करण और व्यवसायीकरण को रोकना चाहते हैं तो निश्चित भी इस प्रकार के असमानता भरे व्यवहार को नियंत्रित करें और जिस प्रकार से आपने मेधावी छात्र छात्राओं को हर प्रकार की सुविधा देने के लिए सरकार से सहयोग देने का संकल्प लिया है ठीक उसी प्रकार विक्रम विश्वविद्यालय सहित प्रदेश के समस्त विश्वविद्यालयों में संचालित होने वाले हैं पाठ्यक्रम की इस व्यवस्था को लेकर सजगता दिखाएं ।
प्रदेश के सजग मीडिया जगत के सभी साथियों से भी आग्रह है की सरकार का इस ओर ध्यानाकर्षण करेंगे तो मुझे आशा ही नहीं पूर्ण विश्वास है की मीडिया जगत के इस जनहितैषी मुद्दे पर
मध्यप्रदेश सरकार के उच्च शिक्षा मंत्री एवं प्रदेश के मुख्यमंत्री श्री शिवराज जी चौहान सकारात्मक निर्णय लेंगे और विक्रम विश्वविद्यालय उज्जैन द्वारा शुरू किए जाने वाले बी ए एल एल बी पाठ्यक्रम की न्यूनतम फीस तय करके प्रदेश में गरीब परिवारों के बच्चों को उच्च शिक्षा ग्रहण करने का मार्ग प्रशस्त करेंगे