शहर की अग्रणी संस्थाआंे में शुमार है ‘‘संस्था अग्रमंच’’
इंदौर(माधव एक्सप्रेस)
अग्रवाल समाज की अग्रणी ‘‘संस्था अग्रमंच’’ की स्थापना आज से सात वर्ष पहले आशीष गोयल (फिल्म) द्वारा अपने पिता श्री ओ.पी. गोयल (वरिष्ठ समाजसेवी, फिल्म वितरक) की प्रेरणा एवं मार्गदर्शन से की थी।
*‘‘संस्था अग्रमंच’’ ने अपनी स्थापना के पश्चात से यानि 7 साल में कई समाजसेवी गतिविधियां, सांस्कृतिक गतिविधियां एवं धार्मिक आयोजन किये जिन्हे समाज ही नही वरन शहर भर के लोगों ने खूब सराहाना।*
संस्थापक आशीष गोयल ‘‘संस्था अग्रमंच’’ की स्थापना के उद्देश्य में शत-प्रतिशत सफल रहे, संस्था द्वारा पूरे वर्षभर शहर में समाजसेवा की गतिविधियां आयोजित की जाती हैं जिसमें विशेष रूप से लॉकडाउन में समाज के लगभग 5000 परिवारों को राशन किट का वितरण, ऑक्सिजन कंस्ट्रेटर मशीन, मास्क, सेनेटाईजर का वितरण, पूर्व के वर्षों में गरीब बच्चों को शैक्षणिक सामग्री वितरण, पौधा वितरण, पौधा रोपण, बाल आश्रम में बच्चों की सेवा, वृद्धाश्रम में सेवा के साथ सांस्कृतिक गतिविधियों में बच्चों का रैम्प-शो, कपल्स रैम्प शो, बालीवुड कलाकारों की उपस्थिति में प्रतियोगिताऐं, राखी मेला का आयोजन, दिवाली मेला के साथ ही लॉकडाउन में बच्चों एवं बड़ों के लिये ऑनलाईन में कई
प्रतियोगिताओं का आयोजन एवं धार्मिक आयोजनों में रानी सती दादी मंगल पाठ, तुलसी विवाह, फाग उत्सव, गणगौर उत्सव, गणगौर बाना, हरियाली तीज उत्सव, रक्षाबंधन उत्सव, नवरात्र में गरबा उत्सव, नवरात्र में बिजासन तक भव्य तांगा यात्रा सहित अनेक ऐसे कार्यक्रम किये हैं। महाराजा अग्रसेन जी का दुग्धाभिषेक एवं दिपावली पर प्रतिमा स्थल पर 5 दिवसीय दीप प्रज्वलन आयोजन एवं महालक्ष्मी जी एवं अग्रसेन महाराज की शुरूआत शहर में ‘‘संस्था अग्रमंच’’ द्वारा की गई है। आज ‘‘संस्था अग्रमंच’’ में लगभग 185 युवा कपल्स सक्रिय रूप से जुड़े हुए हैं ।
‘‘संस्था अग्रमंच’’ द्वारा अपनी स्थापना के 7 वर्ष में लगभग 600 छोटे-बड़े यादगार आयोजन किये जो शहर भर में चर्चा का केन्द्र रहे। ‘‘संस्था अग्रमंच’’ द्वारा लॉकडाउन मंे जो ऑनलाईन प्रतियोगिताऐं, मंगल पाठ के आयोजन किये वे उनको शहर ने सराहा, आशीष गोयल द्वारा ही अग्रसेन जयंती के अवसर पर शहर में निकलने वाली यात्रा में पहली बार महाराजा अग्रसेन जी का ‘‘एक रूपये - एक ईंट’’ का संदेश देती हुई आकर्षक झांकी भी निकाली जिसमें सर्जिकल स्ट्राईक के जवानों की विजय को भी दर्शाया गया था जो आकर्षण का केन्द्र रही।
निर्धन बच्चों को, पाठ्य पुस्तकें वितरण कर उन्हे पढाई में रुचि पैदा करवा कर, उन्हे उनके भविष्य के लिए मार्गदर्शन करना ही अग्रमंच का प्रथम उद्देश्य रहा है।
संस्था अग्रमंच का सिद्धांत है कि
..खेल और अनुशासन किंतु ज्ञान सर्वोपरी
‘‘संस्था अग्रमंच’’ की स्थापना के पश्चात से ही श्री शैलेष गर्ग संस्था से जुड़े हैं तथा वे संस्था के संरक्षक हैं।