अपराधों की जांच में फॉरेंसिक विज्ञान के बढ़ते उपयोग को देखते हुए इस क्षेत्र में रोजगार के अवसर बढ़े हैं। हाल के दिनों में फॉरेंसिक साइंस का उपयोग तेजी से बढ़ा है। इसके प्रयोग को देखते हुए इस क्षेत्र में रोजगार की काफी संभावनाएं पैदा हुई हैं।
क्या है फॉरेंसिक विज्ञान
किसी अपराध की जांच के लिए वैज्ञानिक सिद्धांतों का उपयोग फॉरेंसिक विज्ञान कहलाता है। इस क्षेत्र में काम करने वाले पेशेवर फॉरेंसिक साइंस विज्ञानी होते हैं।
ये पेशेवर नई तकनीकों का इस्तेमाल कर सबूतों की जांच करते हैं और अपराधियों को पकड़ने में मदद करते हैं। ये क्राइम लैबोरेटरी आधारित जॉब है, जिसमें सबूतों की समीक्षा करना होता है.
इस क्षेत्र में प्रवेश लेने के लिए फिजिक्स, केमेस्ट्री और बायोलॉजी, माइक्रोबायोलॉजी, मेडिकल टेक्नोलॉजी या जेनिटिक्स जैसे विषयों में बैचलर डिग्री होनी चाहिए। वहीं, कुछ दूसरे जॉब में लैब अनुभव भी मांगा जाएगा। बैचलर डिग्री के अलावा आप मास्टर डिग्री या डिप्लोमा फॉरेंसिक साइंस में कर सकते हैं।
इस क्षेत्र में ज्यादातर जॉब सरकारी सेक्टर में है। यहां पुलिस, लीगल सिस्टम, इंवेस्टिगेटिव सर्विस जैसे जगहों पर जॉब मिल सकती है। वहीं, प्राइवेट एजेंसी भी फॉरेंसिक साइंटिस्ट्स को हायर करती है। ज्यादातर फॉरेंसिक साइंटिस्ट इंटेलिजेंस ब्यूरो और सीबीआई की ओर से हायर किए जाते हैं। इसके अलावा एक टीचर के रूप आप फॉरेंसिक साइंस को किसी इंस्टीट्यूट में पढ़ा कर अच्छा खासा कमा सकते हैं। योग्यता के आधार पर आपका वेतन 20-50 हजार रुपये तक या उससे ज्यादा भी हो सकती है।
योग्यताएं
बातचीत करने में कुशल हो क्योंकि कोर्ट में अपनी बातों को साबित करने के लिए बेहतर संवाद के तरीके आना जरूरी हैं। कई तरह के टेस्ट रिपोर्ट लिखने होंगे, इसलिए राइटिंग स्किल भी अच्छी होनी चाहिए।
फॉरेंसिक साइंस कोर्स के लिए शीर्ष संस्थान
इंस्टीट्यूट ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, नई दिल्ली
लोक नायक जयप्रकाश नारायण नेशनल इंस्टीट्यूट
ऑफ क्रिमिनोलॉजी एंड फोरेंसिक साइंस, दिल्ली
अन्ना यूनिवर्सिटी, चेन्नई
सेंट्रल फॉरेंसिक साइंस लेबोरेट्री, हैदराबाद
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