निप्र रतलाम मध्य प्रदेश रतलाम जिले में जिला कलेक्टर कार्यालय समीक्षा बैठक में अधिकारियों द्वारा कहा गया कि कोई बहाना नहीं चलेगा, चुनाव का कार्य लगभग पूर्ण हो चुके है। चुनाव या कोरोना का बहाना मत बनाना, सभी अधिकारी अपने विभागीय दायित्व की पूर्ति में जुट जाएं, शत प्रतिशत रिजल्ट देवे। उक्त निर्देश कलेक्टर श्री नरेंद्र सूर्यवंशी द्वारा रविवार को आयोजित समय सीमा पत्रों की समीक्षा बैठक में अधिकारियों को दिए गए। सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े, अपर कलेक्टर श्री एम.एल. आर्य, प्रभारी निगम आयुक्त श्री अभिषेक गहलोत, एसडीएम श्री संजीव पांडे, सुश्री कृतिका भीमावद तथा अन्य जिला स्तरीय अधिकारी उपस्थित थे। कलेक्टर ने अधिकारियों को स्पष्ट निर्देश किया कि न केवल स्वयं कार्यशैली में कसावट लाए बल्कि अपने अधीनस्थ अधिकारियों को भी कार्य में मुस्तैद रखें। नियमित रूप से मैदानी अधिकारियों की बैठकें आयोजित कर समीक्षा करते रहें। इसी के साथ प्रत्येक माह जिले के तीन विकासखंड मुख्यालयों पर पहुंचकर राजस्व तथा विकास से जुड़े अधिकारियों की बैठकें लेकर प्रगति की समीक्षा करेंगे, बल्कि सप्ताह में दो दिवस वीसी के माध्यम से भी अधिकारियों के परफॉर्मेंस की समीक्षा भी कलेक्टर द्वारा की जाएगी। सीईओ जिला पंचायत श्रीमती जमुना भिड़े, अपर कलेक्टर एम.एल. आर्य तथा अभिषेक गहलोत द्वारा भी दो-दो विकासखंडों में प्रत्येक माह पहुंचकर समीक्षा की जाएगी। कलेक्टर बैठक में राजस्व अधिकारियों को निर्देशित किया कि आम आदमी की समस्या को संवेदनशीलता के साथ सुनें, उसकी समस्या का निराकरण करें कलेक्टर ने कहा कि राजस्व अधिकारी आम आदमी की पीड़ा को समझे। वह व्यक्ति जब अपने सीमांकन जैसे छोटे से कार्य के लिए पटवारी से लेकर नायब तहसीलदार, तहसीलदार तथा एसडीएम से होते हुए कलेक्टर तक अपनी परेशानी के निराकरण के लिए आता है तो उसकी पीड़ा को समझा जा सकता है। कलेक्टर ने स्पष्ट कहा कि आम आदमी को पीड़ा देने वाले राजस्व अधिकारी के विरुद्ध आपराधिक प्रकरण दर्ज होना चाहिए। साथ ही कड़ी चेतावनी भी राजस्व अधिकारियों को दी कि अपने फायदे लालच के लिए किसी भी व्यक्ति का काम जान-बूझकर अटकाकर रखा तो अपनी नौकरी को सुरक्षित नहीं माने, वह निश्चित रूप से दंडित होगा। कलेक्टर ने अधिकारियों को मुख्यमंत्री हेल्पलाइन के निराकरण को सर्वोच्च प्राथमिकता से करने के निर्देश दिए। मुख्यमंत्री हेल्पलाइन की समीक्षा में लोक स्वास्थ्य यांत्रिकी, जिला शिक्षा विभाग, जनजाति कार्य विभाग, पशु चिकित्सा, श्रम, कृषि विभागों की सर्वाधिक शिकायतें लंबित पाई गई। कलेक्टर ने जनसुनवाई की लंबित 1296 शिकायतों का भी प्राथमिकता से निराकरण के निर्देश दिए।