निप्र, रतलाम मध्य प्रदेश में कूल 500-600 विनियमित कृषि मंडियां हैं। प्रदेश में राज्य मंडी बोर्ड सेवा 1972 में शुरू की गई थी।नीतियों के अनुरूप कृषि उपज मंडियों की व्यवस्था द्वारा किसानों को उपज बेचने के लिए गांव से लेकर उपज मंडी तक सड़कों का निर्माण कराया गया लेकिन वर्तमान में कृषि उपज मंडियों की दशा विचार नहीं होती जा रही है पूर्व कृषि मंत्री स्वर्गीय महेंद्र सिंह कालूखेड़ा के शासन के दौरान किसानों को आर्थिक रूप से सशक्त बनाने के लिए रतलाम जिले में जावरा स्थित नरेंद्र सिंह चंद्रावत कृषि उपज मंडी को किसानों के हित के लिए अरनिया पिथा क्षेत्र में विकसित करवाया गया, प्रदेश भर में मंदसौर के साथ जावरा स्थित कृषि उपज मंडी का नाम विख्यात है लेकिन वर्तमान में धीरे धीरे रतलाम जिले की जावरा अरनियापिथा स्थित नरेंद्र सिंह चंद्रावत कृषि उपज मंडी के साथ जावरा खाचरोद नाका स्थित कैलाश नाथ काटजू कृषि उपज मंडी वाह बड़ावदा मंडी एवं पिपलोदा मंडी कर्मचारियों की कमी के कारण किसानों और व्यापारियों को अव्यवस्था का सामना करना पड़ रहा है कई दिनों से जावरा में लहसुन की बंपर आवक होने पर भी किसानों को 4 से 5 दिन तक नीलामी के लिए इंतजार करना पड़ रहा है ऐसी स्थिति अन्य मंडियों बड़ावदा पिपलोदा मैं भी बनी हुई है व्यापारियों द्वारा बताया गया की व्यवस्था नदारद है पिपलोदा मंडी में पानी की व्यवस्था तक नहीं है वही खाचरोद नाका मंडी प्रांगण में गंदगी ही गंदगी पसरी हुई है प्रदेश शासन द्वारा कृषि उपज मंडी मैं ध्यान नहीं दिया जा रहा वही मंडियों में फैलती अव्यवस्था के कारण किसानों को अन्य मंडियों में भटकना पड़ रहा है प्रदेश मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान व कृषि मंत्री कमल पटेल किसानों के उपज के विक्रय केंद्र व आर्थिक रूप से सशक्त करने वाली विश्व पटल की नीतियों की बात तो करते हैं, लेकिन मंडियों की स्थितियों पर ध्यान न देने के कारण आज वर्तमान में किसान आत्मनिर्भर की नीतिया अयोग्य होती नजर आ रही है, वही चुप्पी साधे विपक्ष के नेता किसान हितों को लेकर कोई आवाज नहीं उठा रहे हैं ,जिसके कारण लाखों रुपए की राजस्व हानि मंडी प्रांगण की अव्यवस्था के कारण राज्य शासन को हो रही है लेकिन मंडी बोर्ड द्वारा कोई नियुक्ति नहीं निकाली जा रही, कई मंडियों में कम कर्मचारियों के कारण अधिक आवक होने पर व्यवस्था असंतोष होने पर वाद विवाद की स्थितियां निर्मित हो जाती है लेकिन प्रदेश मंत्री पटेल से लेकर रतलाम जिला प्रभारी मंत्री ओ .पी. एस भदौरिया वहीं क्षेत्रीय जनप्रतिनिधि द्वारा कोई ध्यान नहीं दिया जा रहा, जिसके कारण वर्तमान में किसानों को मंडी प्लेटफार्म पर उपज रखने की सुविधा व्याप्त नहीं हो पा रही है प्लेटफार्म पर व्यापारी द्वारा उपज को खरीद के उपरांत रख दिया जाता है जिससे प्लेटफार्म भरे हुए रहते हैं बारिश के दौरान भी प्लेटफार्म खाली नहीं किए जाते जिससे किसानों को असुविधा का सामना करना पड़ता है मंडी सेक्रेटरी आरके जैन द्वारा जावरा क्षेत्र से लगी मंडियों की असुविधा पर जवाब मांगने पर जवाब देने से ना कह दिया गया, जिसके उपरांत एसडीएम हिमांशु प्रजापति द्वारा जवाब तलब किया गया लेकिन उन्होंने भी जवाब सेक्रेटरी द्वारा पूछने का कहा जिस पर सेक्रेटरी द्वारा कहां गया की मंडी प्रांगण में कर्मचारियों की कमी है वही मंडी के संबंध में कुछ नहीं कहना चाहता।