संत नगरी थांदला में होगा सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन वागवार औदीच्या ब्राह्मण समाज करेगा के नेतृत्व में होगा अयोजन
थांदला से (विवेक व्यास, माधव एक्सप्रेस) भगवान परशुराम की कृपा एवं समर्थ सद्गुरु की प्रेरणा से वागवार औदीच्य ब्राह्मण समाज थांदला द्वारा सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का पुण्य संस्कार आयोजन होने जा रहा है जिस हेतु संपन्न हुई बैठक में इस कार्यक्रम के संयोजक एवम समाज के अध्यक्ष किशोर आचार्य ने बताया कि 1997 में आखिरी बार थांदला में सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन हुआ था उसके बाद अब यह योग आया है जिसमें कई बटुको के भाग लेने व माता-पिता की इच्छा अनुसार सामूहिक यज्ञोपवीत संस्कार का आयोजन किया जाएगा ब्राह्मण समाज व लबाना समाज में आज भी यज्ञोपवित संस्कार का बहुत ही महत्व है वह पौराणिक कथाओं में भी 24 संस्कारों में से एक संस्कार यह है कि जब बच्चा बाल्यकाल में हो तो उसे अग्नि के सामने सात वचनों के साथ शपथ दिलाई जाती है
जनेऊ यज्ञसूत्र ,व्रतबंध, बलबंध और ब्रह्सूत्र भी कहते हैं जनेऊ धारण करने की परंपरा बहुत प्राचीन है वेदों में जनेऊ धारण करने की हिदायत दी जाती है इसे उपनयन संस्कार उपनयन का अर्थ है पास या सन्निकट ले जाना किसके पास ब्रह्मा ईश्वर और ज्ञान के पास ले जाना हिंदू धर्म के 24 संस्कारों में से एक उपनयन संस्कार के अंतर्गत ही जाती है जिसे यज्ञोपवीत संस्कार भी कहा जाता है मुंडन और पवित्र जल से स्नान भी इस संस्कार के अंग होते हैं यज्ञोपवीत धारण करने वाले व्यक्ति को सभी नियमों का पालन करना अनिवार्य होता है एक बार जनेऊ धारण करने के बाद मनुष्य उसे उतार नहीं सकता !
आज स्थानीय पट्टाबीराम मंदिर में भागवत जी के युवाओं द्वारा बैठक ली गई वह उसमें सभी को कार्यक्रम में होने वाले सभी आयोजनों की रूपरेखा तैयार कर प्रभार बांटे गए जिसमें प्रमुख रुप से 18 तारीख को सुबह 7:00 बजे से ही कार्यक्रम शुरू हो जाएंगे और उसमें 9:00 बजे यज्ञोपवित संस्कार का कार्यक्रम शुरू हो जाएगा जिसके लिए विभिन्न विभागों का वितरण किया गया जिसमें प्रमुख रुप से मानस आचार्य मनीष भट्ट ऋषि भट्ट प्रशांत उपाध्याय वचन आचार्य समर्थ उपाध्याय मयंक आचार्य पुनीत शुक्ला किशोर उपाध्याय राजू अध्याय हेमंत उपाध्याय भट्ट तुषार भट्ट भूषण भट्ट देव जोशी टीनू आचार्य गर्व आचार्य उत्पल भट्ट निखिल भट्ट वैभव पाठक मौजूद रहे वत्सल आचार्य ने बताया कि इस कार्यक्रम को बहुत ही पौराणिक तरीके से मनाया जाना है जिसके लिए सभी को अपने-अपने प्रभार बांट दिए गए हैं वह 16 तारीख से ही भव्य तैयारियां शुरू हो जाएगी