मुंगावली/माधव एक्सप्रेस
(शंकर सिंह राजपूत)
मुंगावली । जहां किसान को अन्नदाता कहा जाता है वहीं एक किसान का कहना है कि बहुत-बहुत धन्यवाद कृषि उपज मंडी मुंगावली व्यापारियों को कृषि प्रधान देश में किसानों की जो दुर्गति हो रही है उसका जिम्मेदार कौन आज मैं खुद मुंगावली उपज मंडी के व्यापारियों का शिकार हुआ । आज मेरी सरसों की बोली 4150 रुपए लगाने के लिए विनायक ट्रेडर्स का बहुत-बहुत धन्यवाद जिन्होंने मेरी फसल एवं मेरा मान रखा, क्योंकि आज व्यापारी मेरी ट्रॉली की बोली लगाने के लिए तैयार ही नहीं हो रहे थे। जब मैंने मंडी सेक्रेटरी से निवेदन किया कि कम से कम बोली तो लगाओ तब जाकर 3800 से बोली चालू हुई और 4150 पर जाकर बंद हुई तो बस यही कहूंगा की जिस तरह जिस तरह का तानाशाही रवैया मुंगावली व्यापारियों का विगत 3 दिनों से चल रहा है उस तरह का रवैया यदि आगे भी चलता रहा तो मुंगावली क्षेत्र के किसानों को लूटने से कोई नहीं रोक सकता और मैं यह नहीं कहता कि मेरी सरसों हंड्रेड परसेंट सही थी। मात्र 5 परसेंट नमी सरसों में थी और इससे पहले जब मैं सरसों लाया 14 तारीख को वही सरसों मेरी 5690 विकी और आज वही सरसों की बोली 4150 रुपए लगाई गई । इस तरह व्यापारियों की मनमानी चलते हुए मैंने जब एसडीएम महोदय को फोन लगाया तो उन्होंने मीटिंग में हूं ना बताया और मैं चाहता तो मैं भी उधम कर सकता था मगर ऐसा इसलिए नहीं किया कि व्यापारी तो अपनी मनमानी चला ही रहे हैं और किसान और भी ज्यादा परेशान हो जाता और सबसे ज्यादा विडंबना तो इस बात की है कि जहां एक और हमारे माननीय राज्य मंत्री खुद किसानों की लड़ाई लड़कर आज इस मुकाम पर पहुंचे हैं वह भी आज विगत 3 दिनों से हो रही धांधली की ओर ध्यान आकर्षित नहीं कर रहे और हमारे माननीय सांसद जी किसान पुत्र होने के साथ खुद भी किसानी से जुड़े हुए हैं तो किसान की इन परिस्थितियों और मजबूरियों का जो फायदा उठाया जा रहा है वह काफी दुखद है और कोई भी किसान नेता मंडी में आकर किसानों की सुध नहीं ले रहा है। इसी के चलते जो तानाशाही रवैया व्यापारियों का चल रहा है वो कहीं ना कहीं दुखदाई है गलती हम सब की है जो इन राजनेताओं और प्रशासन से आशा रखते हैं। मैं एक बात और बताना चाहता हूं कि मैंने अपनी ट्रॉली कैंसिल करा कर घर वापस भेज दी है। पर शासन प्रशासन से मेरी द्वारा किसानों को इस तरह परेशान किया जाना उचित नहीं है।