दुनिया बदल रही, कोई भी एकतरफा फैसला नहीं चलेगा..
नई दिल्ली (माधव एक्सप्रेस)। भारत दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा है कि भारत-चीन संबंध सहयोग की दिशा में सकारात्मक रुझान दिखा रहे हैं। उन्होंने इस बात पर जोर दिया कि दोनों देशों को एक-दूसरे को प्रतिद्वंद्वी के रूप में नहीं, बल्कि साझेदार के रूप में देखना चाहिए। भारत दौरे पर आए चीनी विदेश मंत्री वांग यी और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार (एनएसए) अजीत डोभाल के बीच मंगलवार को अहम बैठक हुई। इस दौरान डोभाल ने कहा कि सीमा पर शांति और सौहार्द बना हुआ है। मुझे उम्मीद है कि विशेष प्रतिनिधियों की वार्ता सफल होगी। हमारे प्रधानमंत्री एससीओ शिखर सम्मेलन के लिए चीन का दौरा करने वाले हैं। इसलिए आज की वार्ता बहुत महत्वपूर्ण है। चीनी विदेश मंत्री वांग यी ने कहा, सीमा विवाद पर चीन और भारत के विशेष प्रतिनिधियों के बीच वार्ता के इस दौर के लिए नई दिल्ली में आपसे फिर मिलकर मुझे बहुत खुशी हो रही है। पिछले कुछ वर्षों में हमें जो असफलताएं झेलनी पड़ीं, वे दोनों देशों की जनता के हित में नहीं थीं। फिर पिछले साल अक्तूबर में राष्ट्रपति शी जिनपिंग और प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी के बीच कजान में एक महत्वपूर्ण बैठक हुई। उस बैठक ने हमारे द्विपक्षीय संबंधों के विकास की दिशा तय की और सीमा विवाद के उचित समाधान के लिए प्रोत्साहत किया। 23वें दौर की वार्ता बहुत अच्छी रही चीनी विदेश मंत्री ने कहा कि सीमाओं पर अब जो स्थिरता बहाल हुई है, उसे देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। उन्होंने कहा कि पिछले साल के अंत में विशेष प्रतिनिधियों की 23वें दौर की वार्ता बहुत अच्छी रही। उस बैठक में हम मतभेदों के समाधान, सीमाओं को स्थिर करने और समाधान की दिशा में आगे बढऩे पर एक नई और महत्वपूर्ण सहमति पर पहुंचे। हमने विशिष्ट लक्ष्यों की पहचान की और एक कार्यशील ढांचा तैयार किया। सीमाओं पर अब जो स्थिरता बहाल हुई है, उसे देखकर हमें बहुत खुशी हो रही है। मैं भारतीय पक्ष के विशेष प्रतिनिधि के रूप में आपके (अजीत डोभाल) प्रयासों की सराहना करता हूं। अब द्विपक्षीय संबंधों में सुधार और विकास का एक महत्वपूर्ण अवसर है। सहयोग से दो महान सभ्यताओं को फायदा होगा उन्होंने कहा कि इससे दो महान सभ्यताओं को लाभ होगा जिससे एशिया और पूरे विश्व को स्थिरता मिलेगी। रिपोर्ट के अनुसार, दोनों देश द्विपक्षीय संबंधों की गति बनाए रखने पर सहमत हुए। वांग की भारत यात्रा को दोनों देशों के बीच संबंध सुधार की कोशिश के रूप में जो देखा जा रहा है जो 2020 में गलवान घाटी संघर्ष के बाद गंभीर तनाव की स्थिति से गुजर रहा है। चीनी विदेश मंत्री ने की अमेरिका की आलोचना वांग ने अपने भारत दौरे में अमेरिका की आलोचना भी की है। अप्रत्यक्ष रूप से अमेरिका की आलोचना करते हुए उन्होंने कहा कि दुनिया बदल रही है और इस बीच एकतरफा तरीके से धमकाने का ट्रेंड भी बढ़ता जा रहा है जो कि अब नहीं चलेगा। उन्होंने कहा कि मुक्त व्यापार और अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को गंभीर चुनौतियों का सामना करना पड़ रहा है, क्योंकि मानवता विश्व की भविष्य की दिशा तय करने के लिए अहम चौराहे पर पहुंच गई है। वांग ने कहा कि 2।8 अरब से अधिक की संयुक्त जनसंख्या वाले दो सबसे बड़े विकासशील देशों के रूप में, चीन और भारत को वैश्विक जिम्मेदारी की भावना दिखानी चाहिए, बड़ी शक्तियों के रूप में काम करना चाहिए, एकता के जरिए शक्ति हासिल कर विकासशील देशों के लिए एक उदाहरण स्थापित करना चाहिए। उन्होंने कहा कि भारत और चीन को बहुध्रुवीय दुनिया में योगदान देना चाहिए और अंतरराष्ट्रीय संबंधों के लोकतंत्रीकरण को बढ़ावा देने में योगदान देना चाहिए।
