
इंदौर, (मध्य प्रदेश,): इंडियन डायटेटिक एसोसिएशन (आईडीए) के मध्य प्रदेश चैप्टर ने कैलिफ़ोर्निया
बादाम बोर्ड के सहयोग से इंदौर के सयाजी होटल में पोषण और डायटेटिक्स विशेषज्ञों के लिए एक शैक्षिक सत्र आयोजित
किया। इस कार्यक्रम का उद्देश्य कैलिफ़ोर्निया बादाम के पोषण संबंधी गुणों और उन्हें रोज़ाना के आहार में शामिल करने से
होने वाले फायदों के बारे में जानकारी देना था।
इस सत्र का नेतृत्व न्यूट्रिशन और वेलनेस कंसल्टेंट शीला कृष्णस्वामी ने किया। उन्होंने कैलिफ़ोर्निया बादाम पर हुए
हालिया शोधों की जानकारी साझा की, जो बादाम बोर्ड ऑफ कैलिफ़ोर्निया द्वारा प्रायोजित थे और प्रो. मार्क कर्न, डॉ.
ओलिवर सी. विटार्ड और डॉ. अनूप मिश्रा द्वारा किए गए थे। इन अध्ययनों में पाया गया कि कैलिफ़ोर्निया बादाम
मांसपेशियों की रिकवरी और प्रीडायबिटीज को नियंत्रित करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं।
कार्यक्रम के दौरान एक पैनल चर्चा भी आयोजित की गई, जिसमें न्यूट्रिशन और वेलनेस कंसल्टेंट शीला कृष्णस्वामी,
आईडीए मध्य प्रदेश चैप्टर की संयोजक विनीता जायसवाल और ग्लोबल इमरजेंसी न्यूट्रिशन कंसल्टेंट कल्पना गजरे
शामिल रहीं। इस चर्चा का संचालन विनीता जायसवाल ने किया।
कैलिफ़ोर्निया बादाम से मांसपेशियों की रिकवरी में सुधार
चर्चा के दौरान कृष्णस्वामी ने सैन डिएगो स्टेट यूनिवर्सिटी के प्रोफेसर डॉ. मार्क कर्न, पीएचडी, आरडी, सीएसएसडी द्वारा
किए गए अध्ययन का उल्लेख किया। इस अध्ययन में पाया गया कि आठ हफ्तों तक रोज़ाना दो औंस (लगभग 56 ग्राम)
बादाम खाने से मांसपेशियों की मजबूती बढ़ती है, मांसपेशियों में होने वाले दर्द और नुकसान को कम किया जा सकता है।
यह लाभ विशेष रूप से उन लोगों में देखा गया जो शारीरिक रूप से सक्रिय या हल्के मोटापे से ग्रसित थे। अध्ययन में यह
भी बताया गया कि बादाम खाने से वर्कआउट के बाद की थकान और मांसपेशियों की जकड़न में भी कमी आती है, जिससे
लोग अपने फिटनेस रूटीन को लगातार बनाए रख सकते हैं।
प्रीडायबिटीज और ब्लड शुगर नियंत्रण में बादाम की भूमिका
इस बीच कृष्णस्वामी ने किंग्स कॉलेज लंदन के सीनियर लेक्चरर डॉ. ओलिवर सी. विटार्ड के एक और अध्ययन का भी
हवाला दिया। यह अध्ययन फ्रंटियर्स इन न्यूट्रिशन जर्नल में प्रकाशित हुआ था, जिसमें पाया गया कि आठ हफ्तों तक
नियमित रूप से बादाम खाने से मांसपेशियों की कार्यक्षमता बनी रहती है और एक्सरसाइज़ के बाद की मांसपेशियों की
अकड़न कम होती है।
इस पर टिप्पणी करते हुए, शीला कृष्णस्वामी ने कहा, "एक पोषण विशेषज्ञ के रूप में, मैं हमेशा संतुलित आहार और
व्यायाम दोनों को ज़रूरी मानती हूं। कैलिफ़ोर्निया बादाम प्रोटीन का एक प्राकृतिक स्रोत हैं और ये वर्कआउट से पहले या
बाद में खाने के लिए एक बेहतरीन स्नैक हैं। इनमें मौजूद 15 आवश्यक पोषक तत्व मांसपेशियों की ताकत बनाए रखने और
रिकवरी में मदद करते हैं।"
डॉ. अनूप मिश्रा (फोर्टिस-सी-डॉक सेंटर, नई दिल्ली) द्वारा किए गए एक अन्य अध्ययन में पाया गया कि कुछ
प्रीडायबिटिक लोगों ने जब अपने आहार में नियमित रूप से बादाम शामिल किए, तो उनके ब्लड शुगर लेवल में सुधार
हुआ। खासतौर पर, भोजन से 30 मिनट पहले 20 ग्राम बादाम खाने से ग्लाइसेमिक कंट्रोल बेहतर हुआ।
इस अध्ययन पर चर्चा करते हुए, शीला कृष्णस्वामी ने कहा, "भारत में बढ़ती डायबिटीज़ की समस्या को देखते हुए स्वस्थ
खाने की आदतें अपनाना बहुत ज़रूरी है। यह अध्ययन दर्शाता है कि संतुलित आहार के साथ बादाम को शामिल करने से
प्रीडायबिटीज़ को नियंत्रित किया जा सकता है। कैलिफ़ोर्निया बादाम प्राकृतिक रूप से पोषक तत्वों से भरपूर होते हैं और वे
कार्बोहाइड्रेट-युक्त भोजन के शुगर प्रभाव को कम करने में सहायक हो सकते हैं।"
इस सत्र और पैनल चर्चा में इस बात पर ज़ोर दिया गया कि कैलिफ़ोर्निया बादाम स्वास्थ्य के लिए कितने फायदेमंद हैं। वे
न केवल मांसपेशियों की रिकवरी में मदद करते हैं, बल्कि ब्लड शुगर नियंत्रण, वज़न प्रबंधन और हृदय स्वास्थ्य को भी
बढ़ावा देते हैं। बादाम की बहुपयोगिता और पोषण संबंधी खूबियों के कारण उन्हें किसी भी आहार में आसानी से शामिल
किया जा सकता है।